अभिषेक रावत ने किया 'कामना' में मानव बाजपेयी की जिंदगी में आने वाली नई चुनौतियों का खुलासा
सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन के स्लाइस ऑफ लाइफ ड्रामा 'कामना' ने एक दिल छू लेने वाली अपनी-सी कहानी के साथ दर्शकों के दिलों पर राज कर लिया है। हाल के ट्रैक में कहानी में कुछ दिलचस्प मोड़ देखने को मिले, खास तौर पर मानव (अभिषेक रावत) द्वारा यथार्थ (तन्मय ऋषि शाह) की कस्टडी जीतने के बाद दर्शकों की दिलचस्पी और बढ़ गई है।
जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ेगी, इसमें ड्रामा और बढ़ेगा क्योंकि अब मानव अपनी ज़िंदगी के एक और दिलचस्प पड़ाव से गुजरेगा, जहां उसे अपने नए काम के साथ-साथ यथार्थ की देखभाल भी करनी होगी। ऐसे में यकीनन यह एक दिलचस्प कहानी होगी, जहां मानव यथार्थ के लिए मां-बाप दोनों की भूमिका निभाएंगे।
मानव बाजपेयी की ज़िंदगी के इस नए चरण के बारे में बात करते हुए एक्टर अभिषेक रावत कहते हैं, कस्टडी की लड़ाई मानव और यथार्थ दोनों के लिए सबसे मुश्किल और दुखदायी पलों में से एक था। मानव द्वारा यथार्थ की कस्टडी जीतने के साथ उन्होंने न सिर्फ राहत की एक बड़ी सांस ली बल्कि वो खुद को दुनिया के सबसे खुश इंसान भी महसूस करने लगे हैं क्योंकि यथार्थ ही वो एकमात्र अनमोल उपहार है, जिसके लिए वो जीता है। इतनी मुश्किलों के बाद मानव को वो खुशी मिली है, जिसके वो हक़दार हैं, यानी यथु और उसकी छोटी-सी खुशहाल दुनिया।
उन्होंने कहा, जैसा कि कहा गया है कि एक बच्चा मां को जन्म देता है, ठीक उसी तरह ये बात एक पिता पर भी लागू होती है। यह मां-बाप होने के सबसे खुशनुमा अनुभवों में से एक है, क्योंकि इससे दोनों की ज़िंदगी एक साथ बदल जाती है और आपका जीवन आपके प्यारे बच्चे के इर्द-गिर्द घूमने लगता है। एक पैरेंट होने के नाते मैं निश्चित रूप से मानव के उस प्यार, देखभाल और डर से जुड़ सकता हूं, जो उसमें अपने बच्चे के लिए है।
अभिषेक ने कहा, मुझे यकीन है कि दर्शक भी उस दर्द से गुजरे होंगे, जो मानव ने कस्टडी की लड़ाई के दौरान झेला था। यह मेरे लिए सबसे चुनौतीपूर्ण दृश्यों में से एक था, लेकिन मुझे खुशी है कि इसका अंत सुखद रहा। अब मानव को सिंगल पैरेंटिंग की नई ज़िम्मेदारी संभालते देखना दिलचस्प होगा, जहां वो अपनी नई नौकरी के साथ-साथ यथार्थ की परवरिश भी करेंगे। क्या यह मानव के लिए आसान होगा या इससे मानव के उलझनें बढ़ जाएंगी? यकीनन ये दर्शकों और मानव दोनों के लिए ही एक दिलचस्प सफर होगा।