Ratapani Wildlife Sanctuary & Tiger Reserve: रातापानी के जंगल को मध्यप्रदेश का 9वां और देश का 57वां टाइगर रिजर्व घोषित कर दिया गया है। यह अभ्यारण्य भोपाल-रायसेन वन प्रभाग में 890 वर्ग किमी. में फैला हुआ है। अभयारण्य में लगभग 90 से अधिक बाघों की आबादी है। इसके अलावा भोपाल के वन क्षेत्र में करीब 12 बाघों की आवाजाही बताई गई है। इसके 2,000 वर्ग किमी. को बफर जोन के रूप में नामित किया जाएगा इसके वनमंडल का नाम औबेदुल्लागंज जिला रायसेन है।
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क्या क्या है रातापानी जंगल में?
इस जंगल क्षेत्र में पक्षियों की लगभग 112 प्रजातियां, मछलियों की 15 प्रजातियां, मेमल्स की 30 प्रजातियां तथा सरीसृप की लगभग 8 प्रजातियां पाई जाती हैं। खूबसूरत और घने सागौन के जंगलों के बीच, बाघ, तेंदुआ, जंगली बिल्लियाँ, सुस्त भालू, लोमड़ी, लकड़बग्घा, हिरण और लंगूरों से भरा यह एक इलाका है। इसी के साथ ही यहां पर खडी चट्टानें, गुफाएं, नमी वाले क्षेत्र, बोल्डर्स वाले क्षेत्र, नदी, तालाब और बांध सबकुछ है। इसके अलावा यहां पर प्राचीन और प्रागेतिहासिक के कई पुरा स्थल और कई प्राकृतिक स्थल भी हैं। जैसे भीमबैठिका, लाखा ज्वार, रंगमहल, गिन्नौरगढ, कैरी प्रपात, भदभदा जलप्रपात तथा रण्भैंसा-चितौरी आदि क्षेत्र में स्थित है।
जंगल का प्रवेश द्वार:- मथार, नाहरकोला (गौ-सदन), बर्रूसोत गेट, बिनेका, रमपुरा, घोडापछाड, तुमडाखेडा, करमई, झिरी, भीमबैठिका एवं बोरखाडी की ओर से है।
कब जाएं:- वर्ष के सभी मौसमों में अभ्यारण्य क्षेत्र में पंहुचा जा सकता है, लेकिन रातापानी टाइगर रिजर्व 01 अक्टूबर से 15 जून तक आगंतुकों के लिए खुला रहता है। बाकी समय, मानसून के मौसम के कारण पार्क आगंतुकों के लिए बंद रहता है। इसके अलावा, हर बुधवार को शाम की सफारी ड्राइव के लिए पार्क बंद रहता है। होली के त्यौहार के दिन, आमतौर पर पार्क पूरे दिन के लिए बंद रहता है। आमतौर पर अक्टूबर से मार्च के महीनों में पर्यटकों की सबसे ज़्यादा आमद दर्ज की जाती है। रातापानी जंगल घूमने का यह सबसे अच्छा समय है।
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जंगल सफारी:-
रातापानी जंगल सफ़ारी अधिकर अपनी कार या जीप से की जाती है। यहां स्थानीय सफ़ारी संचालक उपलब्ध नहीं हैं, इसलिए यदि आप स्थानीय लॉज में नहीं रह रहे हैं और जंगल सफ़ारी करना चाहते हैं तो आप अपनी कार से अंदर जा सकते हैं, इसके लिए आपको गेट प्रवेश शुल्क का भुगतान करना होगा। यदि आप जीप सफ़ारी करना चाहते हैं, जैसा कि अन्य राष्ट्रीय उद्यानों में किया जाता है, तो आपको स्थानीय रिसॉर्ट में रुकना होगा जो जंगल की सैर के लिए सफ़ारी जीप का रखरखाव करते हैं। यहां सफारी ट्रैक छोटा है, इसलिए यह जंगल के सीमित हिस्से को ही कवर करता है। इसकी कुल लंबाई बढ़ाने के लिए काम चल रहा है, ताकि पर्यटक इस जंगल के और अधिक क्षेत्रों का पता लगा सकें और इस तरह समग्र वन्यजीव अनुभव में सुधार होगा।
जंगल सफारी कैसे करें:-
खबरों के अनुसार वर्तमान में सफारी का चार्ज 4200 रुपए है। इसमें गाड़ी का चार्ज 3000, गाइड 480 और गेट इंट्री फीस 750 रुपए है। एक सफारी में सिर्फ 6 लोगों को ही एंट्री दी जाती है। सफारी के लिए दो शिफ्ट तय हैं, पहली शिफ्ट सुबह 6 बजे, दूसरी 2 बजे की है। सफारी के बुकिंग की व्यवस्था ऑनलाइन भी की गई है। पर्यटक झिरी, बरखेड़ा और देलावाड़ी के तीन गेटों पर भी बुकिंग करा सकते हैं। बुकिंग सुबह साढ़े आठ बजे से दोपहर ढाई बजे तक होगी। फिलहाल जंगल सफारी के लिए झिरी से करमई तक 40 किलोमीटर और देलावाड़ी गेट से 20 किलोमीटर का ट्रैक बनाया गया है।
टैक्सी सुविधा:- भोपाल से रातापानी टाइगर रिजर्व या इसके विपरीत पर्यटक टैक्सी सेवा प्रदान करने के लिए ओवर ऑफिस भोपाल शहर में स्थित है। इसी तरह भोपाल से टैक्सी सुविधा के द्वारा रातापानी के अलावा सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान, पचमढ़ी, सांची, जबलपुर आदि के लिए भी हम बुकिंग कर सकते हैं।
ठहरने की व्यवस्था:
भोपाल शहर से बमुश्किल 69 किलोमीटर दूर इस जंगल में सैर कराने और कैंप लगाने वाली कई कंपनियां आपको मिल जाएगी। यह आपके के लिए सभी कुछ अरेंज करती हैं। यहां पर रात रुकने की व्यवस्था भी है। इसके अलावा वन विश्राम देलावाडी, डारमेट्री हॉल देलावाडी और वन विश्राम बर्रूसोत में भी ठहरने की सीमित व्यवस्था है। औबेदुल्लागंज में भी रात रुकने की व्यवस्था है जो जंगल से करीब 31 किलोमीटर दूर है।
रातापानी घूमने के बाद कहां जा सकते हैं?
रातापानी टाइगर रिजर्व घूमने के बाद, नमदापुरम, सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान, भीमबेटका रॉक शेल्टर, सांची, उदयगिरि गुफाए, कठौतिया, अमरकंटक और पचमढ़ी जैसे कई पर्यटन स्थल पर जा सकते हैं। इन सभी स्थलों तक कुछ घंटों की यात्रा में कैब द्वारा आसानी से पहुंचा जा सकता है।
रेल मार्ग:- भोपाल-मुबंई-नागपुर
सड़क मार्ग:- राष्ट्रीय राजमार्ग 69 भोपाल- नागपुर तथा राष्ट्रीय राजमार्ग 12 जयपुर-जबलपुर एवं इंदौर-खडंवा मार्ग अभ्यारण्य क्षेत्र से होकर गुजरते हैं।
वायु मार्ग:- अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा भोपाल
Anirudh Joshi