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Last Modified: बुधवार, 6 अक्टूबर 2021 (15:25 IST)

सामान्य करेंसी से कैसे अलग है क्रिप्टोकरेंसी, कैसे तय होते हैं इसके दाम...

सामान्य करेंसी से कैसे अलग है क्रिप्टोकरेंसी, कैसे तय होते हैं इसके दाम... - How cryptocurrency is different from normal currency
क्रिप्टोकरेंसी को लेकर दुनिया भर में लोगों की उत्सुकता बढ़ती जा रही है। इसमें निवेश करने वालों की संख्‍या भी तेजी से बढ़ रही है। लोग यह जानना चाहते हैं कि इसमें निवेश कैसे किया जा सकता है और कैसे क्रिप्टोकरेंसी के दाम तय किए जाते हैं?
 
क्रिप्टोकरेंसी को माइनिंग के जरिए जेनरेट किया जाता है। इसे उत्कृष्ट कंप्यूटर्स पर जटिल गणितीय समीकरण हल करके किया जाता है। इस काम को करने वाले माइनर्स को इनाम में कॉइन्स दिए जाते हैं। डिसेंट्रलाइज्ड ब्लॉकचेन तकनीक के जरिए क्रिप्टोकरेंसी की सुरक्षा तय की जाती है।
 
सामान्य करेंसी से कैसे अलग है क्रिप्टोकरेंसी : क्रिप्टोकरेंसी फ्लैट करेंसी पर सरकार का नियंत्रण या नियमन नहीं होता। ये डिसेंट्रलाइज्ड होती हैं। अधिकतर देशों ने इसे कानूनी वैधता नहीं दी है। क्रिप्टो के साथ ऐसा भी है कि इनकी एक फिक्स्ड सप्लाई होती है, ऐसे में मुद्रास्फीति से कीमतें गिरने का डर नहीं रहता है। हालांकि इसे भी करेंसी की तरह ही वस्तु या सेवा को खरीदने के लिए लेने-देन में इस्तेमाल किया जाता है।
 
क्रिप्टो कैसे खरीदें और बेचें? : बाजार में क्रिप्टोकरेंसी को बेचने के लिए कई एक्सचेंज प्लेटफॉर्म्स काम कर रहे हैं। देश में Bitcoin, etherum, Tither, Dogecoin जैसी क्रिप्टोकरेंसी को खरीदने और बेचने के लिए WazirX, Coinswitch Kuber और CoinDCX जैसे प्लेटफॉर्मों का इस्तेमाल किया जा सकता है। ये सभी प्लेटफॉर्म चौबीसों घंटे काम करते हैं। किसी भी प्रकार के ट्रांजेक्शन के लिए आपको एक्सचेंज प्लेटफॉर्म पर साइन इन करना होगा। KYC प्रक्रिया पूरी कर वॉलेट में पैसा ट्रांसफर करना होगा।
 
कैसे तय होते हैं दाम : क्रिप्टोकरेंसी बाजार की अस्थिरता निवेशकों के लिए बड़ी चिंता का विषय है। यहां तेजी से होने वाले उतार चढ़ाव झटके में किसी को निहाल कर सकते हैं। कई लोगों को क्रिप्टोकरेंसी के दामों में आई गिरावट ने तबाह कर दिया। जैसे ही किसी क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल बढ़ता है, उसकी मांग बढ़ती है और इस तरह से उस कॉइन की वैल्यू भी बढ़ जाती है।
 
क्रिप्टोकरेंसी एक सीमित संख्या में जेनरेट होती हैं। पिछले कुछ सालों में क्रिप्टोकरेंसी की स्वीकार्यता बढ़ी है, जिसके चलते इनकी वैल्यू भी बढ़ी है। जिस कॉइन की प्रोडक्शन लागत जितनी ज्यादा होगी, उसकी वैल्यू उतनी ज्यादा होगी। निवेशकों को ऐसे कॉइन चुनने चाहिए, जो सिक्योरिटी पर ध्यान देते हैं, भविष्य की संभावनाओं को भी अनदेखा नहीं किया जाना चाहिए।
 
भारत सरकार ने इस करेंसी को फिलहाल मान्यता नहीं दी है। सरकार का इस पर फिलहाल कोई नियंत्रण भी नहीं है। ऐसे में इसमें निवेश के संबंध में कोई भी फैसला पूरी तरह से सोच विचार कर ही लेना चाहिए। 
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