Candidate Name |
डॉ. मंजूनाथ |
State |
Karnataka |
Party |
Bhartiya Janata Party |
Constituency |
Bangalore Rural |
Candidate Current Position |
Cardiologist |
Dr. manjunath biography in hindi : जाने-माने हार्ट स्पेशलिस्ट और पद्मश्री डॉ. मंजूनाथ को भाजपा ने बेंगलुरू रूरल से टिकट दिया है। सीट पर अभी उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के भाई और कांग्रेस नेता डीके सुरेश सांसद हैं और कांग्रेस ने उन्हें एक बार फिर से सीट पर उतारा है। डॉ. सीएन मंजूनाथ का पूरा नाम चोलेनहल्ली नंजप्पा मंजूनाथ है। डॉ. मंजूनाथ पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के दामाद हैं।
राजनीतिक करियर : डॉ. मंजूनाथ 17 साल तक कर्नाटक सरकार के श्री जयदेव इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोवास्कुलर साइंसेज एंड रिसर्च के चीफ थे। वे जनवरी 2024 में सेवानिवृत्त हुए। लोकसभा चुनाव 2024 से वे राजनीति की पारी की शुरुआत कर रहे हैं।
चिकित्सा क्षेत्र में बड़ी उपलब्धियां : भारत सरकार ने भारतीय चिकित्सा में उनके योगदान के लिए डॉ. सीएन मंजूनाथ को 2007 में पद्मश्री से सम्मानित किया था। उन्होंने 17 अक्टूबर 2020 को मैसूर दशहरा के 410वें संस्करण का उद्घाटन किया, जो कोविड-19 महामारी में कोरोना योद्धाओं के सम्मान के रूप में नादहब्बा (राज्य उत्सव) है। उन्हें कर्नाटक सरकार के दूसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार 1998 राज्योत्सव प्रशस्ति भी मिला है। डॉ. सीएन मंजूनाथ ने ही बैलून मिट्रल वाल्वुलोप्लास्टी में एक नया प्रोटोकॉल विकसित किया है और उन्हें भारत में एक्यूरा बैलून कैथेटर का उपयोग करके ऐसी प्रक्रियाओं की सबसे अधिक संख्या के प्रदर्शन का श्रेय दिया जाता है।
जन्म और शिक्षा : डॉ. मंजूनाथ का जन्म 20 जुलाई 1957 को कर्नाटक के हासन जिले में एक किसान परिवार में हुआ। उन्होंने मैसूर मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस किया। इसके बाद बेंगलुरु मेडिकल कॉलेज और अनुसंधान संस्थान से एमडी किया।
डॉ. सीएम मंजूनाथ ने कस्तूरबा मेडिकल कॉलेज, मैंगलोर से कार्डियोलॉजी में डीएम किया। उनके करियर की शुरुआत 1982 में बेंगलोर मेडिकल कॉलेज में एक इंटर्न के रूप में हुई।
उन्होंने 1985 में कस्तूरबा मेडिकल कॉलेज मैंगलोर में कार्डियोलॉजी विभाग में एक वरिष्ठ रजिस्ट्रार के रूप में तीन साल काम किया। उन्हें 1988 में श्री जयदेव इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोवैस्कुलर साइंसेज एंड रिसर्च में संकाय के सदस्य के रूप में शामिल किया गया और 2006 में वे संस्थान के निदेशक बने।