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Written By WD

एक्सरसाइज़ से बेहतर है चॉकलेट खाना

विशाखा

एक्सरसाइज़
ND
अब तक अगर आप वजन बढ़ जाने के डर से चॉकलेट खाने का प्रोग्राम स्थगित कर देते थे तो यह नई जानकारी आपके मुंह में पानी ला देगी। जी हां, पिछले दिनों हुए एक शोध ने बताया है कि डार्क चॉकलेट खाने से आपके शरीर को वैसा ही फायदा होता है, जैसा एक्सरसाइज़ करने से होता है यानी अब चॉकलेट खाना भी फायदे का सौदा है।

कुछ दिनों पूर्व हुए एक शोध के अनुसार सीमित मात्रा में डार्क चॉकलेट का सेवन आपके स्वास्थ्य पर ठीक वही असर डाल सकता है, जो असर व्यायाम आपके शरीर पर डालता है। इस शोध में कोशिकाओं का 'पावरहाउस' कहे जाने वाले 'माइटोकॉन्ड्रिया' को केंद्रबिंदु मानकर काम किया गया था।

माइटोकॉन्ड्रिया का काम ऊर्जा उत्पन्ना करना होता है। शोध के दौरान यह पाया गया कि चॉकलेट में एक ऐसा वानस्पतिक यौगिक 'इपिकेटेचीन' होता है, जो मसल्स को उसी तरह क्रियाशील करता है जैसे कि व्यायाम या खेल से जुड़ी कोई गतिविधि करती है। उल्लेखनीय है कि एयरोबिक्स, जॉगिंग, रस्सी कूदने या साइकलिंग करने से मांसपेशियों की कोशिकाओं में माइटोकॉन्ड्रिया की संख्या में बढ़ोतरी होती है। ठीक यही काम इपिकेटेचीन भी करता है।

खासतौर पर हार्ट और स्केलेटल मसल्स को मजबूत करने में यह मुख्य भूमिका निभाता है। शोधकर्ताओं का यह भी मानना है कि इस शोध के निष्कर्ष से उन मसल्स को बेकार होने से भी रोका जा सकेगा जिनके कारण उम्र का असर शरीर पर दिखाई देने लग जाता है, क्योंकि बढ़ती उम्र के साथ स्केलेटल मसल्स की माइटोकॉन्ड्रिया की संख्या में कमी आने लग जाती है।

ऐसे में इपिकेटेचीन के प्रयोग से माइटोकॉन्ड्रिया की संख्या को बढ़ाया जा सकता है यानी सदाबहार जवानी की ओर एक और कदम बढ़ाया जा सकेगा। फिलहाल यह मात्र एक कयास है व ऐसे कयास वैज्ञानिक लगाते ही रहते हैं... मुख्य बात तो यह है कि अब आप निश्चिंतता के साथ मजे से चॉकलेट का आनंद उठा सकते हैं। तो बाकी चिंताएं छोड़िए और चॉकलेटी एक्सरसाइज़ के मजे लूटिए।