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Written By BBC Hindi
Last Modified: रविवार, 14 जुलाई 2024 (07:50 IST)

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव: बार-बार लड़खड़ाते बाइडन को हराने की ट्रंप की ये है योजना

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव: बार-बार लड़खड़ाते बाइडन को हराने की ट्रंप की ये है योजना - US elections : trump plan to beat Joe biden
हॉली हॉन्डेरिच, बीबीसी संवाददाता, वॉशिंगटन, अमेरिका से
बीते दिनों हुई प्रेज़ीडेन्शियल डिबेट में खराब प्रदर्शन से हुए नुक़सान की भरपाई के लिए मंगलवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने एक खास प्रेस कॉन्फ्रेंस रखी। लेकिन यहां भी वो उपराष्ट्रपति कमला हैरिस का नाम लेते हुए उपराष्ट्रपति ट्रंप बोल गए।
 
इसके कुछ ही मिनटों बाद पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर इसे लेकर तंज कसा। उन्होंने जो बाइडन का छह सेकंड का एक वीडियो पोस्ट किया और लिखा 'बहुत बढ़िया, जो!'
 
ये वैसी ही प्रतिक्रिया थी जैसा वोटर्स को ट्रंप से उम्मीद थी। ट्रंप सालों से सोशल मीडिया पर मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडन पर तंज कसते रहे हैं।
 
हालांकि जहां बीते दो सप्ताह से बाइडन अपने राजनीतिक करियर को बचाने की भरसक कोशिश कर रहे हैं, वहीं ट्रंप उम्मीद से परे, बेहद शांत हैं। वो जो बाइडन को तो निशाने पर ले रहे हैं लेकिन डेमोक्रेटिक पार्टी के भीतर चल रही खींचतान पर टिप्पणी करने के बच रहे हैं।
 
जून के आख़िरी सप्ताह में हुई टीवी प्रेज़ीडेन्शियल डिबेट में बाइडन लड़खड़ा गए थे जिसके बाद डेमोक्रेटिक पार्टी के कुछ नेताओं ने मांग की है कि बाइडन को राष्ट्रपति की रेस से अलग हो जाना चाहिए। बाइडन की मेंटल हेल्थ को लेकर सवाल उठाए जाने लगे हैं।
 
ट्रंप की चुप्पी, रणनीति या स्वभाव
इन्हीं सवालों का जवाब देने के लिए मंगलवार को बाइडन ने प्रेस कॉन्फ्रेस रखी थी। इस बार के राष्ट्रपति चुनावों में रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ़ से जो बाइडन मैदान में हैं। ट्रंप 78 साल के हैं और बाइडन 81 साल के।
 
रिपब्लिकन रणनीतिकारों का दावा है कि पहले के मुक़ाबले ट्रंप का अपेक्षाकृत अधिक चुप्पी साधे रखना, उनमें आया नया बदलाव है जो 2016 और 2020 के उनके चुनावी अभियान से अलग है।
 
हालांकि 78 साल के ट्रंप पूरी तरह से अंडरग्राउंड नहीं हुए हैं। जून के आख़िर में हुए डिबेट में बाइडन के ख़राब प्रदर्शन के बाद ट्रंप ने कई रेडियो इंटरव्यू दिए हैं, उन्होंने वर्जीनिया और फ्लोरिडा में कुछ चुनावी रैलियों में शिरकत की है और लगातार अपने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते जा रहे हैं।
 
मियामी में मंगलवार को हुई एक रैली में ट्रंप ने कहा, "कट्टरपंथी वामपंथी डेमोक्रेटिक पार्टी अभी बंटी हुई है। वो ये तय नहीं कर पा रहे हैं कि उनका कौन-सा उम्मीदवार आने वाले वक्त में राष्ट्रपति बनने के लिए ज़्यादा अयोग्य है, सुस्त और चालाक जो बाइडन या फिर हंसने वाली कमला।"
 
उन्होंने राष्ट्रपति जो बाइडन को गोल्फ़ खेलने के लिए चुनौती दी है और दावा किया है कि अमेरिका के सभी हवाईअड्डों पर गंदगी है। उन्होंने कहा कि वॉशिंगटन आने वाले पर्यटकों को "गोली मार दी जाती है, उन्हें लूटा जाता है उनके साथ बलात्कार होता है।"
 
उन्होंने दावा किया कि मियामी की रैली में 45,000 लोग मौजूद थे जबकि वहां क़रीब 700 लोग ही थे और उन्होंने कहा कि "हम अब बेकन क्यों नहीं खाते।"
 
जानकार कहते हैं कि उनके पिछले व्यवहार के मुक़ाबले रिपब्लिकन पार्टी अधिक संयम बरत रही है। कई लोगों का सुझाव है कि बाइडन और डेमोक्रेटिक पार्टी की समस्याओं से ध्यान हटाने से बचने के लिए ट्रंप का खेमा उपराष्ट्रपति के नाम के चयन में देरी भी कर सकता है।
 
राष्ट्रपति पद के लिए मिट रॉमनी के चुनाव प्रचार में काम कर चुके रिपब्लिकन कम्युनिकेशन एक्सपर्ट केविन मैडेन कहते हैं, "अगर आप अभी के चुनाव अभियान की रणनीति और इसके क्रियान्वयन की तुलना 2016 और 2020 के चुनाव अभियान से करें, तो उनके मुक़ाबले यह कहीं अधिक रणनीतिक और कहीं अधिक अनुशासित है।"
 
डेमोक्रेट्स के कदम पर निर्भर ट्रंप की रणनीति
बाइडन की उम्मीदवारी पर डेमोक्रेटिक पार्टी के भीतर से ही विरोध की उठती आवाज़ों के बीच 2016 में ट्रंप के कैंपेन मैनेजर रहे कोरे लेवान्दोव्स्की कहते हैं कि टीवी डिबेट के बाद से ट्रंप का अपनाया रास्ता कारगर साबित हो रहा है। वो कहते हैं, 'बाइडन के अभियान को खुद ही खुद ख़त्म करने दे कर, ट्रंप के चुनाव अभियान ने बेहतर काम किया है।'
 
अभियान की मौजूदा स्थिति शायद वही विस्फोट है जिसकी उम्मीद ट्रंप का अभियान शुरुआत से कर रहा था।
अमेरिकी नागरिकों का दिल जीतने के लिए रिपब्लिकन्स की योजना बाइडन की उम्र को लेकर पहले से ही मौजूद आशंकाओं पर निर्भर रही है।
 
ट्रंप के चुनाव अभियान के मैनेजर क्रिस लासिविटा ने न्यूज वेबसाइट द अटलांटिक के टिम अलबेर्टा को बताया कि उन्होंने बाइडन और ट्रंप के बीच एक असाधारण विज़ुअल के तुलना करने की योजना बनाई थी जिसमें बाइडन बूढ़े और कमजोर दिखें और ट्रंप ताकतकर और ऊर्जा से भरे हुए लगें।
 
केविन मैडेन कहते हैं, 'वो टीवी डिबेट वही था जिसकी हम उम्मीद कर रहे थे। हमें बेहतरीन स्प्लिट-स्क्रीन मिली जो काफी वक्त रहने वाली थी।'
 
हाल में किए गए कुछ सर्वेक्षणों में दिखाई दिया कि भले ही कम मार्जिन से, लेकिन ट्रंप बाइडन से आगे चल रहे हैं। लेकिन ट्रंप के खेमे में भी यह चिंता है, कि बाइडन की फिटनेस को लेकर चिंता बहुत जल्दी बढ़ गई है।
 
डेमोक्रेटिक पार्टी के पास अभी वक्त है, और अगर बाइडन की जगह किसी युवा उम्मीदवार को लाया जाए तो ट्रंप दो जगहों पर मिल रही बढ़त खो सकते हैं, पहला- उम्र, और दूसरा- कमज़ोरी।
 
और मौजूदा राष्ट्रपति के फ़ैसलों और नीतियों में नाकामी के लिए जहां वो बाइडन को आसानी से ज़िम्मेदार ठहरा सकते हैं, वहीं किसी दूसरे उम्मीदवार के लिए ऐसा करना उनके लिए मुश्किल होगा। वोटर मानते हैं कि अर्थव्यवस्था और दक्षिणी सीमा संकट मामले में बाइडन का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है।
 
रिपब्लिकन रणनीतिकार रॉन बॉन्जियन कहते हैं कि ट्रंप के खेमे में "वो चुपचाप बैठे यही उम्मीद कर रहे हैं कि बाइडन ही पद के लिए उम्मीदवार होंगे।"
 
बाइडन की उम्मीदवारी से ट्रंप को फायदा
रॉन बॉन्जियन का कहना है कि उन्हें लगता है कि बाइडन प्रतिद्वंद्वी बने रहे तो उनके लिए मुकाबला आसान होगा। ट्रंप के कुछ करीबी सहयोगियों ने सुझाव दिया है कि वो चाहते हैं कि बाइडन इस रेस में बने रहें।
 
गुरुवार को एक तरफ जब डेमोक्रेटिक पार्टी राष्ट्रपति बाइडन की विशेष प्रेस कॉन्फ्रेंस के असर का विश्लेषण कर रही थी, ट्रंप के बेटे डॉन जूनियर ने बाइडन की तारीफ की। ये लगभग दुर्लभ था। उन्होंने कहा कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में बाइडन का प्रदर्शन "बहुत बुरा नहीं रहा, उन्होंने इतना अच्छा प्रदर्शन किया कि वो इस रेस में बने रह सकते हैं, वो जाना नहीं चाहते।
 
बीते सप्ताह ट्रंप की बहू और नेशनल कमेटी की सह-अध्यक्ष लारा ट्रंप ने सुझाव दिया कि बाइडन को राष्ट्रपति पद की रेस से हटाया जाना लोकतांत्रिक प्रक्रिया के विरुद्ध होगा। हालांकि रॉन बॉन्जियन और अन्य रिपब्लिकन एक्सपर्ट्स ने ये साफ कर दिया है कि अगर रिपब्लिकन पार्टी के लिए नया उम्मीदवार चुनना कठिन है तो डेमोक्रेटिक पार्टी के लिए ये और भी मुश्किल होगा।
 
रिपब्लिकन रणनीतिकार डगलस हेय पूर्व हाऊस मेजोरिटी एरिक कैन्टर के चीफ ऑफ स्टाफ रह चुके हैं। वो कहते हैं, 'हां, इससे ट्रंप के चुनाव अभियान को थोड़ी परेशानी तो होगी। हालांकि उनकी परेशानी, डेमोक्रेट्स को होने वाली परेशानी से कम होगी।'
 
वो कहते हैं, 'उन्हें यह पता लगाना होगा कि बाइडन की जगह वो किसी और को कैसे उम्मीदवार के तौर पर नामांकित करें... उन्हें नए सिरे से नया ढांचा बनाना होगा।'
 
इस बीच रिपब्लिकन पार्टी इस दौड़ में नए उम्मीदवार के तौर पर कमला हैरिस और दूसरे नेताओं के रिकॉर्ड खंगाल रही है। रिपब्लिकन पार्टी मान रही है कि डेमोक्रेटिक पार्टी के लिए बाइडन की जगह किसी और को उतारना भी एक संभावना हो सकती है। डगलस हेय कहते हैं, "फिलहाल वो इसके लिए तैयार नहीं हैं, लेकिन वो तैयारी कर रहे हैं।"
 
अगले सप्ताह, विस्कॉन्सिन के मिलवॉकी में रिपब्लिकन पार्टी का सम्मेलन है जिसमें ट्रंप एक बार फिर मंच पर होंगे। वो आधिकारिक तौर पर अपनी पार्टी का नामांकन स्वीकार करेंगे और इस दौरान प्राइमटाइम भाषण देंगे। इस दौरान दिया गया उनका भाषण अभियान के आख़िरी महीनों के लिए चुनाव की दिशा निर्धारित करेगा।
 
डगलस हेय का ये सुझाव है, 'चार दिन का ये पार्टी सम्मेलन एक ऐसे उम्मीदवार के इर्दगिर्द होगा जो सुर्खियों में रहना पसंद करता है। ट्रंप के लिए पार्टी को ये समझाना आसान होगा कि शांत रहने की उनकी रणनीति से फ़ायदा मिल सकता है।'
 
वो कहते हैं, 'अगर आप आप अपने उम्मीदवार को लंबे समय तक छिपा कर रखते हैं, तो बाद में आपको इसकी क़ीमत चुकानी है। पार्टी का नेतृत्व उनसे कह सकता है कि आपके पास पूरा एक सप्ताह बाक़ी है, और मैदान डोनाल्ड ट्रंप के लिए खाली है।'