International Day of Democracy - अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है?
अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस हर साल 15 सितंबर को पूरी दुनिया में मनाया जाता है। लोकतंत्र एक ऐसी प्रणाली है
जिसमें जनता अपने मत का प्रयोग कर प्रतिनिधि का चुनाव करती हैं। लोकतंत्र का सरल भाषा में मतलब 'जहां न कोई राजा' और 'न कोई गुलाम है' सभी एक समान है। प्रसिद्ध विचारक अब्राहम लिंकन ने कहा था लोकतंत्र का मतलब, लोकतंत्र जनता की सरकार है, लोगों के द्वारा, लोगों के लिए। आइए जानते हैं अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है? और कब हुई थी इसकी स्थापना?
अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस को मनाने का उद्देश्य
अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस हर साल मनाया जाता है। समूचे विश्व पर एक निगाह डाली जाए तो जहां लोकतंत्र है वहां जनता खुश है।किसी प्रकार की तानाशाही नहीं है, कार्य को लेकर कोई प्रतिबंध नहीं है। जनता अपने विचारों को व्यक्त करने के लिए आजाद है, उन्हें अभिव्यक्ति की आजादी है। इस दिवस का उद्देश्य है पूरे विश्व में लोकतंत्र को बढ़ावा देना है। ताकि तानाशाही से मुक्ति मिल सकें।
कब हुई थी इस दिवस को मनाने की शुरूआत
साल 2007 में संयुक्त राष्ट्र महासभा के द्वारा अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस की पहल की गई थी। इसके बाद साल 2008 से इसकी शुरूआत की गई। आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। करीब 70 करोड़ आबादी अपने वोट का प्रयोग करके सरकार का चयन करते हैं।
दो तरह की होती है लोकतंत्र प्रणाली
दुनिया में दो तरह की लोकतंत्र प्रणाली है पहली - संसदीय प्रणाली और दूसरी राष्ट्रपति प्रणाली। हालांकि दोनों में जनता के मत का प्रयोग किया जाता है और जनप्रतिनिधि का चयन किया जाता है। बता दें कि भारत, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, इंग्लैंड में सांसद प्रणाली का प्रयोग किया जाता है। वहीं अमेरिका में राष्ट्रपति शासन प्रणाली है। लोकतंत्र देश में जनता सरकार के कामों से असंतुष्ट होने पर विरोध भी जता सकती है।