• Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. »
  3. साहित्य
  4. »
  5. काव्य-संसार
Written By WD

देखकर मुझको अकेली

अकेली

NDND
देखकर मुझको अकेली
तुम्हारा प्यार चलकर
मेरे पास आया था
मैं जो अपने नेह के सिरे जोड़ने के लिए
तलाश में थी
किसी कोमल सिरे की,
सहज ही जुड़ गई ।

आज देख कर मुझे
बिलकुल अकेली
तुम्हारी याद
चलकर मेरे पास आई है
मैं, जो तुम्हारे
दूर तक चले जाने से अवगत हूँ
मैं, जो तुमसे टूटने के बाद
कई कई सिरों से जुड़ने को
बेताब रही
आज
फिर-फिर तुमसे जुड़ने को
लौट आई हूँ।

हतप्रभ हूँ देखकर कि
तुममें कहीं कोई सिरा
बचा ही नहीं है।

इस महकती चाँदनी में देखकर
एकदम अकेली
तुम्हारी एक बात चलकर
मेरे पास आई है
और मैंने जोड़ लिया है एक सिरा
आज अपने आप से।