स्त्री रोग विशेषज्ञों के अनुसार कई महिलाओं को कभी ना कभी अपने जीवन में यूरिनेरी ट्रैक्ट इंफेक्शन यानी यूटीआई ज़रूर हो जाता हैं। इसका अर्थ है मूत्राशय में संक्रमण। वैसे तो यह संक्रमण पुरुषों को भी होता है लकिन पुरुष की तुलना में यह संक्रमण महिलाओं में होने की संभावना ज़्यादा होती हैं। क्योंकि स्त्रियों के प्रजनन अंग पुरुषों से अधिक जटील होते हैं। जब आपको मूत्राशय में संक्रमण हो तो इसका सीधा असर किडनी पर होता है और समस्या बढ़ने पर किडनी फ़ैल होने तक की नौबत भी आ सकती है।
असल में गुप्तांग महिलाओं का बेहद संवेदनशील शारीरिक भाग होता है और इसमें बाहरी संक्रमण फैलने का खतरा सबसे ज्यादा होता है। अगर यूरेथरा यानी वह ट्यूब जहां से यूरिन पास होता है, कि अच्छी तरह सफाई ना की जाए तो संक्रमण वहां से होते हुए ब्लैडर तक पहुंच सकता है जो कि यूटीआई का जिम्मेदार होता है। आइए जानते हैं उन लक्षणों को जिनसे आप जान सकें कि कहीं आपको यूटीआई तो नहीं हुआ ?
यूटीआई के यह 7 लक्षण दिखें तो यूरिन टेस्ट करवाएं और डॉक्टर की सलाह लें :
गुप्तांग में खुजली व जलन होना।
यूरिन में रूकावट आना एवं रुक-रुक कर यूरिन आना।
बार-बार टॉयलेट जाने की बैचेनी होना और जब जाएं तो थोड़ी सी यूरिन होना।
यूरिन का रंग अधिक पीला होना व उसमे दुर्गन्ध आना।
लोअर एब्डमन में दर्द होना है व किसी तरह का दबाव महसूस करना।
यूरिन में ब्लड आना।
गंभीर यूटीआई की स्थिति में थकान व बुखार आ सकता है।
यूटीआई की वजह और इससे बचने के उपाय क्या हो सकते हैं?
1) इसकी एक अहम वजह महिलाओं का अपने संवेदनशील भाग के प्रति लापरवाही है।
2) ध्यान रखें कि अपने गुप्तांग को हमेशा साफ और सूखा रखें। गीले होने के कारण भी इसमें बैक्टेरिया होने की आशंका बढ़ जाती हैं।
3) टॉयलेट आने पर उसे अधिक समय रोके नहीं।
4) क्योंकि यूटीआई में मूत्राशय में बैक्टेरिया जमा हो जाते हैं तो पानी ज़्यादा पिएं ताकि बैक्टेरिया बाहर निकल जाए।
5) यही नहीं संभोग के बाद भी सफाई बहुत जरूरी होती हैं क्योंकि कई मामलों में सेक्स के बाद भी यूटीआई होने की आशंका में इजाफा हो जाता है।
6) हर संभोग के बाद टॉयलेट ज़रूर जाएं और गुप्तांग साफ़ करें।
7) अपना बाथरूम हमेशा साफ़ रखें और पब्लिक शौचालय में ज़्यादा गन्दी जगह पर टॉयलेट ना जाएं।