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Last Updated : सोमवार, 6 मई 2024 (14:34 IST)

IPS और DSP से लेकर तहसीलदार तक, अवैध खनन माफियाओं के हमलों में कई अफसरों ने गंवा दी जान

mining mafia
  • शहडोल में ASI महेंद्र बागड़ी को बुरी तरह कुचलकर मारा
  • 2012 में IPS नरेंद्रकुमार को ट्रेक्टर चढ़ाकर मार दिया था
  • पिछले 3 साल में ही देशभर में 193 कर्मचारियों की हत्‍याएं हुईं
  • सिर्फ चंबल नदी से ही हर महीने 40 करोड़ के कारोबार का अंदाजा
  • देशभर में नदियों का अवैध उत्‍खनन की खबरें आम बात है
officers lost their lives in attacks by illegal mining mafias:मध्‍यप्रदेश समेत पूरे देश में अवैध रेत खनन माफिया बेखौफ हैं। आए दिन इनके हमलों में सरकारी अफसरों की जान जा रही है। ताजा मामले में शहडोल में ASI महेंद्र बागड़ी को रेत माफिया ने ट्रेक्‍टर से बुरी तरह कुचल दिया। ASI की मौके पर ही मौत हो गई।

यह कोई पहली बार नहीं है जब रेत माफियाओं के हमलों में अफसरों और कर्मचारियों की जान गई हो। इसके पहले रेत माफियाओं ने आईपीएस और डीएसपी स्‍तर के अधिकारियों की भी हत्‍याएं कर दी। एक रिपोर्ट के मुताबिक पूरे देश में करीब 200 अधिकारियों और कर्मचारियों को माफियाओं द्वारा मार दिया गया। इनमें पुलिस विभाग से लेकर वन विभाग के छोटे बड़े कर्मचारी शामिल हैं।

बेखौफ माफिया, कागजों पर कार्रवाई: ASI महेंद्र बागड़ी की मौत के मामले में मध्‍यप्रदेश के सीएम मोहन यादव ने निर्देश दिए हैं, जिसके बाद रेत माफिया सुरेंद्र सिह सहित ट्रेक्टर चालक राज रावत कोल के खिलाफ जिला प्रशासन ने कार्रवाई की। अवैध रूप से बनाए उसके मकान को बुलडोजर से ढहा दिया गया है। जबकि फरार ट्रेक्‍टर मालिक पर 30 हजार का इनाम रखा गया है, हालांकि यह कार्रवाई नाकाफी है, क्‍योंकि बावजूद इसके अफसरों पर माफियाओं के हमले नहीं थम रहे हैं। जानते हैं देश में कब- कब अवैध रेत खनन माफियाओं ने हमले किए और कितने लोग मारे गए।

इन नदियों से इतना कारोबार: मध्‍यप्रदेश में रेत के अवैध उत्खनन पर रोक लगाने के तमाम सरकारी दावे सिर्फ कागजों में सिमटकर रह गए हैं। यहां यह कारोबार बेखौफ चल रहा है। प्रदेश में अवैध उत्खनन का सबसे बड़ा कारोबार चंबल, नर्मदा, क्षिप्रा, बेतवा, सोन जैसी बड़ी नदियों से चलता है। यहां सक्रिय रेत माफिया का एक छत्र राज है। प्रदेश की चंबल नदी से रेत निकालने पर पिछले डेढ़ दशक से रोक लगी हुई है, लेकिन हर महीने अंदाजन 35 से 40 करोड़ या इससे ज्‍यादा का कारोबार रेत खनन से होता है।

अवैध रेत माफियाओं ने कब कब किए हमले?
बता दें कि यह कोई पहली बार नहीं है जब अवैध रेत खनन माफियाओं ने कार्रवाई करने पहुंची टीम पर हमले किए हों। पुलिस और वन विभाग की टीम पर कई बार हमले हुए हैं। इंदौर, भोपाल, ग्‍वालियर, देवास आदि जिलों में लगातार टीम पर हमलों की खबरें आती रही हैं।

आईपीएस नरेंद्रकुमार पर हमला: मुरैना जिले के बानमोर एसडीओपी आईपीएस नरेंद्रकुमार पर ड्राइवर मनोज ने ट्रेक्टर चढ़ा दिया था, जिससे उनकी मौत हो गई थी। यह घटना 2012 की है। अवैध रूप से खनन ले जाए जा रहे पत्‍थरों को ट्रैक्टर को रोकने की कार्रवाई करने गए थे। ट्रैक्टर रोकने के लिए चालक को इशारा किया, लेकिन चालक ने तेज रफ्तार कर दी। नरेंद्रकुमार ट्रैक्टर पर चढ़े तब भी चालक ने ट्रैक्टर नहीं रोका तो वे ट्रैक्टर पर लटक गए। उन्‍होंने एक हाथ से स्टेयरिंग पकड़ लिया तो चालक ने नरेंद्रकुमार को धक्का देकर नीचे गिरा दिया और उन पर ट्रैक्टर चढ़ा दिया, जिससे नरेंद्रकुमार की मौत हो गई थी।
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इंस्पेक्टर रीना पाठक टीम पर हमला: जून 2015 में शाजापुर जिले के गांव शुजालपुर इलाके में मौजूद खनन इलाके में महिला माइनिंग इंस्पेक्टर रीना पाठक टीम के साथ छापा मारने गई थीं। महिला खनन अधिकारी रीना पाठक को एक शिकायत की पुष्टि के लिए खनन इलाके में भेजा गया था। खनन माफिया को इसकी जैसे ही भनक लगी,उसने टीम को घेर लिया। हमले में होमगार्ड के तीन जवान बुरी तरह जख्मी हो गए थे। इसी तरह डिंडोरी में पदस्‍थ आईएएस अफसर काजल जावला को कार्रवाई करने पर अवैध खनन करने वालों ने धमकी दी थी।

मई 2022: अशोकनगर जिले में अवैध खनन कर रेत ले जा रहे माफियाओं को वन कर्मियों ने पकड़ा तो माफियाओं ने वन कर्मियों पर लाठी डंडों से हमला कर दिया। पत्थर फेंके, रेंजर से राइफल छुड़ाने की कोशिश की। हमले में वन विभाग के एक अधिकारी के हाथ में फ्रैक्चर हो गया।

भावना सेंगर पर हमला: 11 फरवरी 2020 में रतलाम के आलोट में क्षिप्रा नदी से रेत निकाल रही तीन जेसीबी जब्त कर थाने ले जा रहे खनिज विभाग पर गुंडों ने हमला किया था। अपने साथियों को बचाने महिला खनिज निरीक्षक भावना सेंगर गाड़ी से उतरी तो बदमाशों ने उन पर हमला कर दिया।

सोनिया मीणा पर हमला: 18 जून 2017 को आईएएस अफसर सोनिया मीणा छतरपुर के राजनगर में एसडीएम के पद पर तैनात थीं। 8 फरवरी 2017 में उन्‍होंने खनन माफिया के रेत से भरे वाहन पकड़े थे, इसके बाद उन पर जानलेवा हमला हुआ। रेत के ट्रैक्टर छीनकर ले गए थे।

टीम को भागना पड़ा: मार्च 2024 में मध्य प्रदेश के शाजापुर जिले में खनन विभाग के अधिकारियों पर हमला किया था। हमले में कई अधिकारी घायल हुए। घटना कालापीपल के मोहम्मदपुर गांव का था। यहां खनन विभाग के अधिकारी शिकायत मिलने के बाद खनिज उत्खनन का ठेका लेने वाली निजी कंपनी के खिलाफ कार्रवाई करने पहुंची थी। टीम मौके तो ग्रामीणों ने हमला कर दिया। अधिकारियों को भागना पड़ा।

टीआई सुधीर सिंह को पीटा: साल 2021 में ग्वालियर-चंबल (Gwalior-Chambal) के इलाके में रेतमाफिया ने सिर्फ 15 दिनों के अंदर चार बार पुलिस और वन विभाग टीम पर हमला बोला था। इसी साल दतिया में रेत माफिया ने एक पुलिस जवान को गोली मार दी थी। इस घटना के बाद ग्वालियर के पुरानी छावनी के जलालपुर इलाके में चंबल से रेत ला रहे माफिया ने पेट्रोलिंग कर रहे टीआई सुधीर सिंह पर हमला बोल दिया। पुलिस टीम पर फायरिंग शुरू कर दी। रेत चोरों ने घिर चुके टीआई को जमकर पीटा। टीआई ने नाले में कूदकर जैसे-तैसे जान बचाई थी।

डंपर से कुचलने की कोशिश: एक अन्य घटना में ग्वालियर में रेत माफिया ने पुलिस पर गोलियां चलाईं और ट्रैक्टर, डंपर से कुचलने की कोशिश की।

वन विभाग की टीम पर हमला: रेत माफिया के गुर्गे दतिया के नजदीक ग्वालियर-झांसी हाईवे पर वन विभाग की टीम पर हमला कर रेत से भरा ट्रक और ट्राली छीनकर ले गए थे। इसमें एक वनआरक्षक घायल हुआ था

टीआई नरेन्द्र शर्मा पर हमला: जनवरी 2021 में मुरैना में सबलगढ़ टीआई नरेन्द्र शर्मा पर हमला किया था। 30 जनवरी को श्योपुर में वनरक्षकों पर हमला और कब्जे से रेत से भरी ट्रैक्टर-ट्राली छुड़ाई थी। वहीं, श्योपुर में ही रेत माफियाओं ने हीरापुर वन चौकी पर हमला किया था।

3 घंटे बंधक बनाकर रखा: अनूपपुर जिले में दो कर्मचारियों के साथ रेत माफिया को पकड़ने पहुंचे सहायक वनक्षेत्र अधिकारी को माफिया ने ही 3 घंटे तक बंधक बनाकर रखा। अगली बार सामने आने पर जान से मारने की धमकी दी थी। पन्ना जिले का अजयगढ़ हो या सिंगरौली पुलिस और वन विभाग की टीम पर रेत माफिया के हमले की कई घटनाएं पिछले दिनों सामने आ चुकी हैं।

देवास में तहसीलदार पर हमला: 2015 में कार्रवाई करने गई देवास की तहसीलदार मीना पाल पर अवैध रेत खनन माफियाओं ने हमला किया था। उन्‍होंने जैसे तैसे भागकर जान बचाई थी।

पूरे देश में 193 लोगों की हत्‍याएं: एक रिपोर्ट बताती है कि खनन से जुड़ी घटनाओं, गिरोहों की आपसी दुश्मनी और रेत माफियाओं के सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों पर हमलों में देशभर में कम से कम 193 लोगों की हत्‍याएं कर दी गईं, संख्‍या इससे ज्‍यादा भी हो सकती है।

अफसरों पर रेत माफिया के हमले
2012 में आईपीएस नरेंद्रकुमार पर हमला
2015 में शाजापुर में रीना पाठक टीम पर हमला
2015 में देवास में मीना पाल पर जेसीबी चढ़ाने की कोशिश
2017 में छतरपुर में सोनिया मीणा पर हमला
2020 में रतलाम के आलोट में भावना सेंगर पर हमला
2021 में ग्वालियर-चंबल में टीआई सुधीर सिंह को पीटा
2021 में मुरैना में टीआई नरेन्द्र शर्मा पर हमला
2022 में हरियाणा में DSP सुरेंद्र बिश्नोई पर गाड़ी चढ़ाई
Edited by Navin Rangiyal