विशेषज्ञों का कहना है कि अगर ऐसा हुआ तो 2050 तक तापमान तीन से पाँच डिग्री सेल्सियस तक बढ़ सकता है जबकि तापमान में दो डिग्री तक की बढ़ोतरी भी खतरनाक हो सकती है। कई रिपोर्ट में खुलासा हो चुका है कि तापमान में वृद्धि से गर्म हवा के थपेड़ों और सूखा और बाढ़ जैसी आपदाओं में बढ़ोतरी होगी, समुद्र का जलस्तर बढ़ेगा और उष्ण कटिबंधीय चक्रवातों में भी बढ़ोतरी होगी। (भाषा)