नई दिल्ली। कोरोना के बढ़ते मरीजों को देखते हुए कई राज्यों ने पाबंदियों को और कड़ा कर दिया। आइए जानते हैं कौनसे राज्य में क्या हैं नए आदेश-
मध्यप्रदेश में नई होम आइसोलेशन गाइडलाइन : कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या को लेकर मध्यप्रदेश स्वास्थ्य विभाग की ओर से होम आइसोलेशन को लेकर नई गाइडलाइन जारी की गई है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से कहा गया है कि कोरोनावायरस के मामलों में वृद्धि मार्च में देखी जा रही है। मामले लगातार बढ़ रहे हैं, लेकिन मृत्युदर में वृद्धि का अनुपात कम है। स्वास्थ्य विभाग ने कहा है कि सीमित संसाधनों के कारण ज्यादातर स्थित रोगी होम आइसोलेशन में रहें। इससे गंभीर रोगियों को बेड उपलब्ध कराए जा सकेंगे। स्वास्थ्य विभाग ने यह भी कहा है कि किसे होम आइसोलेशन में भेजना है और किसे नहीं यह फैसला डॉक्टरों पर रहेगा। होम आइसोलेशन के दौरान चिकित्सक रोगी के संपर्क में रहेंगे और वे लगातार स्वास्थ्य की जानकारी लेते रहेंगे।
इन्हें दिया जाएगा होम आइसोलेशन : बिना लक्षण वाले मामलों में मरीज को होम आइसोलेशन में रखा जाएगा। कोरोना के माइल्ड लक्षण वाले मरीज। 60 साल से नीचे की उम्र के लोगों को होम आइसोलेशन में रखा जा सकता है। घर के सभी लोग अगर संक्रमित हैं तो सभी को होम आइसोलेशन में रखा जाएगा।
मरीज को करनी होगी यह व्यवस्था : होम आइसोलेशन के दौरान रोगी को डिजिटल थर्मामीटर और पल्स ऑक्सीमीटर रखना होगा। सर्जिकल मास्क के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग की ओर से बताई गई दवाइयों की व्यवस्था रोगी को स्वयं करना होगी। जांच के बाद अगर 10 दिनों तक कोई लक्षण न दिखे और 3 और बुखार न आए तो होम आइसोलेशन समाप्त किया जा सकता है।
गुजरात में 4 शहरों में बढ़ाया रात का कर्फ्यू : गुजरात सरकार ने चार शहरों में लागू रात का कर्फ्यू मंगलवार को और 15 दिन यानी 15 अप्रैल तक बढ़ा दिया। अहमदाबाद, सूरत, वडोदरा और राजकोट में लागू रात का कर्फ्यू अब 15 अप्रैल तक रात नौ बजे से सुबह छह बजे तक प्रभावी रहेगा। सरकार ने जांच, संक्रमितों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों का पता लगाने और उपचार एवं अन्य उपायों पर केंद्र के दिशानिर्देशों को लागू करने को भी 30 अप्रैल तक बढ़ा दिया है। कोविड-19 मामलों में वृद्धि के कारण सरकार ने गत 16 मार्च को रात के कर्फ्यू के समय में दो घंटे की वृद्धि की थी जो पिछले साल नवंबर से लागू है। स्थानीय अधिकारियों ने बाद में उस समय को एक और घंटे बढ़ाने का फैसला किया। रात का कर्फ्यू 31 मार्च तक लागू रहना था। गुजरात में मंगलवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 2,220 नए मामले सामने आए।
महाराष्ट्र में राहत की खबर : महाराष्ट्र में मंगलवार को कोरोनावायरस संक्रमण के 27,918 नए मामले सामने आए। राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने यह जानकारी दी। विभाग ने बताया कि राज्य में किसी एक दिन में सर्वाधिक मामले दो दिन पहले सामने आए थे, जब 40,414 लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी। नए मामलों की संख्या में कमी संभवत: कम संख्या में जांच किए जाने के चलते आई है। मंगलवार को 1,29,876 नमूनों की जांच की गई, जबकि एक दिन पहले 1,36,848 नमूनों की जांच की गई थी। विभाग ने बताया कि संक्रमण से और 139 मरीजों की मौत होने के साथ ही राज्य में महामारी से मरने वालों की कुल संख्या बढ़ कर 54,422 पहुंच गई। विभाग ने बताया कि मंगलवार को मुंबई में 4,760 नए मामले सामने आए, जबकि और 10 मरीजों की मौत हो गई।
महाराष्ट्र में आज कुल 23,820 मरीजों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। इस तरह, इस रोग से उबरने वालों की संख्या राज्य में बढ़ कर 23,77,127 हो गई है। महाराष्ट्र में अभी 3,40,542 उपचाराधीन मरीज हैं। विभाग ने कहा कि 139 मौतों में 72 मरीजों की मौत पिछले 48 घंटों में हुई है, जबकि 45 मरीजों की मौत पिछले सप्ताह हुई थी। शेष 22 मरीजों की मौत पिछले सप्ताह से पहले हुई थी। एक स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि मुंबई के पड़ोसी ठाणे शहर में 926 नए मामले, कल्याण डोम्बीवली नगर निगम क्षेत्र में 943 नए मामले सामने आए हैं। पुणे शहर और पड़ोसी पिंपरी चिंचवड में क्रमश: 3,287 और 1,785 नए मामले सामने आए हैं। शेष पुणे शहर में 1210 मामले सामने आए, जिससे ग्रामीण इलाकों में संक्रमण तेजी से फैलने का संकेत मिलता है। नासिक शहर में 1723 और नासिक जिले में 729 मामले, औरंगाबाद में 1020 और नांदेड़ में 683 नए मामले सामने आए। नागपुर शहर में एक लंबे अंतराल के बाद 766 और नागपुर जिले में (शहर को छोड़ कर) 442 नए मामले सामने आए।
संपर्क में आए 25-30 लोगों का पता लगाएं : केंद्र ने देश में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि के बीच राज्यों से कहा है कि कोरोनावायरस संक्रमित प्रत्एक व्यक्ति के संपर्क में आए 25-30 लोगों का पता लगाया जाए और संक्रमित लोगों को उचित रूप से पृथक किया जाए तथा बड़े निषिद्ध क्षेत्र बनाए जाएं।
संक्रमण के बढ़ते मामलों से निपटने के लिए जिला केंद्रित कदम उठाने का आह्वान करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने मंगलवार को कहा कि प्रत्एक जिले को, चाहे वहां महामारी के अधिक मामले हों या कम, स्पष्ट दायित्वों के साथ एक कार्ययोजना बनानी चाहिए। भूषण ने कहा कि कोविड-19 के संदिग्ध व्यक्तियों को पृथक रखकर और उनकी जांच कर तथा संक्रमित लोगों के संपर्क में आए 25-30 लोगों का पता लगाकर वायरस के प्रसार को नियंत्रित किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि जहां मामलों के क्लस्टर हैं, वहां लोगों या परिवारों को सिर्फ पृथक करने से मदद नहीं मिलेगी। उस मामले में, सपष्ट सीमाओं और कड़े नियंत्रण के साथ बड़े निषिद्ध क्षेत्रों की आवश्यकता होगी। भूषण ने सभी मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर कहा है कि पुलिस कानून या आपदा प्रबंधन कानून के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का इस्तेमाल कर कोविड-उचित व्यवहार हर हाल में क्रियान्वित किया जाना चाहिए।
पंजाब में स्कूल कॉलेज 10 अप्रैल तक बंद : पंजाब सरकार ने कोरोनावायरस का संक्रमण फैलने से रोकने के लिए मंगलवार को पाबंदियों की अवधि बढ़ा दी और अब स्कूल एवं कॉलेज अगले दस दिनों तक और बंद रहेंगे। मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने जांच और कोरोनावायरस टीकाकरण की रफ्तार बढ़ाने का भी आदेश दिया। उन्हें अधिकारियों ने बताया कि मध्य मई तक ही रोजाना मामलों में गिरावट आने की उम्मीद है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सचल टीकाकरण केंद्रों की स्थापना के लिए स्थानों की पहचान करने का भी निर्देश दिया।
पंजाब सरकार ने 19 मार्च को सिनेमाघरों, मॉलों एवं सामाजिक कार्यक्रमों में लोगों के जमावड़े पर पाबंदी के साथ साथ शैक्षणिक संस्थानों को इस माह के आखिर तक बंद रखने का आदेश दिया था। बयान के अनुसार मुख्यमंत्री ने मंगलवार को आदेश दिया कि पहले जो पाबंदियां 31 मार्च तक थीं अब वे 10 अप्रैल तक प्रभाव में रहेंगी। पहले राज्य सरकार ने आदेश दिया था कि मॉलों में एक वक्त में 100 से अधिक व्यक्तियों को इजाजत नहीं होनी चाहिए और सिनेमाघरों को आधी सीटें खाली रखने को कहा गया था। सबसे अधिक प्रभावित 11 जिलों में अंतिम संस्कार एवं शादियों को छोड़कर सभी सामाजिक जमावड़े पर पूर्ण पाबंदी लगाई गई थी। अंतिम संस्कार एवं शादियों में भी 20 लोगों को ही इजाजत होगी।
मुख्यमंत्री ने मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग को, प्राथमिकता श्रेणियों को ध्यान में रखकर टीकाकरण केंद्रों की संख्या बढ़ाने को निर्देश दिया। स्थिति पर चिंता प्रकट करते हुए उन्होंने मुख्य सचिव विनी महाजन को बाजारों एवं भीड़-भाड़ वाले अन्य स्थानों पर जांच एवं टीकाकरण करने के लिए जरूरी निर्देश जारी करने को कहा। बयान के अनुसार, सिंह ने सभी उपायुक्तों एवं सिविल सर्जनों को उन जगहों की पहचान करने को कहा जहां चलते-फिरते टीकाकरण केंद्र बनाए जा सकते हैं। हाल के सर्वेक्षण में सामने आया कि ब्रिटेन में कोरोनावायरस का जो नया स्वरूप सामने आया है, उसके मामले राज्य में भी तेजी से सामने आ रहे हैं।
समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री को बताया गया कि कुछ जिलों में नए मामले और मरीजों की मौत के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और लुधियाना में छह अप्रैल के आसपास इनके अत्यधिक होने की आशंका है। अनुमानों के अनुसार, मध्य या आखिर मई तक मामलों में गिरावट आएगी एवं जालंधर, लुधियाना, पटियाला, साहिबजादा अजीत सिंह नगर, होशियारपुर और कपूरथला में और अधिक मामले सामने आ सकते हैं। अधिकारियों के अनुसार, संक्रमण दर 40 वर्ष से कम उम्र के लोगों में अधिक रहने की आशंका है। (भाषा)