हमारे पौराणिक शास्त्रों में श्राद्ध पक्ष में आने वाली इंदिरा एकादशी का बहुत अधिक महत्व माना गया है। वर्ष 2021 में यह एकादशी 2 अक्टूबर, शनिवार को मनाई जा रही हैं।
मान्यतानुसार पितरों की आत्मा की शांति एवं उनके उद्धार के लिए यह एकादशी बहुत फलदायी है। और इसी उद्देश्य पूर्ति के लिए आश्विन मास के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को इंदिरा एकादशी यह व्रत रखा जाता है। इस दिन शालिग्राम की मूर्ति का पूजन करें, ब्राह्मणों को भोजन कराएं और पितरों का तर्पण करें।
इस दिन के संबंध में ऐसा माना जाता है कि कोई भी मनुष्य यदि इंदिरा एकादशी तिथि के इस एकादशी का व्रत रखता है और पितृ तर्पण तथा ब्राह्मण भोग करवाता हैं तो उसके पितरों को अवश्य स्वर्गलोक प्राप्त होता है। इसके अलावा इंदिरा एकादशी व्रत करने के अनेक पुण्य लाभ भी हैं।
आइए जानें एकादशी व्रत करने की विधि एवं पूजन के शुभ मुहूर्त-
आसान पूजन विधि-
आश्विन माह की कृष्ण पक्ष की दशमी के दिन प्रात:काल उठकर श्रद्धापूर्वक स्नान करें और फिर अपने पितरों का श्राद्ध करें और एक बार भोजन करें।
प्रात:काल होने पर एकादशी के दिन स्नानादि से निवृत्त होकर व्रत के नियमों को भक्तिपूर्वक ग्रहण करते हुए यह प्रतिज्ञा करें कि मैं आज संपूर्ण भोगों को त्याग कर निराहार एकादशी का व्रत करूंगा।
एकादशी पूजन के लिए शालिग्राम की मूर्ति को स्थापित करें।
फिर शालिग्राम की मूर्ति को पंचामृत से स्नान कराएं
हे अच्युत! हे पुंडरीकाक्ष! मैं आपकी शरण में हूं, आप मेरी रक्षा कीजिए, पूजा के दौरान यह प्रार्थना करें।
पूजा के दौरान मिष्ठान्न का भोग लगाएं।
पूजा समाप्त होने पर शालिग्राम की मूर्ति की आरती करें।
पूजा के बाद नियमों का खास ध्यान रखते हुए ब्राह्मण भोज तैयार करें और उन्हें भोजन कराएं, तथा दक्षिणा भी दें।
इंदिरा एकादशी की व्रत कथा का पढ़ें वर्ना यह व्रत अधूरा रह जाता है।
इंदिरा एकादशी पूजन के शुभ मुहूर्त-
इस बार 01 अक्टूबर 2021, शुक्रवार को 11.03 पीएम. से एकादशी तिथि प्रारंभ होकर शनिवार, 02 अक्टूबर 2021 को 11.10 पीएम. पर एकादशी तिथि समाप्त होगी। इंदिरा एकादशी पारण का समय- रविवार, 03 अक्टूबर 2021 को 06:15 एएम. से 08:37 एएम. तक रहेगा।