कांग्रेस ने गुजरात में मोदी और भाजपा को घेर लिया है : राहुल
दियोदर/ डाकोर (गुजरात)। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने रविवार को दावा किया कि उनकी पार्टी और गुजरात की जनता ने पिछले 3 4 महीने में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा को इस तरह घेर लिया है कि वे उसमें से निकल नहीं सकते।
उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से बूथों पर जाने की अपील करते हुए यह भी दावा किया कि राज्य से उद्योगपतियों (भाजपा) की सरकार जाने वाली है और जनता (कांग्रेस) की सरकार आने वाली है।
गांधी ने दियोदर में एक चुनावी रैली में मोदी पर और कड़े प्रहार करते हुए यह भी कहा कि वह भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बेटे के कंपनी के बारे में कही इसलिए तो कुछ नहीं बोलते क्योकि वह गुजरात सरकार को रिमोट कंट्रोल से चलाने वाले शाह से डरते हैं।
उन्होंने कहा कि मोदी के भाषणों से अब भ्रष्टाचार और विकास शब्द गायब हो गए हैं। उन्होंने कहा कि काग्रेस के कार्यकर्ताओं के पास अब कई मुद्दे हैं, एक के बाद एक हथियार हैं। सच्चाई ने मोदीजी और भाजपा को घेर लिया है। वे उससे वह निकल नहीं सकते। यह काम कांग्रेस और गुजरात की जनता ने पिछले 3 4 महीनों में कर डाला है।
गांधी ने कहा कि खुद को देश का चौकीदार बताने वाले मोदीजी कही अमित शाह जी से डरते या घबराते तो नहीं हैं। शाह गुजरात को रिमोट कंट्रोल चलाते हैं पर उनके बेटे जय शाह की कंपनी के कुछ ही माह में 50 हजार का 80 करोड़ बनाने बारे में मोदीजी एक शब्द नहीं कहते।
उन्होंने राफेल विमान सौदे का मुद्दा भी फिर उठाया और कहा कि मोदीजी गुजरात चुनाव के समय शाह के बेटे और इस सौदे पर संसद में चर्चा से डरते हैं। अब वह भ्रष्टाचार की बात नहीं करते, विकास पर बात नहीं करते 22 साल के अपने शासन पर बात नहीं करते और सिर्फ अपनी बात करते हैं और जिस पार्टी की सरकार आने वाली है उसकी बात करते हैं।
इससे पहले उन्होंने डाकोर की एक सभा में भी ऐसे ही आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि एक स्थानीय चाय वाले ने उन्हें बताया कि नोटबंदी से उसकी कमाई आधी हो गई है। मोदीजी के पास अब कोई बात बची नहीं है वह केवल अपनी बात कर सकते हैं और कोई बात नहीं कर सकते।
उन्होंने गुजरात में कांग्रेस सरकार बनने पर किसानों की कर्ज माफी, निशुल्क शिक्षा और इलाज जैसे दावे दोहराए। गांधी ने एक बार फिर यह सवाल उठाया कि मोदीजी राज्य में विभिन्न आंदोलनों के बारे में बात नहीं करते हैं। रविवार को गुजरात के दौरे कर रहे हैं पर पाटीदारों और दलितों पर अत्याचार के समय उनके घर नहीं आए। (वार्ता)