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Written By WD

घर पर बनाएं ईको फ्रेंडली गणेश, जानें सरल विधि

घर पर बनाएं ईको फ्रेंडली गणेश, जानें सरल विधि - Handmade Eco Friendly Ganesha
क्या आप आने वाले गणेशोत्सव को एक नए और कभी न भूलने वाले अंदाज में नहीं मनाना चाहेंगे? तो इस बार गणेश उत्सव पर अपने घर में खुद के बनाए ईकोफ्रेंडली गणेश की करें स्थापना। जी हां, बाजार में मिलने वाली महंगी मूर्तियों के बजाए खुद अपने परिवार के साथ बनाएं मिट्टी के गणेश और स्थापित करें... यह बेहद आसान है, आइए हम आपको बताते हैं, कैसे बनाएं मिट्टी के ईको फ्रेंडली गणेश...  
वीडियो के माध्यम से देखें सरलतम विधि

 घर पर ईकोफ्रेंडली गणेश जी बनाने के लिए आपको निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होगी - 
सामग्री - 1 किलो पेपरमेशी मिट्टी (यह किसी भी स्टेशनरी दुकान पर गूंथी हुई मिल जाएगी), पानी, फि‍निशिंग के लिए ब्रश, मिट्टी की मूर्ति बनाने में उपयोग होने वाले औजार या चाकू, बोर्ड और पॉलीथिन।



 
 
विधि - 1. सबसे पहले आप एक समतल स्थान पर बोर्ड को रखें और उस पर पॉलीथिन को टेप की सहायता से चिपका लें।
2. अब पेपरमेशी मिट्टी लीजिए और इसे तब तक गूंथे जब तक वह आपके हाथों में चिपकना बंद न कर दें। अगर आापके पास मिट्टी का पाउडर है, तो आप इसे गोंद या फेविकॉल की मदद से गूंथ लें। अब इसे आटे की तरह तैयार करने के बाद उसे 3 बराबर हिस्सों में बाट लें।



 
3. अब इस तीन हिस्सों में से 1 हिस्सा लेकर गोला बनाएं और इस गोले के 2 बराबर हिस्से करें। 
4.  इन दो में से एक हिस्से से हमें बेस बनाना है, जिस पर गणेश जी विराजमान होंगे। बेस बनाने के लिए उस हिस्से को गोल लड्डू का आकर देकर हल्के-हल्के हाथों से दबाकर चपटा कर दें। इसकी मोटाई लगभग 0.5 मिमी तक हो व पूरे गोले की चौड़ाई लगभग 10 से 12 सेमी हो।
  

5. अब इसके दूसरे भाग को लेकर उसे अंडे का आकार दें। इस अंडाकार भाग से गणपति जी का पेट बनेगा। 

6. यह तो हुआ पहले बड़े भाग का काम। अब दूसरा बड़ा गोला लें और इसे 4 बराबर भागों में बांट लें। इन चारों भागों से गणपति जी के 2 हाथ और 2 पैर बनेंगे। हाथ और पैर बनाने के लिए सभी हिस्सों को एक-एक करके पाइप का आकर देना है और बाद में इन्हें किसी भी एक तरफ से पतला कर देना है। यह लगभग 7 से 8 सेमी के बनेंगे।
7. इन सभी को बीच से मोड़कर अंग्रेजी के वी का आकार दें। अब तक हम बेस, गणेश जी का पेट, दोनों हाथ और दो पैर बना चुके हैं। अब तक जि‍तना भाग बन गया है अब हम उसे अरेंज करेंगे -

 
8 .  सबसे पहले बेस को बोर्ड के बीचों-बीच रखें
9 . इसके ऊपर पैरों की आकृति को आलथी-पालथी की मुद्रा में रखें
10. अब पैरों के ऊपर अंडाकार गोले को पीछे की ओर पैरों से चिपकाकर रखें।

 11. अब किसी औजार की मदद से पैरों और पेट के बीच की मिट्टी की समतल कर उन्हें आपस में चिपकाएं।


 12. इसके बाद मूर्ति में दोनों हाथ लगाएं। दोनों हाथों के मोटे वाले सिरों से थोड़ी-थोड़ी मिट्टी निकल लें और इनसे दो छोटे-छोटे गोले बनाकर उन्हें पेट के सबसे ऊपर की ओर कंधे बनाते हुए चिपकाएं। 
13. अब हाथों को कंधों से जोड़ दें। हाथों की लंबाई मूर्ति के आकार के अनुपात में होनी चाहिए।
 



 
 14. गणपति जी के सीधे हाथ को आगे से थोड़ा-सा मोड़कर आशीर्वाद की मुद्रा बनाएं और दूसरे हाथ में आगे प्रसाद वाली मुद्रा में बनाएं और इस पर छोटा-सा लड्डू बनाकर रखें। 

15. अब बारी है तीसरे बड़े भाग की। अब गोले को लेकर इसके भी चार बराबर भाग करें।
16. इनमें से एक भाग को लेकर इसमें से थोड़ी-सी मिट्टी निकाल लें और गर्दन बनाएं। बाकि बची मिट्‍टी को गोल आकार देकर गणपति जी का सिर बनाएं। अब पेट के ऊपर गर्दन और उसके ऊपर सिर के आकार को जोड़ दें।
  

17. अब दूसरा हिस्सा लेकर उसे सूंड का आकर दें और सिर से जोड़ दें।



















18. अब तीसरा हिस्सा लें और इसके दो बराबर भाग करें। एक हिस्से का लेकर रोटी की तरह चपटा कर लें और बीच से काटकर दो भाग करें। ये दोनों भाग गणेशजी के कान होंगे।

19. अब इन दोनों का गोल वाला हिस्सा सिर के दोनों ओर चिपकाएं और कानों का आकार दें।


 20. अब इसी का दूसरा हिस्सा लेकर उसे कोन का आकार दें और उसे सिर पर रखकर मुकूट बनाएं।



 21. अब चौथे हिस्से को लेकर, उससे थोड़ी-सी मिट्टी निकालकर गणेश जी के दांत बनाएं। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि गणेश जी के सीधे हाथ की ओर वाला दांत पूरा होगा और बाएं हाथ की ओर लगाया जाने वाला दांत छोटा होगा।

 22. अब बची हुई मि‍ट्टी से चूहा बनाएं। चूहा बनाने के लिए मिट्टी के तीन भाग करें। एक हिस्से को अंडाकार बनाएं, जिससे चूहे का पेट बनेगा। दूसरे हिस्से से तीन भाग करें, जिससे चूहे का सिर, कान और पूंछ बनेंगे। तीसरे हिस्से के चार भाग करें और चूहे के चार पैर बनाएं। आप चाहें तो आगे के दो पैरों को हाथ की तरह बनाकर उसमें लड्डू भी रख सकते हैं।

अब आपके ईको फ्रेंडली गणेश जी तैयार हैं। इन्हें बनाने के बाद  3 से 4 दिन छांव में सुखाएं और उन पर अपने अनुुसार रंग भरकर सजाएं
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