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Last Modified: सोमवार, 4 दिसंबर 2023 (17:59 IST)

छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री बनने की रेस में 5 चेहरे, आज रद्द हुई विधायक दल की बैठक

छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री बनने की रेस में 5 चेहरे, आज रद्द हुई विधायक दल की बैठक - Who will become the Chief Minister of Chhattisgarh
पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में सबसे चौंकने वाले नतीजे छत्तीसगढ़ का रहा है। जहां भाजपा ने पांच साल के बाद फिर सत्ता में वापसी कर ली। भाजपा ने 90 सदस्यीय विधानसभा में 54 विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज कर सभी सियासी पंडितों को चौंका दिया। छत्तीसगढ़ में भाजपा की जीत के बाद अब प्रदेश का मुख्यमंत्री कौन इस पर मंथन तेज हो गया है। सोमवार को रायपुर में प्रदेश भाजपा कार्यालय में बुलाई गई विधायक दल की बैठक को रद्द करने के  बाद सियासी पारा चढ़ गया है। वहीं छत्तीसगढ़ भाजपा के कई बड़े नेता दिल्ली जा रहे है, जहां उनकी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक होनी हैै।

रमन सिंह पर पार्टी फिर लगाएगी दांव- भाजपा की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह मुख्यमंत्री बनने की रेस में सबसे बड़ा नाम है। राजनांदगांव विधानसभा सीट से विधायक चुने गए गए रमन सिंह के 15 साल के कार्यकाल में किए गए विकास कामों को भाजपा ने खूब भुनाया। ऐसे में जब अगले साल लोकसभा चुनाव है तब भाजपा हाईकमान 15 साल सरकार चलाने वाले अनुभवी रमन सिंह पर दांव लगा सकती है।

अरुण साव भी तगड़े दावेदार-भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव भी मुख्यमंत्री चेहरे के बड़े दावेदार है। राज्य में भाजपा संगठन ने जिस तरह से बूथ स्तर पर चुनाव लड़ा उससे अरुण साव की  दावेदारी और मजबूत हो जाती है। संगठन पर तगड़ी पकड़ के साथ  ओबीसी वर्ग से आने वाले अरुण साव साहू समाज से आते है और लोकसभा चुनाव को देखते हुए केंद्रीय नेतृत्व अरुण साव पर दांव लगा सकता है।

आदिवासी चेहरा लता उसेंडी मजबूत दावेदार-आदिवासी बाहुल्य छत्तीसगढ़ में इस बड़े वोट बैंकं को साधने के लिए भाजपा अपने आदिवासी चेहरे लता उसेंडी को मुख्यमंत्री बनाकर एक साथ कई संदेश दे सकती है। 2003 में पहली बार विधायक चुन गई लता उसेंडी की आदिवासियों  के बीच गहर पैठ और भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व बस्तर से आने वाली लता उसेंडी के रूप में राज्य की पहली महिला मुख्यमंत्री दे सकती है।

युवा ओपी चौधरी पर भी लग सकता है दांव- IAS की नौकरी छोड़कर राजनीति में आए युवा भाजपा विधायक ओपी चौधरी का राज्य की बागडोर सौंपकर भाजपा हाईकमान राज्य की सत्ता की बागडोर युवा पीढ़ी को सौंपं सकती है। चुनाव के दौरान खुद गृहमंत्री अमित शाह ने इसका संकेत देते हुए कहा कि था कि वह ओपी चौधरी को बड़ा आदमी बनाएंगे। हलांकि ओपी चौधरी खुद को सीएम की रेस में नहीं मानते है। अगर ओपी चौधरी मुख्यमंत्री नहीं बनते है तो वह नई सरकार में डिप्टी सीएम भी बन सकते है।

रामविचार नेताम भी दौड़ मेंं-भाजपा के सीनियर नेता रामविचार नेताम भी मुख्यमंत्री बनने की रेस में शामिल है। रमन कैबिनेट में मंत्री रह चुके रामविचार नेताम ने अनुभवी राजनेता है और पार्टी उनको अहम जिम्मेदारी सौंप सकती है।
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