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Last Modified: गुरुवार, 23 मई 2019 (07:35 IST)

कैसे होती है लोकसभा चुनाव की मतगणना

कैसे होती है लोकसभा चुनाव की मतगणना | vot counting
17वीं लोकसभा के लिए सात चरणों में 542 सीटों के लिए हुए चुनाव की मतगणना गुरुवार सुबह आठ बजे से शुरू होगी। इस चुनाव में देश भर में पहली बार वीवीपैट का इस्तेमाल हुआ जिसकी वजह से नतीजे आने में कुछ घंटों की देरी होगी।
 
 
मतगणना की शुरुआत के पहले देश के कई विपक्षी दलों ने ईवीएम को लेकर चिंता जाहिर की है। विपक्षी पार्टियों ने पहले सुप्रीम कोर्ट से और फिर चुनाव आयोग से शत प्रतिशत वीवीपैट (वोटर वेरिफियेबल पेपरऑडिट ट्रायल) पर्चियों के मिलान की मांग की थी। लेकिन विपक्षी दलों की मांग को सर्वोच्च अदालत और आयोग ने ख़ारिज़ कर दिया।
 
 
कुछ विपक्षी दलों ने राज्यों में बिना सुरक्षा के ईवीएम के परिवहन का भी आरोप लगाया लेकिन इसे भी आयोग ने बेबुनियाद बता ख़ारिज़ कर दिया। ईवीएम के मार्फ़त कराए गए चुनाव में मतगणना की प्रक्रिया क्या होती है, आइए इस पर एक नज़र डालते हैं-
 
 
मतगणना प्रक्रिया
मतगणना में सबसे पहले रिटर्निंग अफ़सर और उनके सहयोगी सबके सामने वोटों की गोपनीयता की शपथ लेते हैं। मतगणना शुरू होने के पहले रिटर्निंग अफ़सर की मौजूदगी में सभी ईवीएम की जांच की जाती है।
 
 
राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों को अपने काउंटिंग एजेंटों के साथ मतगणना केंद्रों में मौजूद रहने का अधिकार है। काउंटिंग एजेंट वोटों की गिनती को देख सकते हैं। सबसे पहले पोस्टल मतपत्रों की गिनती की जाती है और इसके बाद ईवीएम की गणना शुरू की जाती है।
 
 
मतदान केंद्रों के हिसाब से एक क्रम में रखे गए ईवीएम को ऑन करने के बाद उसमें पड़े कुल वोटों और फिर अलग-अलग उम्मीदवारों को मिले वोटों को दर्ज किया जाता है। इसके बाद सभी मतदान केंद्रों की ईवीएम के आंकड़ों को आपस में जोड़ दिया जाता है।
 
 
अंत में होगा पर्चियों का मिलान
चुनाव आयोग के अनुसार, ईवीएम की गिनती ख़त्म होने के बाद वीवीपैट पर्चियों से मिलान किया जाएगा। इस काम के लिए हर काउंटिंग हॉल में अलग से वीवीपैट बूथ भी होगा।
 
 
किसी तरह के विवाद या तकनीकी रुकावट की स्थिति में ये रिटर्निंग अफ़सर की ज़िम्मेदारी है कि वो चुनाव आयोग को इस बारे में तत्काल रिपोर्ट करे। चुनाव आयोग रिटर्निंग अफ़सर की शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए या तो मतगणना को जारी रखने का, मतगणना रद्द करने और पुनर्मतदान का आदेश दे सकता है।
 
 
अगर बिना किसी शिकायत के मतगणना पूरी हो जाती है या चुनाव आयोग की ओर से कोई निर्देश नहीं दिया जाता है तो रिटर्निंग अफ़सर नतीज़ों की घोषणा कर सकता है।
 
 
इस चुनाव में क़रीब 39.6 लाख ईवीएम और 17.4 लाख वीवीपीएटी मशीनें इस्तेमाल हुई हैं, जिनमें रिज़र्व मशीनें भी शामिल हैं। चुनाव आयोग ने इस बार एक ऐप 'सुविधा' लॉंच की है जिस पर मतगणना केंद्रों के नतीज़ों को देखा जा सकता है।
 
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