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Written By Author डॉ. रमेश रावत
Last Updated : शुक्रवार, 22 मई 2020 (15:17 IST)

Special Story : सिंगापुर में Corona से जनजीवन थमा, टूरिज्म पर सबसे ज्यादा असर

Special Story : सिंगापुर में Corona से जनजीवन थमा, टूरिज्म पर सबसे ज्यादा असर - Corona in singapore
कोरोना (Corona) के चलते दुनिया के अन्य देशों की तरह सिंगापुर में जनजीवन थम-सा गया है। लघु एवं मध्यम उद्योग के साथ पर्यटन उद्योग पर भी इसका खासा असर पड़ा है। लोगों की दिनचर्या में भी बदलाव देखने को मिल रहा है। यहां अपराधों की दर नहीं के बराबर है। किसी भी प्रकार की राजनीतिक लड़ाई भी यहां देखने को नहीं मिलती। सरकार की सख्ती के चलते लोग अनुशासन में रहते हैं। 
 
कोरोना काल में सिंगापुर में सामाजिक, आर्थिक एवं अन्य स्तर पर क्या बदलाव हुए, लोगों में क्या परिवर्तन देखने को मिल रहे हैं, इन्हीं मुद्दों पर सुधीर जैन ने वेबदुनिया से खास बातचीत की। मूल रूप से भिलाई (छत्तीसगढ़) के रहने वाले सुधीर सिंगापुर स्थित एक्सेंचर कंपनी में बतौर सीनियर मैनेजर (टेक्नोलॉजी कंसल्टिंग) सेवाएं दे रहे हैं। प्रस्तुत हैं सुधीर जैन से बातचीत के प्रमुख अंश-
 
प्रश्न : कोविड-19 के दौरान जीवन में किस तरह के परिवर्तन आए?
उत्तर : निजी एवं प्रोफेशनल दोनों ही जीवन में काफी परिवर्तन आए हैं। ऑफिस बंद है। रिमोट कोलेब्रेशन टूल का उपयोग करते हुए घर से ही काम कर रहे हैं। मीटिंग एवं ट्रेनिंग माइक्रोसॉफ्ट टीम, जूम एवं वेबएक्स के माध्यम से की जा रही है मगर ऑनसाइट क्लाइंट की डिलेवरी पर प्रभाव पड़ रहा है। हालांकि जो प्रोजेक्ट चल रहे थे वह वैसे ही चल रहे हैं। हम हमारी क्षमताओं के अनुरूप रिमोट डिलेवरी का काम कर रहे हैं। क्लाइंट्‍स ने नए प्रोजेक्ट्‍स को अभी होल्ड पर रखा हुआ है। 
 
मैं हफ्ते में कम से कम दो बार साइकिल चलाता हूं। इसके अतिरिक्त मैं एवं मेरी पत्नी पास के रिवरफ्रंट में अक्सर टहलने जाते थे, लेकिन कोरोना के बाद इस गतिविधि को हमने एक महीने से रोक दिया है। मॉल नहीं जा रहे हैं। किराना एवं अन्य आवश्यक सामग्री खरीदने के लिए ही सुपर मार्केट एवं अन्य दुकानों पर जाते हैं। चिकित्सा परामर्श के लिए वीडियो कॉल का सहारा लेते हैं। 
 
कोरोना ने हमारी सामाजिक बैठकों को वर्चुअल कर दिया है। हम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये वर्कआउट करते हैं। जन्मदिन या अन्य सामाजिक समारोह वर्चुअल रह गए हैं। बच्चे का जन्मदिन भी हमने वर्चुअल ही सेलिब्रेट किया। मेरा मानना है कि हमें बदली हुई परिस्थितियों के अनुसार स्वयं को ढालना होगा। मेरे अनुमान से कोरोना से खतरा कम होने एवं स्थिति सामान्य होने में अभी समय लगेगा। 
 
इतना ही नहीं कोरोना ने हर व्यक्ति के जीवन पर गहराई से प्रभाव डाला है। इसके चलते वर्क फ्रॉम होम कल्चर सिंगापुर में चरम पर है। लोगों का अपने व्यक्तिगत जीवन में खुश रहने का नजरिया बदल गया है। यात्राएं कम हो गई हैं। घर से लोग कम ही बाहर निकलना पसंद कर रहे हैं। 
प्रश्न : घर में किस प्रकार के कार्य आप कर रहे है?
उत्तर : मैं एक बिजनेस कन्सल्टिंग फर्म में कार्य कर रहा हूं एवं मेरा कार्य टेक्नोलॉजी से संबंधित है। इन दिनों में ऑफिस के कार्यों के अलावा घर के कामों में भी पत्नी का सहयोग कर रहा हूं। इसके अतिरिक्त हम स्वाध्याय ग्रुप से जुड़े हुए हैं। प्रतिदिन एक घंटे कॉल के माध्यम से जुड़ते हैं। 
 
प्रश्न : खुद को किस तरह व्यस्त रखते हैं?
उत्तर : मेरी कंपनी में वर्चुअल ट्रेनिंग की व्यवस्था है, जिसका मैं पूरा लाभ उठाता हूं। लेटेस्ट जानकारियां कंपनी के पोर्टल पर नियमित रूप से प्रकाशित होती हैं। ईमेल एवं कॉन्फ्रेंस कॉल के जरिए हम संवाद करते हैं। सिंगापुर में आवश्यक सेवाएं खुली हुई हैं। बाजार में आवश्यक वस्तुएं, सब्जियां, फल एवं अन्य सामग्री खरीदने जाने की अनुमति है। फिर भी हम सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हैं?
 
प्रश्न : घर के बाहर की परिस्थतियां कैसी हैं? 
उत्तर : सिंगापुर शॉपिंग मॉल से घिरा एक शहर है। लोग मॉल्स में अपना बहुत-सा समय व्यतीत करते हैं। घर से बाहर फूड कोर्ट, रेस्टोरेंट में खाने के आदी हैं। कोविड 19 के चलते अब फूड डिलेवरी एवं घर के खाने पर उन्हें निर्भर रहना पड़ रहा है। मॉल्स में आवश्यक सेवाओं को छोड़कर दुकाने बंद हैं। जो भी व्यक्ति मॉल में जाता है ‍पहले उसका आई-कार्ड चैक होता है। उसका तापमान चैक किया जाता है। इसके बाद ही उसे मॉल में प्रवेश दिया जाता है। जिम बंद हैं, इसलिए लोग घर पर ही एक्सरसाइज कर रहे हैं। कुछ लोग फुटपाथ पर भी  जॉगिंग करते हुए देखे जा सकते हैं। यातायात में कमी आई है।
  
प्रश्न : सिंगापुर में सरकारी स्तर पर कोविड-19 से निपटने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं?
उत्तर : सिंगापुर में कोविड 19 की दस्तक के साथ ही यहां की सरकार बड़ी मुस्तैदी से कार्य कर रही है। आरंभ से ही हर सार्वजनिक स्थान, बिल्डिंग में प्रवेश के समय व्यक्ति की थर्मल स्केनिंग की जा रही है। सभी कार्यालयों में सख्त दिशा-निर्देश जारी करते हुए हर कर्मचारी का तापमान नियमित रूप से चैक करने को कहा गया है। सिंगापुर में घर से ही कार्य करने के दिशा-निर्देश हैं। आवश्यक सेवाओं से संबंधित कार्यों के लिए ही कर्मचारी अपने कार्यालय आ-जा सकते हैं। यहां सरकार तो सख्त है ही, लोग भी नियमों का पालन कर रहे हैं। कहीं-कहीं अपवाद भी देखने को मिलते हैं। 
 
लोगों को भी चाहिए कि वे नियमों का पालन करें। मास्क पहनें, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। अपने इम्यूनिटी सिस्टम को मजबूत बनाएं। व्यायाम करें, हेल्दी डाइट लें एवं पर्याप्त आराम करें। स्वयं को व्यस्त रखें। अपने मित्रों एवं रिश्तेदारों के साथ वर्चुअल मीट में भाग लें, इससे तनाव कम होगा। 
 
प्रश्न : कोविड काल में सिंगापुर का मीडिया किस तरह काम कर रहा है?
उत्तर : सिंगापुर में मीडिया महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। टीवी चैनल्स नियमित रूप से सरकार की नई गाइड लाइन के साथ अपडेट रहते हैं। यहां लोकल न्यूज चैनल मुख्य भूमिका निभा रहे हैं। इनमें चैनल न्यूज एशिया प्रमुख है। समाचार पत्रों में भी कन्टेंट न्यूज चैनल के समान ही है। 
 
सिंगापुर में फेक न्यूज एवं अफवाहों पर बहुत ही सख्ती बरती जा रही है। यदि इस प्रकार का कोई मामला सामने आता है तो सरकार सख्त कार्रवाई करती है। इसके लिए जुर्माना एवं गिरफ्तारी के साथ ही जो विदेशी यहां रह रहे हैं उनके लिए तत्काल प्रभाव से वर्क परमिट कैंसिल करने का भी प्रावधान है।
 
प्रश्न : कोरोना से मानव जीवन को बचाने के लिए क्या सिंगापुर सरकार के स्वास्थ्य संबंधी कदम संतोषजनक हैं?
उत्तर : सिंगापुर की चिकित्सा सुविधा विश्व की सर्वश्रेष्ठ सुविधाओं में एक है। सरकार भी जनता का बहुत ध्यान रखती है। सरकार का पूरा प्रयास है कि कोविड 19 से जनहानि न के बराबर हो या बहुत कम हो। यही कारण है कि सिंगापुर में कोरोना से मरने वालो की संख्या का प्रतिशत दुनिया के दूसरे देशों के मुकाबले बहुत कम है। या ऐसा कहें कि सिंगापुर में इस महामारी से मृत्युदर संक्रमित जनसंख्या के हिसाब से सबसे कम है।
प्रश्न : कोविड 19 से प्रभावित देशों के बारे में आपके क्या विचार हैं?
उत्तर : विश्व के हर देश में कोविड 19 का प्रभाव हम देख सकते हैं। सभी अपने संसाधनों एवं क्षमताओं के अनुरूप इस महामारी का सामना कर रहे हैं। इसके साथ ही जिन देशों ने समय रहते उपाय आरंभ किए हैं, वहां पर स्थिति नियंत्रण में भी है। भारत भी अपनी क्षमताओं के अनुरूप अच्छा काम कर रहा है। 
 
प्रश्न : चीन एवं अमेरिका के बारे में आप के क्या विचार हैं? 
उत्तर : कोविड 19 चीन से आरंभ हुआ और कुछ महीनों में ही विश्व में फैल गया। चीन पर कोरोना से जुड़ी सूचनाओं के समय पर साझा न करने के आरोप लगते रहे हैं। इस महामारी से जुड़े चीन के आंकड़े भी विश्वसनीय नहीं माने जाते हैं। जहां तक अमेरिका का प्रश्न है, वहां यह महामारी तेजी से फैली एवं अब भी वहां पर हालात नियंत्रण में नहीं हैं। बहुत से इलाकों में लोग लॉकडाउन को लेकर सहमत नहीं हैं। वहां की सरकार भी मुख्य रूप से इकोनॉमी पर फोकस कर रही है। 
 
प्रश्न : सिंगापुर की इकोनॉमी पर क्या प्रभाव पड़ रहा है, व्यापार-व्यवसाय कैसा चल रहा है? 
उत्तर : कोविड-19 के चलते आवश्यक सेवाएं सुचारु रूप से चल रही हैं। बाकी सभी व्यापार बंद हैं। परिणामत: अर्थव्यवस्था एवं धंधों पर बहुत मार पड़ी है। मुझे लगता है कि इसे ठीक होने में लगभग दो साल लग जाएंगे। स्थिति सामान्य होने में 5 साल भी लग सकते हैं। भविष्य में व्यापार में बदलाव भी आ सकते हैं, लेकिन अभी से कोई अनुमान लगाना मुश्किल है। 
 
हालांकि टूरिज्म उद्योग पर इसका काफी असर पड़ने की आशंका है। दरअसल, आने वाले दो सालों तक वैश्विक स्तर पर लोग सीमित यात्राएं ही करेंगे। सिंगापुर का पर्यटन मुख्य रूप से बाहर के देशों से आने वाले यात्रियों पर निर्भर है। अत: स्वाभाविक रूप से इस पर असर होगा। इसके साथ ही हर कंपनी अपने खर्चों में कटौती कर रही है, ऐसे में ब्रांडिंग और मार्केटिंग पर भी साफ असर देखा जा रहा है। 
 
प्रश्न : गांव, कस्बे एवं शहरी इलाकों में कोरोना को लेकर क्या असर रहा है?
उत्तर : सिंगापुर में कोरोना के प्रवेश का एक बड़ा कारण संक्रमित लोगों का बाहर से आगमन है। उनमें से भी वे लोग प्रमुख हैं जो चीन के कोरोना प्रभावित क्षेत्रों से भ्रमण कर लौटे थे। सरकार ने सभी विदेशी नागरिकों के सिंगापुर में प्रवेश पर रोक लगा दी। जो सिंगापुर के निवासी थे एवं दूसरे देशों की यात्रा कर सिंगापुर लौटे थे, उनके लिए सरकार ने आवश्यक रूप से पृथक रहने के दिशा-निर्देश जारी किए।  
 
कोरोना संक्रमित लोगों का सामान्य व्यक्तियों के संपर्क में आने के कारण से भी संक्रमण फैला है। इसके बाद ऐसे लोगों की पहचान कर उन्हें भी पृथक से रहने के दिशा-निर्देश दिए गए, जिससे कि और संक्रमण नहीं फैले। सिंगापुर में 99 प्रतिशत संक्रमण की घटनाएं उन लोगों में पाई गई हैं, जो डोर्मिटरी (छात्रावास, बोर्डिंग हाउस) में रहते हैं, जहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन अत्यंत कठिन है। सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए इस प्रकार के डोर्मिटोरी को सील कर दिया है तथा वर्कर एवं लेबर को दूसरे स्थानों पर शिफ्ट किया गया है। हालांकि यहां सार्वजनिक स्थानों पर संक्रमण नहीं फैला। 
अंत में मैं यही कहूंगा कि कोरोना ने हर व्यक्ति के मन में एक भय का वातावरण बना दिया है। यह मानव जाति के लिए खतरा है। इसलिए इस घातक बीमारी से मानव के अस्तित्व की रक्षा के लिए सभी को प्रयास करने की आवश्यकता है। सभी को मिलकर काम करने की जरूरत है। 
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