2007 के विश्वकप को कोई भी भारतीय क्रिकेट प्रेमी याद नहीं करना चाहता
यह विश्वकप पहली बार कैरेबियाई सरजमीं पर आयोजित किया गया। भारत की अगुवाई की राहुल द्रविड़ ने, क्योंकि खराब बल्लेबाजी और चैपल विवाद के कारण सौरव गांगुली को कप्तानी से हाथ धोना पड़ा था। वह बमुश्किल इस विश्वकप में प्लइिंग 11 में वापसी कर पाए।
सचिन, सौरव, द्रविड़ , सहवाग, युवराज, जहीर जैसे दिग्गजों से सजी इस भारतीय टीम का यह अब तक का सबसे बुरा विश्वकप रहा।भारत ने सोचा भी नहीं होगा कि बांग्लादेश उसे पहले मैच में हराकर बाहर का रास्ते के पास ले जाएगा। पहले ही मैच में बांग्लादेश के हाथों 5 विकेट की हार से टीम इंडिया की चौतरफा आलोचना होने लगी।
इन सबसे बावजूद भारत ने बरमुडा के विरुद्ध बेहतरीन खेल दिखाया। भारत के अमूमन सभी बल्लेबाजों ने इस मैच में गजब की बल्लेबाजी की और भारत ने बरमुडा के सामने 413 रन का भारी भरकम स्कोर खड़ा कर दिया। यह स्कोर अबतक विश्वकप में किसी टीम के द्वारा खड़ा किया गया सर्वाधिक स्कोर है।
लेकिन इस मैच के बाद खराब बल्लेबाजी ने श्रीलंका के खिलाफ फिर भारत ने बेहद खराब बल्लेबाजी की । करो या मरो के मुकाबले में भारत 255 रनों का पीछा कर महज 185 पर आउट हो गया ।भारत ने ग्रुप के दोनों मैच गंवाए और भारत विश्वकप से बाहर हो गया।
संयोग की बात यह है कि जिस दिन भारत बांग्लादेश से हारा उस दिन विश्वकप में पर्दापण करने वाली टीम आयरलैंड से पाकिस्तान हार गया । इस विश्वकप में एक दिन में दो उलटफेर हुआ।
विश्वकप में पाकिस्तान के कोच बाब बूल्मर की हत्या का मामला भी खूब सुर्खियों में रहा। विश्वकप में मिली करारी हार के बाद पाकिस्तान के कप्तान इंजमाम-उल-हक ने अपनी कप्तानी से इस्तीफा दे दिया। भारत में भी ऐसा ही देखने को मिला और द्रविड़ की जगह धोनी नए कप्तान बनें।