Sawan n Swinging : रिमझिम सावन का महीना हरियाली लेकर आता है और इसी महीने में श्रावण के साथ-साथ तीज का भी खास त्योहार पड़ता है। सावन के महीने में झूला झूलने का खास महत्व है। ऐसा कहा जाता है कि भगवान कृष्ण ने भी राधा रानी को झूला झूलाया था तथा इसके बाद से ही झूला झूलने की परंपरा शुरू हुई। इसी कारण सावन में झूला झूलना बहुत ही शुभ माना जाता है।
प्रकृति की दृष्टि से सावन (Sawan) का यह समय बहुत ही खास माना जाता हैं, क्योंकि इस समय कई महत्वपूर्ण पर्व आते हैं। साथ ही वर्षा ऋतु के आते ही खेतों में धान सहित कई खरीफ फसलों की बुआई शुरू हो जाती है। इस अवसर पर चारों ओर हर्षोल्लास व्याप्त रहता है।
धरती पर चारों ओर हरियाली छा जाती है और महिलाएं इस समय हरे वस्त्र और चूड़ियां पहन कर लोकगीत गाते हुए तथा झूले झूलते हुए सावन के महीने का स्वागत करती हैं। माना जाता है कि इस सुहावने मौसम में झूला झूलना स्वास्थ्य के लिहाज से फायदेमंद भी होता है। इन दिनों झूला झूलने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है।
आइए जानते हैं यहां झूला झूलने के फायदे और नुकसान के बारे में खास जानकारी-
झूला झूलने से सेहत को होने वाले फायदे : Swinging benefits
1. झूला झूलने से हमारा मन खुश होता है।
2. बच्चे यदि प्रतिदिन झूला झूलते हैं तो उनका पढ़ाई पर फोकस बढ़ता है।
3. यदि आपका मन उदास हैं, तो अपने स्ट्रेस लेवल को कम करने के लिए नियमित रूप से झूला झूलें, क्योंकि यह तनाव को कम करने में प्रभावी है।
4. झूला झूलने से माइंड को रिलैक्स होता है।
5. झूलने से हमारी बॉडी आगे-पीछे होने के कारण यह हमारे शरीर और मांसपेशियों को एक्टिव करता है तथा माइंड कूल होता है।
6. झूला झूलने से दोलन होने के कारण यह हमारे बिगड़े मूड को ठीक करता है।
7. यदि आप किसी टेंशन से गुजर रहे हैं तो झूला झूलने से जहां आपकी चिंता कम होगी, वहीं मन को शांति भी महसूस होगी तथा खुशी भी मिलेगी।
8. इसके अलावा झूला जागरूकता तथा शरीर की एक्टिविटी और अवेयरनेस बढ़ाने में भी बहुत मददगार है।
9. झूले पर झूलना अच्छा व्यायाम कहा जा सकता है, यह हमारी एरोबिक क्षमता को बढ़ाता है।
10. झूला हमारी हृदय की गति को बढ़ाता है तथा कैलोरी जलाने का कार्य करता है। एक अनुमान के मुताबिक केवल 1/2 घंटा झूला झूलने से लगभग 100 कैलोरी बर्न होती है।
आइए अब जानते हैं नुकसान के बारे में- Swinging Disadvantages
1. यदि झूला बहुत पुराना हो गया है तो यह चोट लगने या कटने का खतरा बढ़ा देता है।
2. यदि झूला जंग लगा या कहीं से टूटा हुआ हो तो इसके टूटने के चांजेस बढ़ जाते हैं, और हमारे गिरने के साथ ही छोटी-बड़ी चोट लगने की संभावना भी बढ़ जाती है।
3. कई माता-पिता बच्चों को सुलाने के लिए झूले का उपयोग करते हैं, लेकिन झूले में बच्चे की सोने की पोजीशन ठीक न होने के कारण 'सडन इंफेंट डेथ सिंड्रोम' (SIDS) की समस्या से परेशान होना पड़ सकता है।
4. यदि आप किसी गार्डन के मैदान पर लगे झूले में झूल रहे हैं तो यहां जमीन पर लगी कांक्रीट या मिट्टी के कारण चोट लगने या कटने का खतरा बना रहता है।
5. यदि आप किसी पार्क में लगे झूले में झूल रहे हैं तो वहां मौजूद गंदगी और धूल के संपर्क में आने की संभावना अधिक बढ़ जाती है, जिसके कारण संक्रमण, एलर्जी तथा घायल होने से हमें नुकसान पहुंचने का खतरा बना रहता है।
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