1. बाईं तरफ सूंड : आप जिस मूर्ति को घर में स्थापित करें, उसकी सूंड बाईं ओर होनी चाहिए, जो उनकी मां गौरी के प्रति उनका प्यार दर्शाती है। कई लोग मां गौरी और भगवान गणेश को एक साथ पूजते हैं। इसलिए घर में स्थापित की जाने वाली मूर्ति की सूंड की दिशा की ओर अवश्य ध्यान दें।
2. पीठ न दिखें : भगवान गणेश की मूर्ति घर में इस प्रकार स्थापित करनी चाहिए कि उनकी पीठ घर के किसी भी कमरे की ओर न हों। श्री गणेश की पीठ के पीछे दरिद्रता का निवास होता है। अत: इस बात का ध्यान रखें कि घर में रखी कोई भी गणेश की प्रतिमा की पीठ घर के बाहर ही की तरफ ही रहे और वहां आपका कोई भी कमरा ना हो।
3. दक्षिण दिशा वर्जित : भगवान गणेश की मूर्ति को घर में कभी भी दक्षिण की ओर दिशा करके न स्थापित करें। भगवान को पूर्व या पश्चिम की ओर स्थापित करने की कोशिश करें। यहां तक कि आपका पूजा का कमरा भी दक्षिण की ओर दिशा में नहीं होना चाहिए।
4. टॉयलेट : भगवान गणेश को कभी भी उस दीवार पर स्थापित न करें जो टॉयलेट की दीवार से जुड़ी हुई हों।
5. चांदी के गणेश : कई परिवार घरों में चांदी के भगवान गणेश स्थापित करते हैं। अगर आपके भगवान गणेश चांदी के हैं, तो इसे उत्तर पूर्व या दक्षिण पश्चिम दिशा में स्थापित करें।
6. उत्तर- पूर्व : आपके घर में जो उत्तरपूर्व कोना हों, उसमें भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करना सबसे शुभ होता है। अगर आपके घर में इस दिशा का कोना न हों तो परेशान न हों, पूर्व या पश्चिम दिशा में ही स्थापित कर लें।
7. सीढ़ियों के नीचे : अगर आप ड्यूप्लेक्स या बंगले में रहते हैं तो कभी भी सीढ़ियों के नीचे भगवान की मूर्ति को स्थापित न करें, क्योंकि सारा दिन सीढ़ियों से ऊपर नीचे आते-जाते रहते हैं और धर्म के अनुसार, यह ईश्वर का अपमान है। वास्तु के हिसाब से ऐसा करने से घर में दुर्भाग्य आता है।