वक्त कैसा भी हो, दोस्ती हमेशा मुस्कुराती है। और बात हो फ्रेंडशित डे की, तो दोस्तों के बीच यह किसी उत्सव से कम नहीं। यूं तो दोस्ती ऑफिस में, पड़ोस में, सफर मेूं कहीं भी हो सकती है, पर दोस्ती का सबसे गोल्डन टाइम स्कूल और कॉलेज के दिन होते हैं।
इसलिए वर्किंग लोगों के अलावा, हमने बात की कुछ स्कूल और कॉलेज गोइंग स्टूडेंट्स से, और उनसे जाना कि क्या है उनकी नजर में फ्रेंडशिप-डे, और वे इसे कैसे मनाते हैं -
ये हैं इंदौर के होलकर साइंस कॉलेज से फॉरेंसिक साइंस की पढ़ाई कर रहीं, प्रेरणा परसाई। प्रेरणा अपनी पढ़ाई के लिए होशंगाबाद से इंदौर आईं हैं, और उनका कहना है कि घर से दूर रहकर परिवार की कमी जरूर खलती है, लेकिन इंदौर में उनके फ्रेंड्स ही उनका परिवार हैं, जो उन्हें कभी अकेला महसूस नहीं होने देते। इसलिए दोस्ती उनकी लाइफ का बेहद खास और खूबसूरत एहसास है। इस फ्रेंडशिप डे पर प्रेरणा के ग्रुप के हर सदस्य ने एक दूसरे के लिए सरप्राइज प्लान किया है, और वे अपने इस खास दिन को कॉलेज में ही मनाना चाहते हैं।
चंद्रमणि मालवीय, प्रगति तंवर, प्रज्ञा और आकृति का यह ग्रुप भी फ्रेंडशिप डे को बड़े मस्तीभरे
अंदाज में सेलिब्रेट कर रहा है। ग्रुप की सदस्य प्रगति तंवर एक आर्टिस्ट हैं। वे कहती हैं, कि हम जब भी मिलते हैं, दुनिया भूल जाते हैं। सच में दोस्ती बेहद खास और जादुई रिश्ता है, जो कई बार स्ट्रेस में दवा की तरह काम करती है, तो अच्छे वक्त में हंसा-हंसा कर आंखों में आंसू भी देती है। दोस्तों के बिना लाइफ अधूरी है और बेहतरीन दोस्त हर कमी को पूरा कर देते हैं। फ्रेंडशिप डे पर हम हर बार कुछ नया और क्रिएटिव करते हैं, इस बार मैं अपने फ्रेंड्स को हेंडमेट गिफ्ट्स देने वाली हूं जो उन्हें ध्यान में रखकर बनाया गया होगा। ये उनके लिए सप्राइजिंग और मजेदार होगा...और बहुत ही यादगाार होगा...
होशंगाबाद से इंदौर आकर पीएससी की तैयारी कर रहीं रानी कहती हैं - मैं बहुत लकी हूं कि मुझे यहां बहुत सारे अच्छे दोस्त मिले, लेकिन स्कूल के दोस्तों की बात कुछ और ही होती है। मैं अपना फ्रेंडशिप डे हर साल अपने स्कूल के दोस्तों के साथ मनाती हूं, अगर सबका मिलना पॉसिबल नहीं होता तो हम लोग कांफ्रेंस से बातें या चैट कर लेते हैं।
राहुल कहते हैं कि हम हर साल फ्रेंडशिप-डे पर मांडव जातेे हैंं, और पूरा दिन एंजॉए करतेे हैंं। लेकिन इस बार हमने एक बड़ी पार्टी प्लान की है। दोस्ती, दुनिया का सबसे बेहतरीन रिश्ता होता है। कॉलेज के दोस्त सदाबहार होते हैं, उनसे मिलकर सारा तनाव भाग जाता है। इसीलिए हम सारे कॉलेज फ्रेंड्स जब भी मौका मिलता है, गेट टुगेदर कर लेते हैं।
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय से जर्नलिज्म करने वाली सुप्रिया गुप्ते, गुंजन, प्राजक्ता, जितेन्द्र, विजेश, गरिमा और अल्ताफ के अनुसार- दोस्ती का रिश्ता सबसे ऊपर होता है, क्योंकि यह रिश्ता हमें विरासत में नहीं मिलता बल्कि आपसी अंडरस्टैंडिंग से डेवलप होता है, और ताउम्र एक जैसा बना रहता है। समय के साथ साथ यह रिश्ता और प्रगाढ़ होता है, लेकिन कभी लॉस में नहीं जाता। हम सभी दोस्तों के लिए यह रिश्ता बेहद खास है, और हम साथ मिलकर इसे मनाते हैं।
अदिति कहती हैं कि इस बार फ्रेंडशिप-डे को हम बिग सेल्फी डे की तरह मना रहे हैं। क्योंकि जब सारे दोस्त अपनी- अपनी लाईफ में बिजी हो जातें हैं, तब यही सेल्फीज हमें हमारी दोस्ती की याद दिलाती है। दोस्तों के साथ बिताए मस्ती भरे पलों की यादें इसमें हमेशा के लिए कैद रहती हैं।दोस्तों के बगैर तो लाईफ इमेजिन करना ही मुश्किल है। क्योंकि दोस्तों का साथ दुनिया की सारी परेशानियां भुला देता है...
खुशी, गम, मस्ती, रोमांच, लड़ाई -झगड़ा और फिर वही शरारत भरा अंदाज .... दूर होकर भी नहीं भुलाई जाती वो हर बात पर टांग खींचने की यादें, वो एक-दूसरे की टॉप सीक्रेट बातें और कैंटीन में बिताए लम्हे...साथ में पिकनिक और मूवी का प्लान और बर्थडे की कंबल कुटाई.... और वो सारी अनकही बातें, जो बिछड़ने पर एक दूसरे की स्लैमबुक में जगह पाती हैं... कुछ-कुछ हंसती, तो कुछ-कुछ रूलाती है।
बरसों बरस यूं ही बीतते जाएं भी, तो दोस्ती का खुशनुमा एहसास कम नहीं होगा
नम होंगी आंखें भले बिछड़ने पर ए दोस्त तुझसे,
साथ बिताए मस्ती भरे लम्हों का रोमांच कम नहीं होगा
तू लौट आना जब भी मन भर आए मेरी याद में
फिर बैठेंगे उसी कैंटीन में, घूमेंगे उन्हीं गलियों में
खाएंगे एक दूसरे की थाली का निवाला
फिर से दोहराएंगे वही कहानियां पुरानी, जो जिंदगी थी कभी
मेरा दावा है, कि उनका प्यार भरा एहसास कम नहीं होगा ...