दिल्ली में कोरोना की गंभीर स्थिति को देखते हुए सभी एजेंसियां मिलकर काम करेंगी : CM अरविंद केजरीवाल
नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोनावायरस (Coronavirus) के बढ़ते मामलों को देखते हुए आज केंदीय गृह मंत्रालय ने एक अहम बैठक की। इस बैठक में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में कोरोना की गंभीर स्थिति को देखते हुए सभी एजेंसियां मिल काम करेंगी। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने एक सप्ताह पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन को पत्र लिख कर दिल्ली में आईसीयू बेड बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया था और इसमें केंद्र सरकार से मदद मांगी थी।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पत्र के बाद आज बैठक में केंद्र सरकार अगले तीन दिनों के अंदर 750 आईसीयू बेड उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है। केंद्र सरकार दिल्ली सरकार के अस्पतालों में आईसीयू बेड बढ़ाने के लिए जरूरी मशीनें उपलब्ध कराने में मदद करेगी। अभी तक दिल्ली में 60 हजार टेस्ट प्रतिदिन हो रहे थे, अब प्रतिदिन एक लाख से 1.25 लाख टेस्ट प्रतिदिन होंगे।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए आज गृह मंत्रालय ने बैठक ली थी। इस समय कोविड-19 की वर्तमान स्थिति से निपटने के लिए यह मीटिंग बहुत जरूरी थी, ताकि सभी एजेंसी और सभी सरकारें मिलकर काम करें। मैं केंद्र सरकार का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं, माननीय गृहमंत्री जी का भी शुक्रिया अदा करना चाहता हूं कि उन्होंने यह बैठक बुलाई और सारी एजेंसियां एक तरह से मिलकर काम करेंगी।
दिल्ली के लोगों की सेहत के लिए और उनकी जान बचाने के लिए इस वक्त यह जरूरी है कि सभी लोग मिलकर काम करें। इस वक्त सबसे ज्यादा परेशानी आईसीयू बेड को लेकर हो रही है। हमने देखा कि पिछले कुछ दिनों में खासकर लगभग 20 अक्टूबर के बाद से दिल्ली के अंदर कोरोना के मामले बड़ी तेजी से बढ़ने लगे हैं। इस समय दिल्ली में कोविड-19 बेड जरूरत के अनुसार ठीक-ठाक संख्या में हैं, लेकिन कोविड-19 के आईसीयू बेड बहुत तेजी से भरते जा रहे हैं।
केंद्र सरकार ने आश्वस्त किया है कि डीआरडीओ के सेंटर में अगले 2 दिन में 500 आईसीयू बेड उपलब्ध करा दिए जाएंगे और उसके अगले कुछ दिनों में 250 बेड और उपलब्ध कराए जाएंगे। इस तरह से लगभग 7500 आईसीयू बेड वहां पर उपलब्ध हो जाएंगे। इसके साथ-साथ दिल्ली सरकार भी और आईसीयू बेड बढ़ाए, उसके लिए हमें जिन मशीनों की जरूरत है, उसको देने में केंद्र सरकार मदद करेगी। उसकी मदद से हम दिल्ली सरकार के अस्पतालों में और आईसीयू बेड बढ़ा सकते हैं।
इसके अलावा बैठक में एक और बड़ा निर्णय लिया गया कि जो टेस्ट किए जा रहे हैं, उसे बढ़ाया जाएगा। अभी दिल्ली में हम लोग 60 हजार टेस्ट प्रतिदिन कर रहे हैं, अब इसको बढ़ाकर 1 से सवा लाख प्रतिदिन करना है। जिसमें आईसीएमआर ने आश्वस्त किया है कि जो भी व्यवस्थाएं होंगी, उसमें केंद्र सरकार से मदद मिलेगी। क्योंकि दिल्ली सरकार की जो सुविधाएं हैं, वह अपनी पूरी क्षमता के साथ काम कर रही हैं। इस बैठक में कोरोना को लेकर मोटे तौर पर यही निर्णय हुए हैं।
इस सप्ताह की शुरुआत में मुख्यमंत्री केजरीवाल ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन को पत्र लिखकर केंद्र सरकार के अस्पतालों में कोरोना मरीजों के लिए बेड़ बढ़ाने का अनुरोध किया था। दिल्ली सरकार ने आने वाले सप्ताह में प्रतिदिन 15 हजार कोरोनावायरस के मरीज आने की आशंका के मद्देनजर बेड़ बढ़ाने का अनुरोध किया था।
दिल्ली सरकार ने कोविड-19 मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए विभिन्न अस्पतालों में बेड़ बढ़ाने के लिए बहुत गंभीरता से ध्यान दिया है। दिल्ली सरकार ने सभी निजी अस्पतालों से कोविड मरीजों के लिए बेड की संख्या बढ़ाने और कोरोना मरीजों के लिए 80 फीसदी बेड आरक्षित करने के लिए कहा। पिछले सप्ताह दिल्ली उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को कोरोना के मरीजों के लिए 33 निजी अस्पतालों में 80 फीसदी आईसीयू (गहन चिकित्सा इकाई) बेड दो सप्ताह के लिए आरक्षित करने की अनुमति दे दी है।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना की गंभीर स्थिति को देखते हुए हाईकोर्ट ने कानूनी रोक को हटाते हुए यह आदेश दिया है। आज की तारीख में 16641 कोविड-19 बेड पूरी दिल्ली के अस्पतालों में हैं। इसमें 5451 बेड दिल्ली सरकार के अस्पतालों में हैं, जबकि केंद्र सरकार के अस्पतालों में 3721 बेड हैं और शेष बेड अन्य अस्पतालों से उपलब्ध कराए गए हैं।
इससे पहले भी जब दिल्ली सरकार ने केंद्र से समर्थन मांगा था, उसने हमेशा सकारात्मक सहयोग दिया है और जब भी आवश्यकता हो, राज्य को बेड, चिकित्सा सुविधा और अन्य सहायता प्रदान की है। दिल्ली मॉडल को व्यापक रूप से हर एजेंसी द्वारा स्वीकार किया गया था और सरकार के विभिन्न एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय की वजह से दिल्ली कोविड मामलों को नियंत्रित करने में कामयाब रहा।