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Last Updated :नई दिल्ली , गुरुवार, 31 अगस्त 2023 (20:14 IST)

G20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने क्‍यों भारत नहीं आएंगे व्लादिमीर पुतिन? PM मोदी से फोन पर की बात

G20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने क्‍यों भारत नहीं आएंगे व्लादिमीर पुतिन? PM मोदी से फोन पर की बात - Vladimir  Putin rings up PM Modi, explains inability to attend G20 summit in person
G-20 Summit : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात की। इस दौरान पुतिन ने भारत में 9 से 10 सितंबर को होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन (G-20 Summit) में भाग लेने में असमर्थता जताई और कहा कि रूस का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव करेंगे।
 
प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान में यह जानकारी दी। बयान में कहा गया है कि दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय सहयोग के कई मुद्दों पर प्रगति की भी समीक्षा की और जोहानिसबर्ग में हाल ही में संपन्न ब्रिक्स (ब्राजील,रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) शिखर सम्मेलन सहित आपसी हितों के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया।
 
इस बीच, रूस के राष्ट्रपति कार्यालय क्रेमलिन ने एक बयान में कहा कि बातचीत के दौरान ऊर्जा क्षेत्र में 'बड़े पैमाने पर परियोजनाओं' के लगातार कार्यान्वयन और अंतरराष्ट्रीय परिवहन तथा ‘लाजिस्टिक्स (सुप्रचालन)’ बुनियादी ढांचे के विस्तार पर संयुक्त कार्य के लिए 'पारस्परिक प्रतिबद्धता' व्यक्त की गई।
 
बयान में कहा गया कि पिछले सप्ताह जोहानिसबर्ग में ब्रिक्स के शिखर सम्मेलन में इसके विस्तार संबंधी निर्णय के महत्व पर भी दोनों नेताओं ने बातचीत की और उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह निस्संदेह अंतरराष्ट्रीय मामलों में समूह के प्रभाव को बढ़ाने में योगदान देगा।
 
पीएमओ ने कहा, राष्ट्रपति पुतिन ने 9-10 सितंबर को नई दिल्ली में होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने में असमर्थता जताई और बताया कि रूस का प्रतिनिधित्व रूसी संघ के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव करेंगे। बयान में कहा गया, प्रधानमंत्री ने रूस के इस निर्णय को समझा और भारत की जी-20 अध्यक्षता के तहत सभी पहलों के लिए रूस के निरंतर समर्थन के लिए राष्ट्रपति पुतिन को धन्यवाद दिया।
 
दोनों नेताओं ने संपर्क में बने रहने पर सहमति जताई। भारत समूह के वर्तमान अध्यक्ष के रूप में नई दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है। पुतिन 22-24 अगस्त तक ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के लिए जोहानिसबर्ग नहीं गए थे। वह वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से इसके कुछ प्रमुख सत्रों में शामिल हुए थे।
 
क्रेमलिन ने यह भी कहा कि दोनों नेताओं के बीच बातचीत के दौरान रूस-भारत संबंध, विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी की भावना में तेजी से विकसित हो रहे मुद्दों पर चर्चा की गई। उसने कहा, 'व्यापार और आर्थिक सहयोग की सकारात्मक गतिशीलता को रेखांकित किया गया। ऊर्जा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर परियोजनाओं के निरंतर कार्यान्वयन और अंतरराष्ट्रीय परिवहन और रसद बुनियादी ढांचे के विस्तार पर संयुक्त कार्य के लिए एक पारस्परिक प्रतिबद्धता व्यक्त की गई।
 
क्रेमलिन ने कहा कि पुतिन ने एक बार फिर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग पर मोदी को हार्दिक बधाई दी और उन्होंने अंतरिक्ष अन्वेषण क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग को और विकसित करने की इच्छा की पुष्टि की।
 
उसने कहा, जोहानिसबर्ग में 15वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के परिणामों पर चर्चा की गई। मुख्य रूप से ब्रिक्स के विस्तार के लिए किए गए समझौतों के महत्व पर जोर दिया गया, जो निस्संदेह अंतरराष्ट्रीय मामलों में इसके प्रभाव को बढ़ाने में योगदान देगा।
 
ब्रिक्स देशों के शीर्ष नेताओं ने पिछले सप्ताह एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए अर्जेंटीना, मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) को समूह के पूर्ण सदस्य के रूप में शामिल करने का फैसला किया था। बयान में कहा गया है, 'दोनों पक्ष एक जनवरी, 2024 से शुरू होने वाली रूस की ब्रिक्स अध्यक्षता के संदर्भ में करीबी बातचीत पर सहमत हुए। नई दिल्ली में आगामी जी-20 शिखर सम्मेलन के संबंध में भी विचारों का आदान-प्रदान किया गया।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)