मार्शल आर्ट सीखकर न सिर्फ आत्मरक्षा की जा सकती है बल्कि इसे करियर विकल्प भी चुना जा सकता है। मार्शल आर्ट में प्रशिक्षितों को सेना, अर्द्धसैनिक बलों, पुलिस बल तथा सुरक्षा एजेंसियों में रोजगार में प्राथमिकता मिलती है। इसके अलावा प्रशिक्षण प्राप्त करने के उपरांत जिम, फिटनेस सेंटर, कॉलेज और विभिन्न संस्थानों में इंस्ट्रक्टर के रूप में भविष्य सँवारा जा सकता है। स्वयं का प्रशिक्षण केंद्र भी खोला जा सकता है।
मार्शल आर्ट सीखने के बाद मार्शल आर्ट सलाहकार बनकर भी सम्मान और पैसा दोनों कमाए जा सकते हैं। मार्शल आर्ट के प्रशिक्षण में कईपड़ाव आते हैं। शुरू में तो शारीरिक प्रशिक्षण और हाथ-पैर चलाने की कला का प्रशिक्षण दिया जाता है। प्रशिक्षण के अंतिम दौर में दाँव-पेंच, स्टाइल और आघात पहुँचाने की कला सिखाई जाती है जिसे ब्लैक बेल्ट कहते हैं। ब्लैक बेल्ट स्तर हासिल करने वालों को ही कोई भी संस्थान डिप्लोमा, सर्टिफिकेट प्रदान करता है।
इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ मार्शल आर्ट द्वारा आयोजित व्यावहारिक व लिखित परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थियों को ही मार्शल आर्ट में प्रशिक्षित होने का लाइसेंस प्रदान किया जाता है। यह कोर्स मध्यप्रदेश के प्रमुख शहरों के स्टेडियमों, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम नई दिल्ली, छत्रसाल स्टेडियम नई दिल्ली आदि में उपलब्ध है।