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Last Updated : बुधवार, 19 मई 2021 (10:58 IST)

कोरोना की दूसरी लहर में उड़ानों पर पड़ा बुरा असर, यात्रियों की संख्या में भारी गिरावट

कोरोना की दूसरी लहर में उड़ानों पर पड़ा बुरा असर, यात्रियों की संख्या में भारी गिरावट - impact of second wave on CoronaVirus in flight
नई दिल्ली। कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के कारण हवाई यात्रियों की संख्या में भारी गिरावट आई है। नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) के मंगलवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, इस साल मार्च के मुकाबले अप्रैल में घरेलू मार्गों पर यात्रियों की संख्या 26.81 प्रतिशत घटकर 57.25 लाख रही गई। यह आंकड़ा अक्टूबर 2020 के बाद सबसे कम है। इस साल मार्च में 78.22 लाख लोगों ने हवाई यात्रा की थी।
 
मई में इस संख्या में और तेजी से आ रही गिरावट के बाद नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने यात्रियों और उड़ानों के दैनिक आंकड़े जारी करना बंद कर दिया है। अंतिम आंकड़े 14 मई के उपलब्ध हैं जब एक दिन में 825 उड़ानों में 54,181 यात्री सवार हुए थे। यह अप्रैल के दैनिक औसत की तुलना में 72 फीसदी कम है।
 
आम तौर पर अप्रैल और मई में हवाई यात्रियों की संख्या बढ़ती है क्योंकि स्कूल-कॉलेजों में बच्चों की छुट्टियां होने की वजह से लोग परिवार के साथ घूमने जाते हैं। लेकिन कोविड-19 के कारण इस साल परंपरा के विपरीत इसमें गिरावट आई है।
 
पिछले साल 25 मार्च से दो महीने के लिए देश में नियमित यात्री उड़ानें पूरी तरह बंद रही थीं। उसके बाद 25 मई 2020 से घरेलू मार्गों पर नियमित उड़ानें दुबारा शुरू की गई थीं। फरवरी 2021 तक हर महीने यात्रियों की संख्या बढ़ती रही। फरवरी में यह आंकड़ा 78.27 लाख पर पहुंच गया। महामारी की दूसरी लहर की आहट से मार्च में मामूली गिरावट के साथ यह संख्या 78.22 लाख पर आ गई थी। अप्रैल में महामारी के विकराल रूप लेते ही इसमें 27 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई।
 
डीजीसीए के आंकड़ों के अनुसार, इस साल जनवरी से अप्रैल के बीच यात्रियों की संख्या में 11.56 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। इस दौरान दो करोड़ 91 लाख आठ हजार लोगों ने हवाई सफर किया जबकि पिछले साल समान अवधि में यह आंकड़ा तीन करोड़ 29 लाख 12 हजार पर रहा था।
 
महामारी का प्रकोप बढ़ा तो उड़ानों में भरी सीटों का अनुपात यानी पैसेंजर लोड फैक्टर भी घट गया। अप्रैल में लगातार दूसरे महीने लगभग सभी विमान सेवा कंपनियों के पैसेंजर लोड फैक्टर (पीएलएफ) में गिरावट दर्ज की गई। किफायती विमान सेवा कंपनी स्पाइसजेट का पीएलएफ सबसे अधिक 70.8 प्रतिशत रहा यानी उसकी 29 फीसदी से अधिक सीटें खाली गईं। मार्च में उसका पीएलएफ 76.5 प्रतिशत था।
 
गोएयर का पीएलएफ 71.5 प्रतिशत से घटकर 65.7 प्रतिशत पर और एयर एशिया का 65.1 प्रतिशत से घटकर 64 प्रतिशत पर आ गया। स्टार एयर का पीएलएफ 55.5 प्रतिशत, विस्तारा का 54.6 प्रतिशत, इंडिगो का 58.7 प्रतिशत और सरकारी विमान सेवा कंपनी एयर इंडिया का 52 प्रतिशत रह गया। अन्य कंपनियों की आधी से अधिक सीटें खाली गईं।
 
यात्रियों की कमी के कारण विभिन्न एयरलाइंस ने अपनी कई उड़ानें रद्द कीं। कुल रद्द उड़ानों में 76.9 प्रतिशत वाणिज्यिक कारणों से यानी इसलिए रद्द की गईं क्योंकि कंपनी को लगा कि इस उड़ान से उसे पर्याप्त आमदनी नहीं होगी। (वार्ता)