रिक्रूटमेंट सेक्टर से जुड़ी कंपनी करियर बिल्डर इंडिया के ताजा सर्वे में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं।
यह सर्वे 400 से ज्यादा कंपनियों के बीच हुआ था, अधिकतर कंपनियों के मुताबिक बदलते माहौल में भी शिक्षण संस्थाएं व्यावहारिक ज्ञान की बजाय किताबी ज्ञान पर ही ज्यादा ध्यान दे रही हैं। इसी तरह 65 प्रतिशत कंपनियों का कहना है कि भारतीय विश्वविद्यालय सीमित भूमिकाओं के लिए ही छात्रों को तैयार कर पा रहे हैं।
आठ प्रतिशत कंपनियां मानती हैं कि छात्रों को इंडस्ट्रीज के मुताबिक तैयार नहीं किया जा रहा है।
सर्वे के मुताबिक 65 प्रतिशत कंपनियां इस साल ज्यादा शुरुआती सैलरी देंगी जबकि 12 प्रतिशत पिछले साल से कम सैलरी देने की योजना बना रही हैं, यही नहीं 94 प्रतिशत कंपनियां तो काबिल उम्मीदवार के लिए अधिक सैलरी पर चर्चा करने को भी तैयार हैं।
कहां रह गई कमियां?
यह तो हो गई कंपनियों की बात लेकिन आखिर ऐसी क्या कमियां हैं युवा पेशेवर लोगों में जो इन्हें आगे बढ़ने से रोकती हैं।
कंपनियों के अनुसार 60 प्रतिशत ग्रैजुएट समस्या सुलझाने में नाकाम सिद्ध हुए हैं। अगर सर्वे के निष्कर्ष को देखेंगे तो आपको पता चल जाएगा कि वे कौन से क्षेत्र हैं जहां आपको अधिक ध्यान देने की जरूरत है।
* क्रिएटिविटी में 56 प्रतिशत छात्र कमजोर
* टीमवर्क में 53 प्रतिशत छात्र कमजोर
* कम्युनिकेशन में 50 प्रतिशत छात्र कमजोर
* लीडरशिप में 49 प्रतिशत छात्र कमजोर
* रिसर्च लेवल पर 45 प्रतिशत छात्र कमजोर
* मैनेजमेंट लेवल पर 39 प्रतिशत छात्र कमजोर
इन आंकड़ों को देखकर कहा जा सकता है कि अब यदि नौकरी पाना है तो पढ़ाई के साथ-साथ इन सारी स्किल्स पर देना होगा ध्यान।