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Last Modified: मंगलवार, 19 दिसंबर 2017 (12:01 IST)

'चाणक्य ने नहीं, ईवीएम और पैसे ने बीजेपी को जिताया'

'चाणक्य ने नहीं, ईवीएम और पैसे ने बीजेपी को जिताया' - Hardik Patel
गुजरात के युवा नेता हार्दिक पटेल ने कहा है कि अहमदाबाद, सूरत और राजकोट में जिन भी सीटों पर जीत का अंतर कम रहा है, वहाँ ईवीएम को लेकर संदेह है। हार्दिक पटेल पाटीदारों को आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं और उन्होंने गुजरात विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को अपना समर्थन दिया था।
 
हार्दिक पटेल ने कहा कि आप मुझसे पूछें कि जिन पाटीदार इलाक़ों में आपकी रैलियों में इतनी भीड़ जुटी थी, वहां आपका जादू नहीं चला? मैं कहूँगा कि ईवीएम के साथ छेड़छाड़ कर भाजपा जीती है। संवाददाताओं से बातचीत में हार्दिक ने कहा, "भाजपा को किसी चाणक्य ने नहीं जिताया, ईवीएम और पैसे के बल पर भाजपा जीती है।"
 
उन्होंने कहा, "अहमदाबाद, सूरत और राजकोट की जिन 12 से 15 सीटों पर हार-जीत का अंतर 200, 400, 800 वोटों का रहा है, वहाँ ईवीएम टैंपरिंग का बड़ा मुद्दा है। मैंने खुद देखा कि जिस भी ईवीएम में रीकाउंटिंग हुई है, वहाँ बदलाव हुआ है। ये बातें ईवीएम को लेकर सोचने पर मजबूर करती हैं।"
 
क्या आंदोलन बेकार था?
हार्दिक पटेल ने कहा विपक्षी दलों को 'ईवीएम हैकिंग' के ख़िलाफ़ एकजुट होना चाहिए। अगर एटीएम हैक हो सकता है तो ईवीएम क्यों हैक नहीं हो सकती?
 
उन्होंने कहा कि पाटीदार इलाकों में बीजेपी के ख़िलाफ़ वोट डाले गए। जो लोग कहते हैं कि हार्दिक का आंदोलन नहीं चला, बता दूं कि ये मेरी अकेले की लड़ाई नहीं है। हार्दिक पटेल ने पूछा कि अब जब भाजपा जीत गई है तो क्या एक करोड़ लोगों का आंदोलन बेकार था।
 
उन्होंने आरोप लगाया कि नमो नाम का वाईफाई क्यों चल रहा था। हमें ये मालूम नहीं है कि हमारा वोट कहां पड़ा। मैं 24 साल का हूं। इस उम्र में मुझे जो पाना था, पा लिया और जो खोना था वो खो दिया।
 
उन्होंने कहा, "जो जीता वही सिकंदर, मैं भाजपा को उसकी जीत के लिए बधाई देता हूँ, लेकिन मैं किसी सियासी पार्टी का नहीं हूं और हमारा आंदोलन आगे भी और मजबूती से और जल्द शुरू होगा।" उन्होंने कहा कि बेरोजगारी के मुद्दे पर लड़ाई जारी रहेगी। हम जेल जाने के लिए तैयार हैं।