क्वारंटाइन और आइसोलेशन ही बेहतर तरीका है कोरोना वायरस से बचने का
कोरोना वायरस की वजह से संपूर्ण विश्व परेशान है, एक सूक्ष्म जीव ने महाशक्तियों को घुटनों पर ला दिया है। ना परमाणु बम, ना उन्नत टेक्नोलॉजी और ना ही पैसा इससे जीत पा रहा है। भारत सरकार इसके लिए हर संभव प्रयासरत है, सभी डॉक्टर्स प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से 24 घंटे सहयोग दे रहे है।
यह एक नए स्ट्रेन का वायरस है जो हवा के द्वारा फैलता है, मतलब व्यक्ति की श्वास से शरीर में प्रवेश करता है और फेफ़डो को अतिक्रमित करता है एवं हृदय की मसल्स को नुकसान पहुंचता है। इस वायरस का कोई इलाज अभी तक नहीं मिला है और वैक्सिन को बनने में कुछ समय लगेगा।
इस बीमारी से लड़ने का क्वारंटाइन और आइसोलेशन ही फिलहाल सबसे बेहतर तरीका है, जिसका पालन हम सभी को अनिवार्य रूप से करना चाहिए। नियमित अंतराल से हाथ साफ करें, इसे आप साबुन से भी कर सकते है पर 20 सेकंड्स के लिए करें, अनावश्यक किसी भी वस्तु या जगह को ना छुए, भीड़ वाली जगह पर ना जाए और अगर सर्दी और खांसी हो रही हो तो मास्क का उपयोग करें ताकि दूसरों को प्रभावित ना करें, अपने घर से बाहर कतई ना निकले।
आपकी थोड़ी सी असावधानी आपके और आपसे जुड़े कई लोगों के लिए परेशानी का सबब बन सकती है। आपको बहुत सावधान रहने की जरूरत है पर डरना नहीं है, अभी बचाव ही इलाज़ है। अगर हमने दो से तीन सप्ताह संयम से प्रशासन और डॉक्टरों के कहे अनुसार घर पर रह कर निकाल लिए तो निश्चित हमारी जीत होगी। आज हर व्यक्ति एक सिपाही है और उसको यह लड़ाई खुद ही लड़ना है।
जो यह देखने और सुनने में आ रहा है कि बाज़ार में दैनिक उपभोग कि वस्तुओं के लिए एकदम से भीड़ जमा हो जाती है और बहुत से मुहल्ले और कॉलोनी में लोग जमा हो रहे हैं यह लापरवाही समाज के लिए बहुत भारी पड़ सकती है, बीमारी से निजात दिलाने के प्रयास को और पीछे ले जा रही है एवं लॉक डाउन पीरियड को और बढ़ाना पड़ सकता है।
आप सबसे निवेदन है कि कोई भी नादानी ना करें, प्रशासन के निर्देशों का सख्ती से पालन करें और इस बीमारी को हराने में सहयोग प्रदान करे, सिर्फ 15 दिन और, फिर इस रात की सुबह होगी, एक सुनहरी सुबह, एक जगमगाती सुबह, एक स्वस्थ सुबह जो हम सभी के लिए एक नई आशा का संदेशा लाएगी। मन में है विश्वास, पूरा है विश्वास हम होंगे कामयाब एक दिन।