Ground Repot : पंजाब में मुकम्मल बंद, चाय-नाश्ते की दुकानें भी नहीं खुलीं
-हरकिशन शर्मा, पंजाब से
चंडीगढ़। केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार के कृषि कानूनों (Agriculture Bill 2020) के विरोध में मंगलवार को देशभर में किसानों ने बंद का आयोजन किया है। यूं तो देशभर में बंद का मिलाजुला असर दिखाई दे रहा है, लेकिन कांग्रेस शासित पंजाब में बंद का व्यापक प्रभाव दिखाई दे रहा है।
पंजाब में जगह-जगह सड़कें जाम हैं, बाजार और व्यापारिक प्रतिष्ठान भी पूरी तरह बंद हैं। राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और शिरोमणि अकाली दल समेत सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने बंद का समर्थन किया है।
बठिंडा के कन्हैया चौक, फायर ब्रिगेड चौक में बंद समर्थकों बड़ी संख्या में मौजूद थे। उन्होंने कृषि कानूनों के खिलाफ पोस्टर हाथ में लेकर नारेबाजी की। यहां व्यावसायिक प्रतिष्ठान पूरी तरह बंद रहे। बठिंडा में दुकानें नहीं खुली साथ ही सड़क पर रेहड़ी वाले भी नहीं दिखाई दिए।
किसानों ने जगह-जगह सड़कों को जाम कर दिया। कहीं-कहीं पर ट्रैफिक रोकने के लिए ट्रैक्टर खड़े कर दिए। बठिंडा-चंडीगढ़ एवं अन्य मार्ग पूरी तरह जाम हैं। यहां मौजूद किसानों ने सरकार के खिलाफ बैनर लेकर प्रदर्शन किया और नारेबाजी की।
इसी के साथ ही पंजाब के मानसा, मुक्तसर, फरीदकोट, जलंधर, पटियाला आदि जिलों से व्यापक बंद की खबरें हैं। किसानों के समर्थन में अन्य संगठनों ने भी एकजुट होकर कृषि कानूनों का विरोध किया। पंजाब के ज्यादातर इलाकों में बंद का व्यापक असर देखने को मिला।
भारतीय कीर्ति किसान यूनियन, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, पंजाब खेत मजदूर यूनियन, डेरी यूनियन, नर्सिंग यूनियन, बठिंडा टैक्सी यूनियन आदि संगठनों बंद का समर्थन किया है। बठिंडा में प्रदर्शन स्थल पर मौजूद एक किसान ने कहा कि हम लोगों से अपील कर रहे हैं कि वे किसानों का समर्थन करें। (सभी फोटो : हरकिशन शर्मा)