Candidate Name |
इमरती देवी |
State |
मध्यप्रदेश |
Party |
BJP |
Constituency |
डबरा (अजा) |
Candidate Current Position |
Ex-MLA |
Imarti devi Biography in hindi : ज्योतिरादित्य सिंधिया की खास इमरती देवी (Imarti devi) को भाजपा (BJP) ने फिर डबरा सीट विधानसभा (Dabra Assembly constituency) से उतारा है। इमरती उन 22 विधायकों में से हैं, जो ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) के साथ कांग्रेस छोड़ भाजपा में आए थे। इमरती देवी अपने बयानों से अक्सर चर्चाओं में रहती हैं।
राजनीतिक सफर : इमरती देवी वर्ष 1997-2000 तक जिला युवा कांग्रेस कमेटी ग्वालियर की वरिष्ठ उपाध्यक्ष रहीं। 2002-2005 में जिला कांग्रेस कमेटी की महामंत्री एवं किसान कांग्रेस कमेटी की प्रदेश महामंत्री थीं। 2004-2009 में जिला पंचायत ग्वालियर की सदस्य, कृषि उपज मंडी ग्वालियर की संचालक एवं सदस्य रहीं।
2005 में वे ब्लॉक कांग्रेस डबरा की अध्यक्ष रहीं। इमरती देवी 2008 में 13वीं विधानसभा की सदस्य निर्वाचित हुईं। 2008 से 2011 तक पुस्तकालय समिति की सदस्य तथा 2011 से 2014 तक महिला एवं बालक कल्याण संबंधी समिति की सदस्य रहीं। इमरती देवी 2013 में दूसरी बार विधानसभा सदस्य निर्वाचित हुई। 2018 में तीसरी बार 15वीं विधानसभा में जिला ग्वालियर के डबरा निर्वाचन क्षेत्र से निर्वाचित हुईं।
सिंधिया को मानतीं हैं राजनीतिक पिता : इमरती देवी ज्योतिरादित्य सिंधिया को अपना राजनीतिक पिता मानती हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया और इमरती देवी ने एक समय में सक्रिय राजनीति में इंट्री ली। ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने पिता स्वर्गीय माधवराव सिंधिया (Madhavrao Scindia) की विरासत संभालने गुना पहुंचे, उसी समय इमरती देवी जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीती थीं। चूंकि उस समय मोहन सिंह राठौर ग्रामीण कांग्रेस के जिला अध्यक्ष थे। वे ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी माने जाते हैं।
वे ही दोनों की मुलाकात के माध्यम बने। इस अंचल में इमरती देवी के अलावा कोई दूसरी महिला नेता नहीं थी। इसी कारण चुनाव में जीत के बाद सिंधिया के खास होती गईं। कमलनाथ ने जब एक सभा में इमरती देवी को लेकर अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया तो ज्योतिरादित्य अपनी करीबी के लिए मौन व्रत पर बैठ गए थे।
समधी ने उपचुनाव में हराया : इमरती देवी 2018 का विधानसभा चुनाव ग्वालियर की डबरा सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरीं और जीत हासिल की। 2020 में ज्योतिरादित्य के पाला बदलने से 28 सीटों पर विधानसभा उपचुनाव हुए थे। इमरती देवी को फिर डबरा से भाजपा ने उतारा। कांग्रेस ने उनके समधी सुरेश राजे को उनके खिलाफ मैदान में उतारा। इमरती देवी को सुरेश राजे से 7568 वोटों से हार मिली। इमरती देवी ने 2014 में भिंड दतिया सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा लेकिन कांग्रेस के बागी और बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़े डॉ. भागीरथ प्रसाद से हार का मुंह देखना पड़ा था।
सरकारों में मंत्री बनीं : इमरती देवी 2018 में कमल नाथ सरकार में मंत्री भी बनीं। इसके बाद सियासी उलटफेर में बीजेपी में शामिल हो गईं और वहां भी शिवराज सरकार में मंत्री बनीं। उपचुनाव में डबरा सीट से चौथी बार चुनावी मैदान में उतरीं, लेकिन इस बार उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा।
जन्म और शिक्षा : इमरती देवी का जन्म 14 अप्रैल 1975 को जिला दतिया के ग्राम चरबरा में हुआ था। शिक्षा की बात करें तो इमरती देवी हायर सेकंडरी तक पढ़ी हुई हैं। इमरती देवी महिला उत्थान, समाजसेवा, पर्यटन-स्थलों के भ्रमण में विशेष रुचि रखती हैं। उन्होंने अपना मुख्य व्यवसाय कृषि बताया है।