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Last Updated :भोपाल , बुधवार, 25 फ़रवरी 2015 (14:31 IST)

मप्र में महंगा हुआ मकान बनाना, वैट हुआ कम

मप्र में महंगा हुआ मकान बनाना, वैट हुआ कम - Madhya Pradesh Budget
भोपाल। मध्यप्रदेश की वित्तीय स्थिति सुदृढ बताते हुए वित्त मंत्री जयंत मलैया ने बुधवार को राज्य विधानसभा में वर्ष 2015-16 का 5,587 करोड़ रुपए के राजस्व आधिक्य का बजट पेश किया। मकान बनाना जहां महंगा कर दिया गया है वहीं करीब 40 वस्‍तुओं पर लगने वाला वैट कम किया है।
 
इसमें जहां कुछ वस्‍तुओं पर वैट बढ़ाया गया है वहीं कुछ पर कम किया गया है। तंबाकू उत्‍पाद महंगे हो गए हैं।इन पर वैट 13 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत कर दिया गया है।
 
वित्त मंत्री ने सदन में वर्ष 2015-16 का बजट पेश करते हुए बताया कि कुल राजस्व व्यय एक लाख आठ हजार 834 करोड़ रुपए एवं कुल राजस्व प्राप्तियां एक लाख 14 हजार 422 करोड़ रुपए होने से राजस्व आधिक्य 5,587 करोड़ रुपए अनुमानित है।
 
उन्होंने कहा कि वर्ष 2015-16 के लिए राजकोषीय घाटे का अनुमान 16745 करोड़ रुपए है। उन्होंने कहा कि यह राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का 2.99 प्रतिशत अनुमानित है, जो मध्यप्रदेश राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन अधिनियम 2005 द्वारा निर्धारित सीमा में है।
 
मलैया ने भाजपा सरकार का 12वां एवं स्वंय का दूसरा बजट पेश करते हुए कहा कि सरकार द्वारा सीमा में ऋण लिया गया है। साथ ही ऋण के रूप में प्राप्त राशि का विकासीय योजनाओं में उपयोग किया गया है।
 
उन्होंने कहा कि प्रदेश की ऋण स्थिति निर्धारित वित्तीय मानकों के अंदर है एवं रिण तथा ब्याज के पुनर्भुगतान के लिए प्रदेश की वित्तीय स्थिति पूर्ण सक्षम है।
 
मलैया ने कहा कि बजट में कृषि और सिंचाई को पर्याप्त महत्व दिया गया है और यही कारण है कि पिछले तीन सालों से प्रदेश को कृषि कर्मण पुरस्कार मिल रहा है जबकि अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी किसानों को भरपूर सराहना मिली है।

वित्त मंत्री ने बताया कि सहाकारी बैंकों के माध्यम से वर्ष 2014-15 में अब तक 28 लाख किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर 12 हजार 140 करोड़ रुपए का ऋण उपलब्ध कराया गया है जबकि वर्ष 2015-16 में 18 हजार करोड़ रुपए के ऋण वितरण का लक्ष्य रखा गया है।
 
उन्होंने कहा कि पिछले पांच सालों में सिंचाई क्षमता बढ़कर चार गुना हो गई है तथा अब शासकीय श्रोतों से सिंचाई क्षमता बढ़ाकर 40 लाख हैक्टेयर करने एवं निर्मित क्षमता का दक्षतापूर्ण उपयोग करने का लक्ष्य रखा गया है।
 
प्रदेश में सड़कों का उल्लेख करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि प्रदेश में संभागीय मुख्यालयों को चार लेन, जिला मुख्यालयों को दो लेन एवं आगामी पांच वर्षों में लगभग 19 हजार किलोमीटर की मुख्य जिला-सड़कों का उन्नयन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि वर्ष 2015-16 में लोक निर्माण विभाग के तहत दो हजार 500 किलोमीटर नवीन सड़कों का निर्माण एवं 50 पुलों के निर्माण का लक्ष्य है।
 
उन्होंने कहा कि जनता से किये वायदे के अनुसार प्रदेश की जनता को 24 घंटे बिजली प्रदान की जा रही है तथा उर्जा विभाग अंतर्गत म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी, म.प्र. पॉवर ट्रांसमीशन कंपनी तथा विद्युत वितरण कंपनियों के माध्यम से क्रियान्वित उर्जा क्षेत्र की विभिन्न योजनाओं के लि वर्ष 2015-16 में 9 हजार 704 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है जो विर्ष 2014-15 के बजट प्रावधान से एक हजार 718 करोड़ रुपए अधिक है।
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वित्त मंत्री ने कहा कि स्वच्छ भारत स्वच्छ विद्यालय अभियान के तहत प्रदेश के समस्त विद्यालयों में शौचालय निर्माण का संकल्प लिया गया है। वर्तमान में प्रदेश की शालाओं में 25 हजार 817 शौचालयों के निर्माण तथा 23 हजार 359 बेकार पड़े शौचालयों की मरम्मत तथा पुनरुद्धार की आवश्यकता है, जिसमें 552 करोड़ रुपए का व्यय भार संभावित है।
 
कृषि को लाभ का धंधा बनाए जाने का संकल्प व्यक्त करते हुए वित्त मंत्री ने शक्ति चलित कृषि यंत्रो लेजर लैंड लेवलर, सीड कम फर्टिलाइजर ड्रिल, रीपर कम बाइंडर तथा स्ट्रा रीपर एवं रेक तथा श्रेडर को कर-मुक्त किए जाने की घोषणा की।
 
उन्होंने कहा कि प्रदेश में अभी तक 250 रुपए खुदरा मूल्य के जूते कर-मुक्त थे, लेकिन अब 500 रुपए मूल्य तक के जूते कर मुक्त कर दिए गए हैं।
 
उन्होंने कहा कि इसी प्रकार बाइसिकल्स, ट्राइसिकल्स, साइकल रिक्शा तथा उनके पुर्जे (टायर ट्यूब सहित) एवं एसेसरीज को कर मुक्त कर दिया गया है।
 
मलैया ने कहा कि वर्तमान में शिक्षा में उपयोग की जाने वाली पाठ्य पुस्तकों पर कोई कर देय नहीं था। इसी क्रम में प्रदेश के बच्चों की शिक्षा हेतु उपयोग की जाने वाली अभ्यास पुस्तिकाओं, ग्राफ बुक्स, ड्राइंग बुक्स एवं लेबोटरी नोट बुक्स को भी कर मुक्त किया गया है।
 
वित्त मंत्री ने प्रदेश में 40 वस्तुओं पर वैट कर की दर 13 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत किए जाने की घोषणा भी की।
 
इनमें बेबी डायपर, हाइड्रोलिक ट्राली, बैटरी चलित कार एवं बैटरी चलित रिक्शा, ट्रैक्टर की एसेसरीज, गैस गीजर, पंपिंग सेट एसेसरीज, डेंटल फिलिंग मटेरियल, एलबम, स्कूल बैग, बेकिंग पावडर, हाथी दांत की चूडियां, केलकुलेटर, इलेक्ट्रानिक खिलौने, कार्बन पेपर, गैस चूल्हा शू पालिश एवं शू क्रीम, सोया मिल्क पावडर तथा इंडक्शन चूल्हा आदि शामिल हैं। मलैया ने बताया कि प्रदेश में तंबाकू रहित समस्त प्रकार के पान मसालों एवं गुटखा पर वैट-कर की दर 13 प्रतिशत से बढाकर 27 प्रतिशत किया जाना प्रस्तावित है।
 
उन्होंने बताया कि म.प्र वेट अधिनयम 2002 की अनुसूची 2 में कर योग्य मालों पर वैट की दर 13 से बढाकर 14 प्रतिशत किया जाना प्रस्तावित है।
 
उन्होंने बताया कि रिवाल्वर तथा पिस्टल के लाइसेंस दस्तावेज पर दस हजार तथा इनके अतिरिक्त अन्य हथियारों के लायसेंस दस्तावेजों पर दो हजार रुपए का स्टांप शुल्क लिया जायेगा। साथ ही रिवाल्वर तथा पिस्टल लायसेंस के नवीनीकरण पर पांच हजार तथा इनके अतिरिक्त अन्य हथियारों के लायसेंस नवीनीकरण पर एक हजार रुपए का स्टांप शुल्क लिया जाना प्रस्तावित है।
 
अपने 53 पृष्ठ के बजट भाषण का अंत मलैया ने यह कहकर किया कि हमने इस बजट के माध्यम से जनता को अधिकाधिक कर राहत देने का प्रयास किया है क्योंकि हम एक मजबूत सरकार के रुप में काम करना चाहते हैं न कि एक मजबूर सरकार की तरह। उन्होने कहा कि हमने प्रदेश की प्रगति के लिए बजट के माध्यम से विकास की सामथ्र्थ और आवेग विकसित करने के प्रयास किए हैं।