गणेश प्रतिमा विसर्जन में रखें ये 5 सावधानियां
भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी ( Ganesh Chaturthi 2021 ) को भगवान गणेशजी का जन्म हुआ था। इस दिन घर घर में मिट्टी के गणेशजी की स्थापना होती है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार इस बार 10 सितंबर 2021 से गणेश उत्सव का प्रारंभ हो रहा है और विसर्जन अनंत चतुर्दशी ( Anant Chaturdashi 2021 ) अर्थात 19 सितंबर के दिन होगा। गणेश विसर्जन ( Ganesh Visarjan ) के समय रखें यह 5 सावधानियां।
1. गणेशजी की प्रतिमा का विसर्जन करने के पूर्व भगवान गणेशजी की विधिवत पूजा करने के बाद, हवन करें और फिर गणेश का स्वस्तिवाचन का पाठ करें। अब विधिवत रूप से उन्हें दूसरे पाट पर विजमान करके उनके सामने फल, फूल, वस्त्र और मोदक के लड्डू रखें। एक पार पुन: आरती करके उन्हें भोग लगाएं और नन्हें नए वस्त्र पहनाएं। विसर्जन के लिए ले जाते वक्त ससम्मान उन्हें पाट पर विराजमान करके ले जाएं। किसी भी तरह के अनुचित नारे न लगाएं और ना ही हुड़दंग करें। उनके साथ लल्डू और उनका पूजा का निर्माल्य भी ले जाएं।
2. यदि आप किसी तालाब, नदी या कुंड में विसर्जन कर रहे हैं तो विसर्जन के स्थान पर ध्यान रखें कि चीजों को फेंके नहीं, बल्कि पूरे मान सम्मान के साथ विसर्जित करें।
3. हाथ जोड़कर क्षमा मांगते हुए अगले बरस आने का निवेदन करते हुए विसर्जन करें। गणेशजी की प्रतिमा विसर्जन के लिए उनकी प्रतिमा को धीरे से ही विसर्जित करें।
4. यदि घर पर ही किसी टब या होद में विसर्जन कर रहे हैं तो पूरी प्रक्रिया को निभाएं। निर्माल्य को एक जगह एकत्रित करके उचित जगह पर विसर्जन करें।
5. घर में विसर्जन करने के बाद उस पानी या मिट्टी को फेंके नहीं बल्कि पानी और मिट्टी घर को गमले या गार्डन में विसर्जित कर दें।
श्री गणेश विसर्जन मंत्र 1
यान्तु देवगणा: सर्वे पूजामादाय मामकीम्।
इष्टकामसमृद्धयर्थं पुनर्अपि पुनरागमनाय च॥
श्री गणेश विसर्जन मंत्र 2
गच्छ गच्छ सुरश्रेष्ठ स्वस्थाने परमेश्वर।
मम पूजा गृहीत्मेवां पुनरागमनाय च॥