मंगलवार, 2 सितम्बर 2025
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  4. Importance and benefits of observing fast on Parivartini Padma Ekadashi
Written By WD Feature Desk
Last Modified: मंगलवार, 2 सितम्बर 2025 (12:52 IST)

Padma ekadashi 2025: परिवर्तिनी पद्मा एकादशी का व्रत रखने का महत्व और फायदे

Benefits of Parivartini Ekadashi fast
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Parivartini Ekadashi 2025 : भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की एकादशी को परिवर्तिनी, पद्मा और पार्श्व एकादशी कहते हैं। इसे डोल ग्यारस भी कहते हैं। इस दिन भगवान विष्णु के वामन अवतार की पूजा की जाती है। इस दिन भगवान कृष्ण के बाल रूप का जलवा पूजन किया गया था। इसीलिए इसे डोल ग्यारस भी कहा जाता है। आओ जानते हैं इसका महत्व और इस दिन व्रत रखने के फायदे।
 
परिवर्तिनी एकादशी तिथि प्रारम्भ- 03 सितम्बर 2025 को 03:53 AM बजे।
परिवर्तिनी एकादशी तिथि समाप्त- 04 सितम्बर 2025 को तड़के 04:21 AM बजे।
 
परिवर्तिनी एकादशी का महत्व:-
  • इस दिन भगवान विष्णु करवट लेते हैं, इसलिए इसको परिवर्तिनी एकादशी कहते हैं। 
  • इसे पद्मा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। 
  • यह देवी लक्ष्मी का आह्लादकारी व्रत है इसलिए इस दिन लक्ष्मी पूजन करना श्रेष्ठ माना गया है।
  • इस दिन भगवान कृष्ण के बालरूप बालमुकुंद को एक डोल में विराजमान करके उनकी शोभा यात्रा निकाली जाती है। इसीलिए इसे डोल ग्यारस भी कहा जाने लगा।
  • इसी दिन राजा बलि से भगवान विष्णु ने वामन रूप में उनका सर्वस्व दान में मांग लिया था एवं उसकी भक्ति से प्रसन्न होकर अपनी एक प्रतिमा को राजा बलि को सौंप दी थी, इसी वजह से इसे वामन ग्यारस भी कहा जाता है।
 
परिवर्तिनी एकादशी व्रत रखने का लाभ:
  • इस दिन व्रत करने से वाजपेय यज्ञ का फल मिलता है। 
  • इस दिन भगवान विष्णु के वामन रूप की पूजा करने से तीनों लोक पूज्य होते हैं। 
  • इस दिन व्रत करने से वाजपेय यज्ञ के समान फल प्राप्त होता है और समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं। 
  • इस एकादशी पर भगवान विष्‍णु के वामन अवतार की कथा सुनने से लाभ मिलता है।
  • परिवर्तिनी एकादशी के व्रत से सभी दु:ख दूर होकर मुक्ति मिलती है। 
  • इस दिन गेंहू, धन, फल, वस्त्र और सिंदुर का दान करने से कर्ज से मुक्ति मिलती है।
  • इस दिन भोजन पूर्व गाय माता को चारा खिलाने से दरिद्राता दूर होती है।
  • इस एकादशी पर व्रत रखने और विष्णु पूजन करने से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
  • इस एकादशी का व्रत रखने से भगवान विष्णु, लक्ष्मी और श्रीकृष्ण की कृपा प्राप्त होती है।
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