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Last Modified: शुक्रवार, 22 नवंबर 2024 (15:13 IST)

नैनटेस में शबाना आजमी की सैर, अंकुर और मंडी की स्क्रीनिंग्स में भारी भीड़ की दिखी झलक

shabana azmi trip to nantes huge crowd seen at screenings of mandi to ankur - shabana azmi trip to nantes huge crowd seen at screenings of mandi to ankur
बॉलीवुड एक्ट्रेस और एक्टिविस्ट शबाना आजमी इस वक्त फ्रांस में हैं, जहां वो 46वें फेस्टिवल डेस 3 कॉन्टिनेंट्स में हिस्सा ले रही हैं। ये फेस्टिवल हर साल नैनटेस में होता है और एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका की फिल्मों और फिल्ममेकर्स को सम्मानित करता है। इस फेस्टिवल का मकसद है इनकी कहानियों और सिनेमा में दिए गए योगदान को सेलिब्रेट करना।
 
इस साल शबाना आजमी के हिंदी सिनेमा में 50 साल के शानदार सफर को एक खास रेट्रोस्पेक्टिव शो के जरिए सेलिब्रेट किया जा रहा है। इस शो में उनकी आइकॉनिक फिल्मों जैसे अंकुर और मंडी की स्क्रीनिंग हो रही है, जिसे देखने के लिए लोग बड़ी संख्या में पहुंचे। यह सम्मान उनकी एक बहुमुखी और सामाजिक रूप से जागरूक कलाकार के रूप में बनाई गई पहचान को सलाम करता है।
 
शबाना आजमी ने अपनी खुशी सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए लिखा, 'Nantes की सड़कों पर घूम रही हूं। मौसम कमाल का है। #Ankur और #Mandi की स्क्रीनिंग में दर्शकों की जबरदस्त भीड़ थी। #ShyamBenegal काश तुम यहां होते।' श्याम बेनेगल का ज़िक्र उनके और शबाना के बीच की उस शानदार क्रिएटिव पार्टनरशिप को दिखाता है, जिसने उनकी कई यादगार फिल्मों को जन्म दिया।
 
इस रेट्रोस्पेक्टिव में शबाना आजमी की सबसे चर्चित फ़िल्में जैसे अंकुर, मंडी, मासूम, और अर्थ शामिल हैं। यह उनकी बेहतरीन अदाकारी और बहुमुखी प्रतिभा को सम्मान देने का एक खास मौका है। शबाना की फ़िल्में फ्रांस में हमेशा से दर्शकों की फेवरेट रही हैं। उन्हें सेंटर पॉम्पिडो और सिनेमैथेक जैसे बड़े प्लेटफॉर्म्स पर पहले भी सराहा गया है। नैनटेस फ़ेस्टिवल डेस 3 कॉन्टिनेंट्स में उनकी फ़िल्म गॉडमदर ओपनिंग नाइट फ़ीचर के तौर पर भी दिखाई जा चुकी है।
 
2024 में शबाना आजमी ने अपने करियर के 50 शानदार साल पूरे कर लिए हैं। हाल ही में उन्हें मुंबई फिल्म फेस्टिवल (MAMI) में सिनेमा में उत्कृष्टता के लिए प्रतिष्ठित अवॉर्ड से नवाज़ा गया, जो उनकी बेहतरीन यात्रा का बड़ा मुकाम है। शबाना अकेली ऐसी अदाकारा हैं जिन्होंने बेस्ट एक्ट्रेस के लिए पांच नेशनल फ़िल्म अवॉर्ड्स जीते हैं, और साथ ही कई फ़िल्मफ़ेयर अवॉर्ड्स भी हासिल किए हैं। उनकी इंटरनेशनल पहचान मैडम सौसत्ज़का (1988) और सिटी ऑफ़ जॉय (1992) जैसी फ़िल्मों में उनके शानदार काम की वजह से बनी है।
 
हाल ही में शबाना आज़मी शेखर कपूर की फ़िल्म व्हाट्स लव गॉट टू डू विद इट में नज़र आईं, जिसमें एम्मा थॉम्पसन और लिली जेम्स जैसे बड़े नाम थे। इस फिल्म के जरिए उन्होंने फिर साबित किया कि वो हर बार अपने अभिनय से दर्शकों को कैसे प्रभावित करती हैं। इसके अलावा, उन्होंने स्टीवन स्पीलबर्ग की सीरीज़ हेलो में भी काम किया, जो उनके टैलेंट और अलग-अलग माध्यमों में उनकी पकड़ को दिखाता है। 
 
कला के क्षेत्र में उनके बेहतरीन योगदान के लिए उन्हें भारत के दो बड़े नागरिक सम्मान— पद्मश्री (1988) और पद्म भूषण (2012) से नवाज़ा गया है। सिनेमाई उपलब्धियों के अलावा, शबाना आज़मी को सामाजिक मुद्दों के लिए उनके समर्पण के लिए भी जाना जाता है। 1989 में उन्हें फ्रांस के मानवाधिकारों के द्विवार्षिक समारोह में मदर टेरेसा, रिगोबर्टा मेनचू और अल्बर्टिना सिसुलु जैसी शख्सियतों के साथ 16 चुनिंदा महिलाओं में शामिल किया गया था। 
 
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