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पुनः संशोधित गुरुवार, 4 अगस्त 2022 (13:24 IST)

इपोन नियम के कारण भारत से छिना गोल्ड, तूलिका को जूडो में मिल पाया सिल्वर मेडल (Video)

बर्मिंघम: भारतीय जूडो खिलाड़ी तूलिका मान को बुधवार को यहां राष्ट्रमंडल खेलों के महिलाओं के 78 किग्रा वर्ग के फाइनल में स्कॉटलैंड की सारा एडलिंगटन के खिलाफ शिकस्त के साथ रजत पदक से संतोष करना पड़ा।

बुधवार को ही दो मुकाबले जीतकर फाइनल में जगह बनाने वाली तूलीका फाइनल में अधिकांश समय आगे चल रही थी लेकिन एडलिंगटन ने इसके बाद ‘इपोन’ (प्रतिद्वंद्वी को पीठ के बल जोर से पटकना) की बदौलत स्वर्ण पदक जीत लिया।

एडलिंगटन ने तूलिका को काफी ताकत के साथ पटक दिया जिससे भारतीय खिलाड़ी पीठ के बल गिर गई और मुकाबला निर्धारित समय से 30 सेकेंड पहले ही खत्म हो गया।

दिल्ली की 23 साल की तूलिका ने रजत पदक जीतकर शानदार प्रदर्शन किया और भारत को जूडो का बर्मिंघम खेलों में तीसरा पदक दिलाया।

इससे पहले चार बार की राष्ट्रीय चैम्पियन तूलिका दिन के अपने पहले मुकाबले में पिछड़ रही थीं लेकिन इपोन की बदौलत न्यूजीलैंड की सिडनी एंड्रयूज को सेमीफाइनल में तीन मिनट के भीतर हराकर फाइनल में पहुंच गयीं।
एक अन्य भारतीय दीपक देसवाल पुरूष 100 किग्रा स्पर्धा के रेपशाज में फिजी के तेविता ताकावाया से हार गये।
भारत ने अभी तक जूडो स्पर्धा में तीन पदक जीत लिये हैं। एल सुशीला देवी और विजय कुमार ने सोमवार को क्रमश: महिला 48 किग्रा वर्ग और पुरूष 60 किग्रा वर्ग में रजत और कांस्य पदक जीते थे।

बता दें कि 22 अप्रैल को भारतीय जूडो महासंघ की मान्यता रद्द कर दी गयी थी जिसके बाद भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) ने राष्ट्रमंडल खेलों के लिये खिलाड़ियों की चयन प्रक्रिया और ट्रायल्स की देखरेख तथा जरूरी बदलावों का सुझाव देने के लिये विशेषज्ञों की एक समिति गठित की थी।

समिति में ओलंपियन जूडो खिलाड़ी कावास बिलिमोरिया, संदीप बायाला और सुनीत ठाकुर के अलावा जूडो मास्टर्स अरूण द्विवेदी और योगेश के धाडवे शामिल हैं। (भाषा)
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