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Last Modified: पटना , बुधवार, 28 अक्टूबर 2015 (22:08 IST)

शत्रुघ्न सिन्हा ने डाला वोटा, प्रचार से रहे दूर

शत्रुघ्न सिन्हा ने डाला वोटा, प्रचार से रहे दूर - Shatrughan Singh
पटना। चुनाव प्रचार अभियान में अपनी गैर मौजूदगी से ध्यान खींचने वाले भाजपा नेता शत्रुघ्न सिन्हा ने शुक्रवार को बिहार विधानसभा चुनाव में वोट डाला लेकिन एक बार फिर पार्टी के प्रदेश नेताओं पर उनके खिलाफ साजिश रचने को लेकर अपनी नाराजगी प्रकट की।
 
पटना में अपने निवास के समीप मतदान केंद्र सेंट सेवेरेंस स्कूल में वोट डालने के बाद सिन्हा ने कहा कि मैं अपनी मूल बांकीपुर सीट में चुनाव के लिए वोट डालने का अपना राष्ट्रीय कर्तव्य पूरा करने के लिए आया हूं।
 
अपने कई ट्वीटों से भाजपा को असहज स्थिति में डालने वाले सिन्हा ने कहा कि वह बस मतदान करने आए हैं और आज यहां से चले जाएंगे।
 
पटना साहिब से दूसरी बार सांसद निर्वाचित हुए अभिनेता से नेता बनने वाले सिन्हा ने यह कहते हुए प्रदेश भाजपा नेताओं पर नाराजगी प्रकट की कि हेमामालिनी और अजय देवगन जैसे बॉलीवुड स्टारों ने भाजपा उम्मीदवारों के लिए प्रचार किया लेकिन उनके अपने बिहारी बाबू को बिहार में पार्टी के कुछ स्वयंभू बड़े नेताओं के एक वर्ग की साजिश के चलते दूर रखा गया।
 
उन्होंने अपने ट्वीटों के लिए कोई अफसोस नहीं प्रकट किया जिनसे उनकी पार्टी को कहते नहीं बन रहा था जबकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं राजद प्रमुख लालू प्रसाद को भाजपा पर हमला करने का मौका मिला।
 
सिन्हा ने कहा, 'मैंने कुछ गलत नहीं कहा। मेरी मंशा कमियों को उजागर करना और समय से उन्हें दुरूस्त करना था। मैंने दालों के बढ़ते दाम पर अंकुश लगाने की बात कही, क्योंकि पहले प्याज के बढ़ते मूल्य ने लोगों को रूलाया था। उन्होंने एक बार फिर यह कहा कि पार्टी को चुनाव के लिए मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार चुनना चाहिए था।'
 
उन्होंने कहा, 'मैंने कहा था कि यदि भाजपा से किसी को चुनने में दिक्कत है तो हम रामविलास पासवान को चुन सकते हैं। चूंकि यह नहीं हुआ जिससे नरेंद्र मोदी को राजग उम्मीदवारों के पक्ष में समर्थन जुटाने के लिए छोटे कस्बों एवं इलाकों में जाना पड़ रहा है।'
 
जब सिन्हा से पूछा गया कि क्या उन्हें डर है कि पार्टी उनके विरूद्ध कार्रवाई कर सकती है, सिन्हा ने कहा कि वैसे तो उन्होंने लक्ष्मण रेखा नहीं लांघी है लेकिन उसके बाद भी यदि पार्टी मेरे विरूद्ध कार्रवाई करती है तो मैं सच बोलने की कीमत चुकाने को तैयार हूं।
 
लंबे समय तक पार्टी के बड़े प्रचारक रहे नाराज सिन्हा ने कहा कि मेरी अब पार्टी से कोई मांग, कमांड या आकांक्षा नहीं है। उन्होंने कहा, 'क्या उसने दिल्ली में भारी हार या हिमाचल प्रदेश में सत्ता गंवाने को लेकर किसी के खिलाफ कार्रवाई की? ऐसे में मुझ जैसे गरीब एवं शरीफ के खिलाफ कार्रवाई का क्या औचित्य है?' (भाषा)