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Last Updated : शनिवार, 8 मई 2021 (16:58 IST)

Big Breaking : DRDO ने बनाई Corona की दवाई, मरीजों में जल्द होगी रिकवरी

Big Breaking : DRDO ने बनाई Corona की दवाई, मरीजों में जल्द होगी रिकवरी - DCGI approves anti covid drug developed by DRDO
नई दिल्ली। DRDO ने डॉ. रेड्‍डीज के सहयोग से कोरोनावायरस (Coronavirus) की दवा बनाने का दावा किया है। इस दवाई से कोरोना मरीजों की जल्द ही रिकवरी होगी। 
 
ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने कोरोना के इलाज के लिए इस दवा के इमरजेंसी उपयोग को मंजूरी भी दे दी है। ये दवाई डीआरडीओ के इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर मेडिसिन एंड अलायड साइंसेस (INMAS) और हैदराबाद सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्युलर बायोलॉजी (CCMB) के साथ मिलकर तैयार की गई है। 
 
फिलहाल इस दवा को 2-deoxy-D-glucose (2-DG) नाम दिया गया है। इस दवाई को बनाने की जिम्मेदारी हैदराबाद स्थित डॉ. रेड्डी लैबोरेट्रीज को दी गई है। बताया जा रहा है कि दवाई के क्लीनिकल ट्रायल्स सफल रहे हैं। यह दावा किया जा रहा है कि जिन मरीजों पर इसका ट्रायल किया गया, उनमें तेजी से रिकवरी देखी गई। 

रक्षा मंत्रालय ने डीआरडीओ द्वारा विकसित कोविड-19 रोधी दवा के बारे में कहा कि वायरस से संक्रमित कोशिका पर चुनिंदा तरीके से काम करना इस दवा को खास बनाता है। यह दवा वायरस से संक्रमित कोशिका में जमा हो जाती है और उसकी वृद्धि को रोकती है।

पानी में घोलो और पी जाओ : डीआरडीओ ने कोविड रोधी दवा 2-डीजी विकसित की है, जो पाउडर के रूप में पैकेट में आती है, इसे पानी में घोलकर पीना होता है। क्लीनिकल परीक्षण में सामने आया है कि 2-डीजी दवा अस्पताल में भर्ती मरीजों के तेजी से ठीक होने में मदद करती है, साथ ही यह अतिरिक्त ऑक्सीजन पर निर्भरता कम करती है।

अप्रैल 2020 से शुरू हुई परीक्षण की शुरुआत : डीआरडीओ के वैज्ञानिकों ने अप्रैल 2020 में लैब में इस दवा पर परीक्षण किए थे। इस दौरान पता चला कि ये दवा कोरोनावायरस को रोकने में मदद करती है। इसी आधार पर मई 2020 में दूसरे चरण के ट्रायल को मंजूरी दी गई थी। 
 
11 अस्पताल, 110 मरीज : दूसरे चरण में देशभर के अस्पतालों में इस दवा का ट्रायल किया गया। इसके साथ ही फेज-IIa के ट्रायल 6 और फेज-IIb के ट्रायल 11 अस्पतालों में किए गए। इस ट्रायल में 110 मरीजों को शामिल किया गया। इसमें दावा किया गया है कि जिन मरीजों पर इस दवा का ट्रायल किया गया, वे बाकी मरीजों की तुलना में से जल्दी ठीक हुए। खास बात यह रही कि ट्रायल में शामिल मरीज दूसरे मरीजों की तुलना में ढाई दिन पहले ठीक हो गए। 
 
ज्यादा उम्र के मरीजों पर भी कारगर : ये ट्रायल दिल्ली, यूपी, बंगाल, गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र, आंध्र, तेलंगाना, कर्नाटक और तमिलनाडु में किए गए। जानकारी के मुताबिक जिन लोगों को 2-DG दवा दी गई, उनमें से 42% मरीजों की ऑक्सीजन की निर्भरता तीसरे दिन खत्म हो गई। वहीं, जिन्हें यह दवा नहीं दी गई, ऐसे 31% मरीजों की ही ऑक्सीजन पर निर्भरता खत्म हुई। इसका असर 65 साल से ऊपर आयु वाले लोगों में देखा गया।