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Lifestyle Disease: ‘लाइफस्टाइल’ बदल डाली तो ऐसे बढ़ेगी इम्युनिटी

Lifestyle Disease: ‘लाइफस्टाइल’ बदल डाली तो ऐसे बढ़ेगी इम्युनिटी - Lifestyle Disease
इम्युनिटी कमजोर होने में खराब जीवनशैली का बड़ा हाथ है। यह एक सर्वमान्य सत्य है कि शरीर पर बाहरी माइक्रोऑर्गेनिज्म के होने वाले हमलों के खिलाफ इम्यून सिस्टम पहली डिफेंस लाइन मानी जाती है।

जितनी तगड़ी इम्युनिटी होगी उतने ही बीमारी पकड़ने के अवसर क्षीण होते जाएंगे। खराब जीवनशैली से इम्यून सिस्टम की डिफेंस में छेद होने लगता है।

खराब जीवनशैली
यदि आपके पास ठीक से खाना खाने और भरपूर नींद लेने का वक्त नहीं हो तो समझ लें कि आपकी जीवनशैली खराब है जो आपके इम्यून सिस्टम को तेजी से कमजोर कर रही है। यह ठीक है कि आधुनिक जीवनशैली में वर्क प्रेशर इतना अधिक है कि उसका शरीर पर खराब असर पड़ रहा है लेकिन प्रेशर रहने के बावजूद भी स्वस्थ रहने के लिए प्रयत्न किया जा सकता है।

कब हुई थीं सालाना जांचे?
30 साल की उम्र हो जाने के बाद शरीर की नियमित जांचें कराना बेहद जरूरी है। इन दिनों अत्यधिक तनाव झेलने के कारण कम उम्र में ही हाई ब्लड प्रेशर अथवा शुगर की बीमारियां जड़ पकड़ लेती हैं। यह देखा गया है कि शुरूआती जांचों में ही कई बार लंबी बीमारियों की जड़ पकड़ में आ जाती है।

टाइम निकालें
खुद के लिए समय निकालें। यदि काम के घंटे फिक्स नहीं हैं तो वर्क स्टेशन को ही वर्कआउट के लिए सेट कर लें। काम के दौरान थोड़ी-थोड़ी देर में ब्रेक लेते रहें और शारीरिक गतिविधियां बढ़ा दें। मसलन आप स्पॉट रनिंग कर सकते हैं, स्ट्रेचिंग कर सकते हैं, वाशरूम तक तेज गति से जाकर वापस आ सकते हैं। वर्क स्टेशन एक्सरसाइज के बारे में जानने के लिए कई वेबसाइट्स हैं जो कई तरह के सॉल्युशन्स उपलब्ध कराती हैं।

पानी कब पिया था?
क्या आपको याद कि अंतिम बार आपने पानी कब पिया था? पानी न सिर्फ हाई़ड्रेट रखता है बल्कि हाजमा और किडनी दोनों को तंदुरुस्त रखता है। इम्यून सिस्टम ठीक से काम करता रहे इसके लिए जरूरी है कि हाजमा ठीक रहे। मेटॉबॉलिक सिस्टम के बिगड़ते ही शरीर का हर अवयव और उसकी कार्यप्रणाली प्रभावित होती है।

ये बदलाव लाएं जीवनशैली में
लाइफस्टाइल को दुरूस्त कर लेना आपके लिए बिलकुल आसान है लेकिन इसके लिए दृढ़ इच्छाशक्ति की जरूरत है। आपको केवल ठान लेना है बाकि सभी चीजें अपने आप ठीक होने लगती हैं। आप इतना तो कर ही सकते हैं कि सुबह जब भी आप उठते हैं, एक गिलास कुनकुना  नींबू पानी पीकर दिन की शुरूआत कर सकते हैं। यदि आप रोज देर से उठ रहे हैं तो काम के घंटों के साथ एडजेस्ट कर सकते हैं। नींबू पानी के साथ ताजे आंवले का रस मिल सके तो पी लें नहीं तो बाजार से आंवले के रस का पैक भी खरीद कर रख सकते हैं। संतरे का रस अथवा आंवले के रस से विटामिन सी का तगड़ा डोज सुबह उठते ही मिल जाए तो दिन की अच्छी शुरूआत मानी जा सकती है। अपने भोजन में अदरक और हल्दी को विशेष रूप से शामिल करने का आग्रह करें। इससे असमय सोने के कारण होने वाली एसिडिसी एवं जलन से राहत मिल सकती है।

गोल्डन मिल्क
रात को सोते समय हल्दी मिला हुआ दूध जरूर पिएं। जो लोग रात को जागते रहकर काम करते हैं उन्हें यह दूध खासतौर पर पीना चाहिए क्योंकि इससे उन्हें जागने के कारण होने वाली समस्याओं से निजात पाने में मदद मिलती है।

यह जानकारी दिल्‍ली स्‍थि‍त ऑर्थोपेडिक्स, मैक्स सुपरस्पेशियलिटी हॉस्पिटल के सीनियर कंसल्टेंट डॉ.अखिलेश यादव ने  प्रदीप जैन को दी।
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