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Last Updated : सोमवार, 21 दिसंबर 2020 (21:30 IST)

कोरोनायरस महामारी के बीच शिगेला की दहशत, जानिए कैसे होती है बीमारी और क्या हैं बचाव के उपाय

बीजू गोपीनाथन केरल से (वेबदुनिया मलयालम)

Shigella | कोरोनायरस महामारी के बीच शिगेला की दहशत, जानिए कैसे होती है बीमारी और क्या हैं बचाव के उपाय
कोझीकोड। कोरोना महामारी के बीच केरल में एक नई बीमारी सामने आई है शिगेला। राज्य के कालीकट जिले में एक 11 वर्षीय की मौत के बाद केरल के स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा ने आम जनता से शिगेला के बारे में सावधानी रखने की अपील की है। आंत के संक्रमण शिगेला से 11 वर्षीय एक बच्चे की मौत होने के बाद लोगों के बीच इस नए संक्रमण को लेकर खौफ का माहौल है।
कैसे होती है बीमारी : यह बीमारी शिगेला नाम के बैक्टीरिया के कारण होती है। कोई व्यक्ति दूषित पानी पीने, बासी खाना खाने और शिगेला से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में रहने में से शिगेला बीमारी से संक्रमित हो सकता है। 10 साल से कम उम्र के बच्चों को ज्यादा प्रभावित करती है। बड़े भी इसकी चपेट में आ जाते हैं। इससे प्रभावित होने वाले लोगों को बुखार पेट दर्द की परेशानी होती है। खूनी दस्त भी हो जाते हैं। एंटीबायोटिक्स दवाओं से इसका असर कम किया जाता है।
 
शिगेला से बचने के लिए डॉक्टर बार-बार साबुन से हाथ धोने की सलाह देते हैं। राज्य के स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि घबराने की आवश्यकता नहीं है। विशेषज्ञ संक्रमण के मुख्य स्रोत का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि अभी तक केवल 6 लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि की गई है और 25 अन्य संक्रमण के संदिग्ध मामले हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने आशंका जताई है कि दूषित पानी पीने या बासी भोजन का सेवन करने से व्यक्ति शिगेला संक्रमण की चपेट में आ सकता है।
 
शैलजा ने कहा कि हमने प्रभावित इलाकों में सभी घरों का निरीक्षण शुरू कर दिया है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार यह संक्रमण पानी और भोजन के जरिए फैल सकता है। अच्छी साफ-सफाई रखने पर इसको फैलने से रोका जा सकता है। 

शिगेला से बचने के लिए स्वच्छता आवश्यक है। भोजन से पहले और शौच के बाद अपने हाथों को साबुन और पानी से धोएं। इसे केवल उबला हुआ पानी पीने की आदत डालें। खुले में शौच से बचें। बेबी डायपर का ठीक से निपटान करें। बासी खाना न खाने की चेतावनी भी दी गई है।

खाद्य पदार्थों को ठीक से ढंककर रखें। शौचालय और बाथरूम को समय-समय पर साफ-सुथरा और कीटाणुरहित करें। फलों और सब्जियों का उपयोग धोने के बाद ही करें। लक्षणों वाले लोगों के लिए ओआरएस घोल, नमकीन दलिया पानी का सेवन करना फायदेमंद है। पेयजल स्रोतों को क्लोरीनयुक्त किया जाना चाहिए।
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