शनिवार, 27 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. नन्ही दुनिया
  3. क्या तुम जानते हो?
  4. World photography day
Last Updated : शुक्रवार, 19 अगस्त 2022 (14:57 IST)

विश्व फोटोग्राफी दिवस : एक तस्वीर हजार शब्दों से ज्यादा होती है असरकारी

world photography day,
हर साल 19 अगस्त को विश्व फोटोग्राफी दिवस मनाया जाता है। इसका उद्येश्य दुनियाभर के फोटोग्राफर्स को ऐसी फोटो खींचने के लिए प्रोत्साहित करना है जिसमें पूरे विश्व की स्पष्ट और साझा झलक हो और जिसके माध्यम से एक दुनिया दूसरी दुनिया से अच्छे से रूबरू होकर उसे समझ सके। आओ जानते हैं कि एक तस्वीर क्यों हजार शब्दों से ज्यादा असरकारी होती है।
 
 
1. सबसे बड़ी बात यह है कि तस्वीर की कोई भाषा नहीं होती। हर भाषा वर्ग का व्यक्ति किसी भी तस्वीर को देखकर यह समझ सकता है कि इस तस्वीर में क्या है और यह तस्वीर क्या कहना चाहती है। 
 
2. किसी भी एक तस्वीर में क्या है इस पर 1000 शब्दों का पूरा एक लेख लिखा जा सकता है और संभवत: फिर भी हम उसे पूर्णत: व्यक्त न कर पाएं। 
 
3. प्राचीनकाल में जब भाषा का अविष्कार नहीं हुआ था तो लोग चित्रलिपि के माध्यम से ही एक दूसरे से संवाद करते थे। आज भी प्राचीन सभ्यताओं के अवशोषों में हमें भाषा से ज्यादा चित्र या मूर्तियां ही मिलती हैं।
 
4. आपको ध्यान होगा कि साउथ अफ्रीकन फोटोग्राफर केविन कार्टर ने साल 1993 में सूडान की एक ऐसी तस्वीर खींची थी जिसमें एक भूखा बच्चा जो बेहद कमजोर है और जिसके पीठ पीछे एक गिद्द बैठा है जो बच्चे के मरने का इंतजार कर रहा है। सुडान में उस वक्त ऐसा अकाल और सूखा फैला था कि लोग भुखमरी के शिकार हो रहे थे। इस एक तस्वीर ने सूठान के हालात को बयां कर दिया था। इस तस्वीर ने केविन को पुलित्जर पुरस्कार भी दिलवाया था और न्यू यॉर्क टाइम्ज ने इसे प्रकाशित भी किया था। इस तस्वीर के कारण लोगों में फोटोग्राफर के प्रति काफी गुस्सा दिखाया और उनकी कड़ी आलोचना भी की थी। उनका कहना था कि केविन के फोटो को खिंचा अपने हित के लिए परंतु उन्होंने बच्चे को बचाया क्यों नहीं? लोगों की आलोचना के चलते केवीन डिप्रेशन में चले गए और ट्रॉमा जाकर उन्होंने अपनी ही जान ले ली।
 
 
5. आपको ध्यान होगा जब सीरिया और इराक में आईसीस के कारण हाल खराब थे तो वहां के लोग जैसे तैसे अपना देश छोड़कर भाग रहे थे। कई लोग जर्मन, तुर्की, ब्रिटेन या फ्रांस में शरण ले रहे थे। इसी दौरान 2 सितंबर 2015 को एक तस्वीर ने दुनियाभर में तहलका मचा दिया था। तुर्की के समुद्री तट पर एक सीरियाई बच्चे का शव मिला था। एलन कुर्दी नाम के 3 साल के बच्चे की ये तस्वीर सीरिया में चल रही तबाही का चेहरा बन गई थी। पूरा परिवार 12 अन्य लोगों के साथ जंग से जूझ रहे सीरिया से निकलकर यूरोप जा रहा था. नाव समुद्र में पलट गई और लहरों के थपेड़े से उनके निर्जीव शरीर किनारे तक पहुंचे। बाद में इस पर द बॉय ऑन द बीच नाम की किताब भी लिखी गई थी।
 
6. आपको ध्यान होगा चीन की राजधानी बीजिंग के थियानमेन चौक पर साल 1989 में लोकतंत्र के समर्थन में बड़ा विरोध प्रदर्शन हुआ था। चीनी सरकार ने उस समय उस विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए वहां मौजूद प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलवा दी थी। तब एक तस्वीर भी बहुत प्रचलित हुई थी। इस तस्वीर और वीडियो में एक व्यक्ति सेना की बख्‍तरबंध गाड़ियों को टैंक के सामने खड़ा हो गया था। यह ऐतिहासिक तस्वीर थी।
 
 
7. राजनीति, गृहयुद्ध, खेल, इंवेंट, प्राकृतिक आपदा और हर्ष की ऐसी हजारों अमर तस्वीर है जिन्हें आज भी देखा जा सकता है। मात्र एक तस्वीर के पीछे संपूर्ण इतिहास छुपा होता है इसीलिए कहते हैं कि एक तस्वीर हजारों शब्दों से कहीं ज्यादा असरकारक होती है।
 
8. यदि आपसे यह कहा जाए कि चित्र और किताब में से किसका चयन करना चाहिए तो आपको चित्र का ही चयन करना चाहिए क्योंकि एक चित्र को दीवार पर लटका देने से सभी उसे आसानी से देख सकेंगे और अपना मत व्यक्त कर सकेंगे, परंतु एक किताब को समझने या समझाने के लिए एक दूसरे के साथ माथाफोड़ी करना होगी। खास बात यह कि किताब को पढ़ने के लिए समय की जरूरत भी पड़ेगी। आप खुद ही सोचिये कि आप एक उपन्यास पढ़ना चाहेंगे या कि उस पर बनी फिल्म देखना चाहेंगे?
 
 
9. आदमी किसी का नाम भूल जाता है परंतु वह उसका चेहरा याद रखता है। सिर्फ इसी बात को हजार शब्दों में समझाया जा सकता है कि क्यों आपके दिमाग में चित्र पहले और शब्द बाद में आते हैं। जैसे आपसे बोला जाए शेर तो क्षणभर में आपके दिमाग में शेर का चित्र उभर जाएगा।

10. यह संसार चित्रों का ही है। आप अच्‍छी कल्पना करेंगे तो अच्छा भविष्य देखने को मिलेगा। इसीलिए अच्‍छी तस्वीरें देखें।