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Written By Author विकास सिंह
Last Updated : बुधवार, 19 मई 2021 (11:34 IST)

कोरोनाकाल में बेसहारा हुए बच्चों को 21 साल तक हर महीने मिलेगी 5 हजार की पेंशन,1 मार्च 2020 के बाद पीड़ित परिवार आएंगे दायरे में

पीेएचडी तक मुफ्त पढ़ाई के साथ मुफ्त राशन भी दिया जाएगा

कोरोनाकाल में बेसहारा हुए बच्चों को 21 साल तक हर महीने मिलेगी 5 हजार की पेंशन,1 मार्च 2020 के बाद पीड़ित परिवार आएंगे दायरे में - Children orphaned in the corona period in Madhya Pradesh will get a pension of 5 thousand for 21 years
भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण काल में अनाथ हुए बच्चों को सरकार 21 साल तक 5 हजार रुपए की पेंशन हर महीने देगी। मुख्यमंत्री कोविड-19 जनकल्याण योजना के आदेश के मुताबिक एक मार्च 2020 से कोरोना के चलते जान गंवाने वाले लोगों के आश्रित बच्चों को योजना के दायरे में लाया जाएगा। ऐसे पीड़ित परिवार के 21 साल तक के बच्चों को योजना का लाभ मिल स

ऐसे परिवार के बच्चों को 21 साल की आयु तक 5 हजार रुपए की पेंशन देने के साथ मुफ्त राशन भी दिया जाएगा। कोविड जनकल्याण योजना के दायरे में आने वाले बच्चों को पहलीं क्लास से लेकर पीएचडी तक मुफ्त शिक्षा मिलेगी वहीं हायर एजुकेशन की पढ़ाई के दौरान 15 सौ रुपए निर्वाहन भत्ता हर महीने दिया जाएगा। 
 
योजना का लाभ किसको- मुख्यमंत्री कोविड-19 जन कल्याण योजना के जारी आदेश के मुताबिक कोरोना से संक्रमित और संक्रमण होने के दो महीने के बाद ऐसे लोग जिनकी मृत्यु हो गई है उनके परिवार के बच्चे योजना के दायरे में आएंगे। कोविड-19 संक्रमण की पुष्टि के लिए कोरोना पॉजिटिव होने की आरटीपीसीआर या एंटीजन रिपोर्ट या सीटी स्कैन या किसी अन्य टेस्ट के द्धारा डॉक्टर द्धारा कोविड-19 की पुष्टि की गई हो। 
 
योजना के लिए पात्रता शर्त–मुख्यमंत्री कोविड-19 जन कल्याण (पेंशन,शिक्षा एवं राशन) योजना की पात्रता के लिए बच्चे के परिवार को मध्यप्रदेश का निवासी होना जरूरी है। इसके साथ ऐसे बच्चा जिनके माता-पिता,अभिभावक की मृत्यु कोविड-19 के कारण हुई हो। वहीं   माता या पिता में से कोई एक भी पहले से मृत था और दूसरे की मृत्यु कोविड-19 के कारण हुई हो। वहीं माता या पिता किसी एक की मृत्यु जो परिवार के इकलौते कमाने वाले सदस्य थे उनकी मृत्यु कोविड-19 के कारण हुई हो। 
 
कहां करना होगा आवेदन-श्रम विभाग की ओर से जारी आदेश के मुताबिक योजना के लिए शहरी क्षेत्र में नगर निगम आयुक्त या नगर पालिका या नगर परिषद के सीएमओ और ग्रामीण क्षेत्र के जनपद पंचायत सीईओ को आवेदन देना होगा। इसे बाद कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित समिति आवेदन को अनपी मंजूरी देगी। 
 
योजना के लिए अब तक प्रदेश के 28 जिलों में 155 बच्चे चिन्हित किए गए जिन्हें जल्द ही योजना का लाभ दिया जाएगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अफसरों को एक-दो दिन में योजना शुरु करने के निर्देश दिए है। 
 
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