राजनीति को लेकर क्या सोचते थे अटल बिहारी वाजपेयी, पढ़ें 5 चर्चित विचार
राजनीति और भारत पाकिस्तान जैसे संवेदनशील मुद्दे पर वे अपने अनुभव के आधार अटल बिहारी वाजपेयी नजरिया बिल्कुल साफ रहा जिसे समय-समय पर वे सटीकता के साथ जाहिर करते रहे, ये रहे 5 प्रमुख विचार -
1 राजनीति काजल की कोठरी है। जो इसमें जाता है, काला होकर ही निकलता है । ऐसी राजनीतिक व्यवस्था में ईमानदार होकर भी सक्रिय रहना, बेदाग छवि बनाए रखना, क्या कठिन नहीं हो गया है? - अटल बिहारी वाजपेयी
2 मेरे भाषणों में मेरा लेखक ही बोलता है, पर ऐसा नहीं कि राजनेता मौन रहता है । मेरे लेखक और राजनेता का परस्पर समन्वय ही मेरे भाषणों में उतरता है । यह जरूर है कि राजनेता ने लेखक से बहुत कुछ पाया है ।. साहित्यकार को अपने प्रति सच्चा होना चाहिए । उसे समाज के लिए अपने दायित्व का सही अर्थों में निर्वाह करना चाहिए । उसके तर्क प्रामाणिक हो । उसकी दृष्टि रचनात्मक होनी चाहिए । वह समसामयिकता को साथ लेकर चले, पर आने वाले कल की चिंता जरूर करे । - अटल बिहारी वाजपेयी
3 मैं पाकिस्तान से दोस्ती करने के खिलाफ नहीं हूं । सारा देश पाकिस्तान से संबंधों को सुधारना चाहता है, लेकिन जब तक कश्मीर पर पाकिस्तान का दावा कायम है, तब तक शांति नहीं हो सकती । - अटल बिहारी वाजपेयी
4 पाकिस्तान कश्मीर, कश्मीरियों के लिए नहीं चाहता । वह कश्मीर चाहता है पाकिस्तान के लिए । वह कश्मीरियों को बलि का बकरा बनाना चाहता है । - अटल बिहारी वाजपेयी
5 अगर किसी को दल बदलना है तो उसे जनता की नजर के सामने दल बदलना चाहिए । उसमें जनता का सामना करने का साहस होना चाहिए । हमारे लोकतंत्र को तभी शक्ति मिलेगी जब हम दल बदलने वालों को जनता का सामना करने का साहस जुटाने की सलाह देंगे । -अटल बिहारी वाजपेयी