गुरुवार, 14 नवंबर 2024
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Written By WD

कत्थे के 10 गुण, आपको हैरान कर देंगे...

कत्थे के 10 गुण, आपको हैरान कर देंगे... - Kattha
पान में लगाए जाने वाले लाल रंग के कत्थे से तो आप भलीभांति परिचि‍त होंगे। यही कत्था पान खाते वक्त आपके होंठो को लाल करता है। लेकिन इसके अलावा कत्थे की एक और प्रजाति‍ होती है जिसे सफेद कत्थे के रूप में जाना जाता है।  इसे औषधि‍ के रूप में भी प्रयोग किया जाता है। अगर आप भी जानना चाहते हैं इसके औषधीय उपयोग तो जरूर पढ़िए - 

 
 
1 मलेरिया - मलेरिया बुखार होने पर कत्था एक बेहतर औषधि के रूप में काम करता है। जी हां, समय-समय पर इसकी समान मात्रा में गोली बनाकर चूसने से मलेरिया से बचाव किया जा सकता है।

2 दस्त - पेट खराब होने या दस्त लगने की समस्या में कत्थे का इस्तेमाल करना फायदेमं होता है। कत्थे को पकाकर या पानी में उबालकर लेने से दस्त में राहत मिलती है। इसके अलावा पाचन संबंधी समस्याओं में भी कत्था काफी फायदेमंद होता है।


 
 
3 खांसी - अगर आप लगातार खांसी से परेशान हैं, तो कत्थे को हल्दी और मिश्री के साथ एक-एक ग्राम की मात्रा में मिलाकर गोलियां बना लें। अब इन गोलियों को चूसते रहें। इस प्रयोग को करने से खांसी दूर हो जाती है।

4 गले की खराश - गले में खराश होने पर 300 मिलीग्राम कत्‍थे को पीसकर चूर्ण बना लें और इसे समय-समयपर मुंह में रखकर चूसते रहें। दिनभर में 5 से 6 बार  इस प्रयोग को करने से गला बैठना, खराश और छाले होने की समस्या खत्म हो जाती है।


 
 
5 दांत की समस्या - दांत संबंधी किसी भी प्रकार की समस्या में कत्थे के चूर्ण को मंजन में मिलाकर प्रयोग करने से लाभ होता है। इस के अलावा कत्थे के चूर्ण को सरसों के तेल के साथ मिलाकर मंजन करने से भी बहुत लाभ होता है।

6  घाव - किस प्रकार की चोट लगने पर घाव हो जाए, तो उसमें कत्थे को बारीक पीसकर इस चूर्ण को डाल दें। लगातार ऐसा करने पर घाव जल्दी भर जाता है और खून का निकलन भी बंद हो जाता है।

 
7  बवासीर - बवासीर रोग में सफेद कत्थे का प्रयोग उपचार के तौर पर किया जाता है। इसक प्रयोग बड़ी सुपारी और नीला थोथा  के साथ भूनकर किया जाता है। मक्खन के साथ तांबे के बर्तन में मिलाकर संबंधित स्थान पर लगाने से फायदा होता है।

8 प्रदर रोग - कत्थे और बांस के पत्तों को बराबर मात्रा में लेकर पीस लें और इसमें 6 ग्राम शहद की मात्रा लेकर पेस्ट बनाकर खाएं। इस प्रयोग को करने से लाभ मिलता है।


 
 
9 कान की समस्या - कान में दर्द या कान बहने की समस्या होने पर कत्थे को पीसकर गुनगुने पानी में मिलाकर कान में डालने से फायदा होता है।

10  दमा रोग - सांस संबंधी समस्याओं के लिए भी कत्था बहुत अच्छी औषधि है। इसे हल्दी और शहद के साथ मिलाकर दिन में दो से चार बार एक चम्मच की मात्रा में लेने से काफी लाभ होता है।


 
 
गर्भवती स्त्रियों को कत्थे का सेवन नहीं करना चाहिए, और पुरुषों में इसका अत्यधिक सेवन नपुंसकता का कारण बन सकता है। इसके अलावा कत्‍थे के अधिक सेवन से किडनी स्टोन भी हो सकता है। इसलिये कत्‍थे का चूर्ण 1 से 3 ग्राम तक ही प्रयोग करें।

10  दमा रोग - सांस संबंधी समस्याओं के लिए भी कत्था बहुत अच्छी औषधि है। इसे हल्दी और शहद के साथ मिलाकर दिन में दो से चार बार एक चम्मच की मात्रा में लेने से काफी लाभ होता है।

 
गर्भवती स्त्रियों को कत्थे का सेवन नहीं करना चाहिए, और पुरुषों में इसका अत्यधिक सेवन नपुंसकता का कारण बन सकता है। इसके अलावा कत्‍थे के अधिक सेवन से किडनी स्टोन भी हो सकता है। इसलिये कत्‍थे का चूर्ण 1 से 3 ग्राम तक ही प्रयोग करें।
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