अमेरिका में बढ़ा कोरोनावायरस कहर, कैलिफोर्निया में अंत्येष्टि स्थलों पर नहीं बची शवों के लिए जगह
लॉस एंजिलिस। अमेरिका में कोरोना वायरस के कारण हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। वायरस का प्रकोप इतना बढ़ गया है कि अंत्येष्टि स्थलों में शवों के लिए जगह तक नहीं बची है।
दक्षिण कैलिफोर्निया में अंत्येष्टि स्थलों के एक संगठन की ओर से कहा गया है कि उन्हें शोक संतप्त परिवारों को लौटाना पड़ रहा है क्योंकि यहां शवों के ढेर लग रहे हैं तथा अब और शवों के लिए जगह नहीं बची है।
अमेरिका में 3.5 लाख की मौत : जॉन हॉपकिन्स विश्वविद्यालय के आंकड़ों के मुताबिक अमेरिका में कोविड-19 के कारण 3,50,000 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि देश में दो करोड़ से अधिक लोग इस महामारी से संक्रमित हैं।
अंत्येष्टि स्थलों पर नहीं बची जगह : लॉस एंजिलिस में कॉन्टीनेंटल फ्यूनरल होम्स की माग्दा मेल्डोनाडो ने कहा, इस क्षेत्र में मैं बीते 40 साल से काम कर रही हूं और मैंने इससे पहले कभी नहीं सोचा था कि ऐसा कुछ भी हो सकता है। हमें परिवारों को कहना पड़ रहा है कि हम उनके परिजन को यहां नहीं ले पाएंगे।
मेल्डोनाडो ने बताया कि कॉन्टीनेंटल फ्यूनरल होम्स में प्रतिदिन औसतन 30 शव लाए जा रहे हैं जो सामान्य से छह गुना अधिक है। अधिकतर अंत्येष्टि स्थलों में यही स्थिति है। यहां अब तक दस हजार संक्रमितों की मौत हो चुकी है।
कहां कितनी मौतें : अमेरिका का न्यूयॉर्क, न्यूजर्सी और कैलिफोर्निया प्रांत कोरोना से सबसे बुरी तरह प्रभावित है। अकेले न्यूयॉर्क में कोरोना संक्रमण के कारण 38,273 लोगों की मौत हुई है।
न्यूजर्सी में अब तक 19,187 लोगों की इस महामारी के कारण मौत हो चुकी है। कैलिफोर्निया में कोविड-19 से अब तक 26,412 लोगों की मौत हो चुकी है। टेक्सास में इसके कारण 28,338 लोग अब तक अपनी जान गंवा चुके हैं जबकि फ्लोरिडा में कोविड-19 से 21,890 लोगों की जान गई है। इसके अलावा इलिनॉयस में 18,214, मिशीगन में 13,306, मैसाचुसेट्स में 12,423 जबकि पेंसिल्वेनिया में कोरोना से 16,179 लोगों की मौत हुई है।
3 राज्यों में मिला नया स्ट्रेन : अमेरिका के कैलिफोर्निया, कोलोराडो और फ्लोरिडा प्रांत में ब्रिटेन में हाल में पाए गए कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन की पुष्टि हुई है। कोरोना वायरस का यह नया स्ट्रेन 70 प्रतिशत अधिक संक्रामक है। गौरतलब है कि देश में फाइजर और मॉडर्ना की कोरोना वैक्सीन को मंजूरी मिलने के बाद टीकाकरण का अभियान भी बड़े पैमाने पर शुरू हो चुका है।