COVID-19 : Corona Vaccine को लेकर ब्रिटेन में छिड़ी बहस, वैज्ञानिकों ने दी यह सलाह...
लंदन। कोरोनावायरस (Coronavirus) कोविड-19 के टीके की 2 खुराक के बीच 12 हफ्ते का अंतर रखने को लेकर यहां बहस छिड़ गई है। ब्रिटेन की सरकार के इस कदम उद्देश्य अधिक से अधिक संख्या में लोगों को टीके की कम से कम पहली खुराक देना है। टीके की दूसरी खुराक 21 दिनों के अंदर दिए जाने की शुरूआती सलाह को ब्रिटिश सरकार के वैज्ञानिकों ने संशोधित कर दिया और 2 खुराक के बीच 12 हफ्ते का अंतर रखने का सुझाव दिया है।
ब्रिटेन में प्राथमिकता वाले समूहों के लोगों को कोविड-19 के दो तरह के टीके लगाए जा रहे हैं, जिनमें एक टीका फाइजर/बायोएनटेक का है और दूसरा टीका ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका का है। दोनों ही टीकों की दूसरी खुराक कुछ हफ्ते के अंतर के बाद दिए जाने की जरूरत बताई गई है।
टीके की दूसरी खुराक 21 दिनों के अंदर दिए जाने की शुरूआती सलाह को ब्रिटिश सरकार के वैज्ञानिकों ने संशोधित कर दिया और दो खुराक के बीच 12 हफ्ते का अंतर रखने का सुझाव दिया है। इसका उद्देश्य, कहीं अधिक संख्या में लोगों को टीके की कम से कम एक खुराक देना है ताकि उन्हें कोविड-19 के खिलाफ कुछ हद तक तत्काल सुरक्षा कवच मिल सके।
टीकाकरण एवं प्रतिरक्षण पर सरकार की संयुक्त समिति ने दावा किया है कि अप्रकाशित आंकड़ों से यह पता चलता है कि ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका टीका, दो खुराक के बीच 12 हफ्ते का अंतर रखे जाने पर भी वह प्रभाव क्षमता रखती है।
हालांकि अमेरिकी औषधि कंपनी फाइजर ने कहा है कि उसने अपने टीके की प्रभाव क्षमता की जांच दो खुराक के बीच 21 दिनों का अंतर रखकर की थी, जबकि इस अवधि को बढ़ाए जाने से इसकी प्रभाव क्षमता को लेकर कुछ संदेह पैदा होता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दो खुराक के बीच चार हफ्ते का अंतर रखने का सुझाव दिया है और इसे केवल अपवाद वाली परिस्थितियों में ही बढ़ाकर छह हफ्ते तक किया जाए।
इंग्लैंड के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) प्रोफेसर क्रिस व्हिटी ने शुक्रवार को फिर से कहा था कि दो खुराक के बीच अंतर बढ़ाकर अधिकतम 12 हफ्ते किए जाने से कहीं अधिक शीघ्रता से काफी ज्यादा संख्या में लोगों को टीका लगाया जा सकता है।
प्रो. व्हिटी को लिखे एक पत्र में ब्रिटिश मेडिकल एसोसिएशन (बीएमए) ने कहा है कि वह इस बात से सहमत है कि टीका यथासंभव शीघ्र लगाया जाना चाहिए लेकिन इस नई नीति की समीक्षा करने और दो खुराक की अवधि घटाने की अपील की।
बीएमए कौंसिल के अध्यक्ष डॉ. चांद नागपाल ने बीबीसी से कहा कि इस बारे में चिंता बढ़ रही है कि खुराक के बीच 12 हफ्ते का अंतर रखने से टीके की प्रभाव क्षमता घट जाएगी। वहीं ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा है, इंग्लैंड में प्रत्येक 10 वयस्क व्यक्ति में एक को टीके की पहली खुराक मिल चुकी है।
इनमें 80 साल से अधिक उप्र के लोगों का 71 प्रतिशत और बुजुर्ग देखभाल केंद्र में रहने वाले लोगों का दो तिहाई हिस्सा भी शामिल है, लेकिन शीर्ष चार प्राथमिकता समूहों में फरवरी के मध्य तक हर किसी को पहली खुराक देकर हम अपने लक्ष्य तक पहुंचने के पथ पर बढ़ते रहेंगे।(भाषा)