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Last Modified: रविवार, 3 जनवरी 2021 (22:01 IST)

सरकार को किसानों से वार्ता से समाधान की उम्मीद, अमित शाह से मिले तोमर और गोयल

सरकार को किसानों से वार्ता से समाधान की उम्मीद, अमित शाह से मिले तोमर और गोयल - center government expects solution from monday talks narendra singh tomar and piyush goyal meet amit shah at his residence
नई दिल्ली। केंद्र और प्रदर्शनकारी किसान संगठनों के बीच सातवें दौर की अहम वार्ता से एक दिन पहले रविवार को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्रसिंह तोमर ने रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के साथ बैठक की और इस वर्तमान संकट के यथाशीघ्र समाधान के लिए सरकार की रणनीति पर चर्चा की। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
सूत्रों के अनुसार तोमर ने सिंह के साथ इस संकट के समाधान के लिए ‘बीच का रास्ता’ ढूंढने के लिए ‘सभी संभावित विकल्पों’ पर चर्चा की। पिछली अटलबिहारी वाजपेयी सरकार में कृषि मंत्री रहे राजनाथ सिंह एक अहम संकटमोचक के रूप में उभरे हैं और वे इस मुद्दे पर अधिकतर पर्दे के पीछे से काम कर रहे हैं।
पिछले 39 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर ठिठुरती ठंड और अब बारिश के बाद भी टिके प्रदर्शनकारी किसानों ने धमकी दी है कि यदि 3 नए कृषि कानूनों को वापस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी स्वरूप प्रदान करने की उनकी दो बड़ी मांगें सरकार 4 जनवरी की बैठक में नहीं मानती है तो वे अपना आंदोलन तेज करेंगे।
 
शनिवार रात से वर्षा होने से प्रदर्शन स्थलों पर पानी जमा हो गया है लेकिन किसान संगठनों ने कहा है कि जब तक हमारी मांगें नहीं मान ली जाती है तब तक हम यहां से नहीं हटेंगे।
पांच दौर की वार्ता के बेनतीजा रहने के बाद 30 दिसंबर को छठे दौर की वार्ता में सरकार और 40 किसान संगठनों के बीच बिजली की दरों में वृद्धि एवं पराली जलाने पर जुर्माने पर प्रदर्शनकारी किसानों की चिंताओं के समाधान पर बात बनी थी, लेकिन 3 कृषि कानूनों के निरसन एवं एमएसपी को कानूनी गारंटी देने के विषय पर दोनों पक्षों में गतिरोध कायम है।
1 जनवरी को तोमर ने कहा था कि सरकार 4 जनवरी को किसान संगठनों के साथ अगले दौर की बैठक में ‘सकारात्मक नतीजे’ आने को लेकर आशान्वित है लेकिन उन्होंने इस बारे में कुछ भी कहने से इनकार किया कि क्या सातवां दौर वार्ता का आखिरी दौर होगा।
 
जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें उम्मीद है कि 4 जनवरी की बैठक आखिरी दौर होगा तो उन्होंने कहा कि मैं ऐसा पक्के तौर पर नहीं कह सकता। मै कोई ज्योतिषी नहीं हूं। मैं आशान्वित हूं कि (बैठक में) जो भी निर्णय होगा, वह देश और किसानों के हित में होगा। 
 
पिछले सप्ताह प्रदर्शनकारी किसानों ने अल्टीमेटम जारी किया था कि यदि अगली दौर की वार्ता में उनकी मांगें नहीं मानी गई तो वे गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में ट्रैक्टर परेड के साथ प्रवेश करेंगे।
लोहड़ी पर जलाएंगे कृषि कानूनों की प्रतियां : दिल्ली के सिंघू बॉर्डर पर नए कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन कर रहे किसान नेताओं ने रविवार को कहा कि वे 13 जनवरी को नए कानूनों की प्रतियां जलाकर लोहड़ी का त्योहार मनाएंगे।
 
उन्होंने कहा कि वे नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के मौके पर 23 जनवरी को 'आजाद हिंद किसान दिवस' के रूप में मनाएंगे। किसान नेता मनजीत सिंह राय ने कहा कि हम 13 जनवरी को नए कानूनों की प्रतियां जलाकर लोहड़ी का त्योहार मनाएंगे। साथ ही राय ने लोगों से अपील की कि वे 6 से लेकर 20 जनवरी तक किसानों के समर्थन में देशभर में धरना-प्रदर्शन आयोजित करें।
अन्य किसान नेता ओंकार सिंह ने कहा कि हमारे प्रदर्शन का आज 37वां दिन है। सरकार को अपना हठ छोड़ना चाहिए। इन परिस्थितयों में बुजुर्गों समेत किसान धरने पर बैठे हैं लेकिन सरकार को इस बारे में कोई चिंता नहीं है।
 
किसान नेता हरमीत सिंह कादियान ने कहा कि तापमान गिरने के साथ ही हमने वॉटरप्रूफ टेंट के इंतजाम किए हैं। हम गर्म पानी और कंबल की उपलब्ध्ता के लिए भी प्रयासरत हैं। करीब एक हजार महिलाओं के ठहरने के लिए टेंट और बिस्तर के इंतजाम किए गए हैं।
 
महिला कबड्डी का आयोजन : प्रमुख प्रदर्शन स्थल और दिल्ली की सीमा पर स्थित सिंघू बार्डर रविवार को महिला कबड्डी प्रतियोगिता के लिए एक मैदान में तब्दील हो गया, जहां कड़ाके की ठंड के बीच हुई बारिश भी उनके इस जज़्बे को कम नहीं कर पाई। कुल 12 महिला टीमों ने इस प्रतियोगिता में हिस्सा लिया, जो पूर्वाह्न 11 बजे शुरू हुआ था।
 
किसान मजदूर संघर्ष कमेटी पंजाब के संयुक्त सचिव सुखविंदर सिंह (55) ने कहा कि महिलाएं इस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए खुद ही आगे आईं।
 
पंजाब के तरन तारन जिले के रहने वाले सिंह ने कहा कि विभिन्न राज्यों की टीमें आईं और हमसे कहा कि वे एक कबड्डी प्रतियोगिता का आयोजन करना चाहते हैं। हमनें सिंघू बॉर्डर पर लोगों को सक्रिय रखने के लिए प्रत्येक दिन के लिए विभिन्न गतिविधियों की योजना बना रखी है।
सुखविंदर ने कहा कि विजेता टीम को 2,100 रुपए और उप-विजेता टीम को 1,100 रुपए मिलेंगे। पुरस्कार की घोषणा उन लोगों द्वारा की जाएगी, जिन्होंने यह राशि चंदा में दी है। रविवार सुबह भारी बारिश ने राष्ट्रीय राजधानी को सराबोर कर दिया, विभिन्न स्थानों पर जलजमाव हो गया और प्रदर्शन स्थल भी इससे अछूते नहीं रहे। हालांकि, बारिश का प्रतियोगिता पर असर नहीं पड़ा। (भाषा)
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