शुक्रवार, 29 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. साहित्य
  3. काव्य-संसार
  4. Hindi Poem

हिन्दी कविता : हे पार्थ तुम चुनाव करो...

हिन्दी कविता : हे पार्थ तुम चुनाव करो... - Hindi Poem
समर्पण से सत्ता या संग्राम से शहीदी, 
हे मनुपुत्र तुम चुनाव करो...
चाहत कदमबोसी की है, या फूंकोगे रणभेरी, 
हे पार्थ तुम चुनाव करो...


 
कदमों के नीचे मखमली लाल कालीन होंगे,
या फिर सने होंगे तलवे रक्त की लाल लकीरों से,
महकोगे बोझ ईर्ष्या के इत्र से, 
या मिट्टी की उन्मुक्त सुगंध के वश होओगे,
हे पार्थ तुम चुनाव करो...
 
संग्राम का अंजाम अडिग है,
समर्पण में सब निश्चित है,
बांहों में लोहा पिघला लो, 
या जुबान पर लोहा जड़ लो,
हे पार्थ तुम चुनाव करो...
 
रखोगे शीश ऊंचा, भाल चूमता गगन को,
या बिछ जाओगे धरती पर झुका नयन को, 
समर शंख पर स्वाहा हो जाओगे,
या काट दोगे पंख अपने, 
हे पार्थ तुम चुनाव करो...
 
समर्पण से सत्ता या संग्राम से शहीदी, 
हे पार्थ तुम चुनाव करो...
 
ये भी पढ़ें
हिप हॉप आर्टिस्ट को मिस इंडिया यूएसए का खिताब