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Written By WD Feature Desk
Last Modified: शुक्रवार, 26 सितम्बर 2025 (17:36 IST)

Dussehara 2025: वो 3 शाप जिनकी वजह से ब्राह्मण पुत्र होते हुए भी रावण बना राक्षस, जानिए रावण के जन्म का रहस्य

रावण का जन्म
How demonic qualities came in Ravana : रावण, लंका का शक्तिशाली राजा और वेद और शास्त्रों का ज्ञाता था । रावण एक महापंडित था। आश्विन माह की दशमी के दिन प्रभु श्रीराम ने उसका वध कर दिया था। रावण नाम का दुनिया में कोई दूसरा आदमी कभी नहीं हुआ। उसके चरित्र के कारण कोई अपने बच्चे का नाम रावण नहीं रखता है। रावण का जन्म एक ब्राह्मण कुल में हुआ था, फिर भी उसमें राक्षसत्व के गुणों थे। सवाल उठता है कि ब्राह्मण पुत्र होते हुए भी रावण राक्षस क्यों बना? इसके पीछे की पौराणिक कथा में तीन प्रमुख श्राप शामिल हैं। आज इस आलेख में हम आपको इसी बारे में जानकारों दे रहे हैं।

क्या है रावण जन्म का रहस्य और पौराणिक कथा
रावण का जन्म ऋषि विश्रवा और राक्षसी कैकसी के पुत्र के रूप में हुआ था। विश्रवा ब्रह्मा के पुत्र और एक महान विद्वान थे, वहीं कैकसी राक्षस वंश से थीं। इस प्रकार, रावण के रक्त में एक ओर ब्राह्मण ज्ञान था तो दूसरी ओर राक्षसों की उग्रता। यही विरोधाभास रावण के व्यक्तित्व का आधार बना। 

कौन से 3 शाप बने रावण के राक्षसत्व का कारण
1. नारद मुनि का शाप: रावण के जन्म से पहले, उसके पिता विश्रवा और कैकसी के बीच एक वचन हुआ था कि संतान का जन्म शुभ मुहूर्त में होगा। लेकिन कैकसी ने अपने लालच और महत्वाकांक्षा के कारण इस वचन को तोड़ते हुए गलत समय पर संतान को जन्म दिया। इस कारण नारद मुनि ने रावण को शाप दिया कि उसका स्वभाव राक्षसी होगा और उसमें अधर्म की प्रवृत्ति बढ़ेगी।

2. कुबेर का शाप: कुबेर, जो रावण का भाई था और लंका का स्वामी था, ने रावण के अहंकार को नियंत्रित करने की कोशिश की। रावण ने अपने भाई को हराकर लंका पर कब्जा कर लिया, जिससे कुबेर ने उसे शाप  दिया कि उसके अत्यधिक अहंकार के कारण उसका पतन निश्चित है।

3. ब्रह्मा का शाप: रावण ने एक बार अपनी शक्ति का प्रदर्शन करते हुए कैलाश पर्वत को उठाने की कोशिश की, जिससे शिवजी नाराज हो गए। रावण को अपनी गलती का एहसास हुआ और उसने शिव से माफी मांगी। लेकिन ब्रह्मा ने उसे शाप दिया कि उसकी मृत्यु श्रीराम के हाथों होगी, जो अंततः रामायण के युद्ध का कारण बना।

ब्राह्मण पुत्र होकर भी कैसे आए रावण में राक्षसत्व वाले गुण?
रावण एक ब्राह्मण कुल में जन्मा था, लेकिन उसकी माता कैकसी के राक्षसी स्वभाव और तीन श्रापों ने उसके जीवन की दिशा बदल दी। रावण के मन में ज्ञान और शक्ति की भूख थी, लेकिन इस शक्ति का प्रयोग उसने गलत दिशा में किया। ब्राह्मणत्व और राक्षसत्व का यह संघर्ष उसके व्यक्तित्व में साफ झलकता है। विद्या, शक्ति और युद्ध कला में पारंगत होने के बावजूद, रावण की राक्षसी प्रवृत्तियों ने उसे अधर्म के मार्ग पर धकेल दिया।
 

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