दद्दू का दरबार: आउटसोर्स सेना
प्रश्न: दद्दू जी, खबर है कि अब सैनिक और सेनाएं भी भाड़े पर मिलने लगी हैं जो क्लाइंट देश के लिए युद्ध के मैदान में लड़ती हैं। क्या कहेंगे आप इस बारे में?
उत्तर: देखिए जमाना तेजी से बदल रहा है। जब मदर सेरोगेट मिलने लगी हैं तो सेनाएं किराए की मिलें तो आश्चर्य किस बात का। अगली कड़ी के रूप में शायद हमें विज्ञापन देखने को मिले कि कोई दुश्मनी निभाने वाला चाहिए जो हमारे दुश्मन को अपना समझ उससे लड़ सके। ऐसा कोई मिल जाए तो हम पाकिस्तान से अपनी दुश्मनी उसे सौंप कर खुद निश्चिंत हो जाएंगे। यह असंभव भी नहीं। अफगानिस्तान और बलूचिस्तान अपनी सेवाएं देने के लिए तत्पर हैं।